बढ़ता व्यापार दर्शाता है मजबूत साझेदारी
पिछले कुछ वर्षों में भारत और स्लोवेनिया के बीच व्यापार में तेज वृद्धि हुई है। यह बढ़त इस बात का स्पष्ट संकेत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। व्यापारिक संबंधों की इसी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में भारत–स्लोवेनिया संयुक्त समिति (JCTEC) की 10वीं बैठक आयोजित की गई, जिसमें व्यापार और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव साकेत कुमार और स्लोवेनिया के विदेश एवं यूरोपीय मामलों के मंत्रालय में आर्थिक, सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक कूटनीति के महानिदेशक पीटर जापेलज ने की। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने आर्थिक सहयोग की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करते हुए भविष्य के लिए एक व्यावहारिक रोडमैप तैयार किया।
भारत के लिए यूरोप से जुड़ने का अवसर
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, मध्य यूरोप में स्थित स्लोवेनिया की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति भारत के लिए यूरोप के साथ व्यापारिक जुड़ाव बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बन सकती है। दोनों देशों के साझा हित और आर्थिक प्राथमिकताएँ ऐसे समय में एक मजबूत आधार तैयार कर रही हैं, जब वैश्विक व्यापार संरचनाओं में तेजी से परिवर्तन हो रहा है।
परामर्श के दौरान कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा, पर्यटन, एमएसएमई और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों सहित कई क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में पारस्परिक निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगों के बीच साझेदारी मजबूत करने पर सहमति जताई।
आर्थिक साझेदारी होगी और मजबूत
10वीं JCTEC बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत स्लोवेनिया के साथ अपनी साझेदारी को केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानता है। साझा मूल्यों और दीर्घकालिक विश्वास पर आधारित यह सहयोग भविष्य में यूरोप के साथ भारत की गहन भागीदारी का आधार बन सकता है।
भारत और EU के बीच संभावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट बहुपक्षीय व्यापारिक ढाँचों को नया आयाम देने की क्षमता रखता है। यदि यह समझौता जल्द अंतिम रूप लेता है, तो भारतीय उद्योगों, स्टार्टअप, विनिर्माण क्षेत्र और सेवाओं में नई ऊर्जा का संचार होगा।

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