अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत का निर्यात तेज!

नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा अपने टैरिफ बढ़ाने के बावजूद भारत ने निर्यात के मोर्चे पर मजबूती बनाए रखी है। वाणिज्य मंत्रालय ने संसदीय स्थायी समिति को बताया कि अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच भारत के आउटबाउंड शिपमेंट पिछले वर्ष की तुलना में बढ़े हैं, जो घरेलू उत्पादन और सप्लाई चेन की मजबूती को दर्शाता है।

अमेरिका की टैरिफ बढ़ोतरी का असर नहीं

संसदीय समिति की बैठक में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ का भारत के निर्यात पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। समिति की अध्यक्ष डोला सेन के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की समीक्षा की गई।

अधिकारीयों ने कहा कि मजबूत घरेलू उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के कारण भारत निर्यात वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम है। वहीं कुछ सांसदों ने सवाल उठाया कि अमेरिका जैसे साझेदार देश पर विकासशील अर्थव्यवस्था को दबाव क्यों डाल रहे हैं।

उद्योगों की चिंताएं

बैठक में कॉफी, टी और सिल्क उद्योग के प्रतिनिधियों ने शिकायतें दर्ज कराईं। उनका कहना था कि बढ़ती उत्पादन लागत और वैश्विक बाजार में अवसरों की कमी से निर्यातकों पर दबाव बढ़ा है। साथ ही अमेरिकी डॉलर की मजबूती और रुपया की कमजोरी ने आयात-निर्यात समीकरण को प्रभावित किया है। सांसदों ने यह भी बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ घरेलू उद्योगों तक नहीं पहुँच रहा, जिससे उत्पादन लागत में राहत नहीं मिल रही।

सरकार की रणनीति

वाणिज्य मंत्रालय ने समिति को आश्वस्त किया कि सभी सवालों और शिकायतों का दो सप्ताह के भीतर लिखित उत्तर दिया जाएगा। समिति की अगली बैठक 16 दिसंबर को होगी, जिसमें विदेश सचिव और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित होंगे। इसके साथ ही FICCI और CII जैसे उद्योग संगठनों को भी बुलाने पर विचार किया जा रहा है।

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