क्यों रोका गया वेतन?
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में कामकाज को ई-आफिस प्रणाली के माध्यम से संचालित करने का आदेश दिया था। इसके तहत सभी पत्रावली और दस्तावेज़ एक पटल से दूसरे पटल पर डिजिटल माध्यम से ही भेजे जाएंगे।
अधिकारी इसी प्रणाली के माध्यम से आदेश जारी करेंगे। हालांकि, 21 अगस्त से 20 नवंबर तक की समीक्षा में पाया गया कि 37 विभागों के कर्मचारी और अधिकारी न तो ई-आफिस में लॉगिन किए और न ही किसी पत्रावली का मूवमेंट किया।
कार्रवाई और नोटिस
सीडीओ नूपुर गोयल ने स्पष्ट किया कि इन 380 कर्मचारियों का नवंबर वेतन रोक दिया गया है। संबंधित विभागाध्यक्षों को स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इस कार्रवाई से जिले के सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों में ई-आफिस का पालन करने की जिम्मेदारी को लेकर सख्ती का संदेश भी साफ तौर पर दिया गया है।
सख्त निर्देश और भविष्य की तैयारी
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि अब से कोई भी पत्रावली केवल ई-आफिस के माध्यम से ही चलेगी। इस प्रणाली के पालन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से मेरठ में सरकारी कार्य प्रणाली डिजिटल और पारदर्शी होगी और लंबित पत्रावलियों के मामलों में तेजी आएगी।

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