केंद्र सरकार के ये सख्त निर्देश, सभी को जानना है जरूरी!

नई दिल्ली। देश में चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब कोई भी मेडिकल डिवाइस बिना भारतीय लाइसेंस के खरीदा या बेचा नहीं जा सकेगा। सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि हर अस्पताल, सरकारी खरीद एजेंसी और निजी संस्थान को मेडिकल डिवाइस की खरीद में सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन) या संबंधित राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस की अनिवार्य रूप से जाँच करनी होगी।

विदेशी सर्टिफिकेशन के भ्रम को खत्म किया

लंबे समय से कई संस्थाएँ मेडिकल डिवाइस की खरीद में विदेशी प्रमाणपत्र जैसे यूएस FDA या अन्य देशों के नियामक मानकों को अनिवार्य समझती थीं। केंद्र सरकार ने इस धारणा को गलत ठहराते हुए स्पष्ट कहा है कि भारतीय बाजार में केवल भारतीय नियमों के अनुरूप प्रमाणित उपकरण ही वैध माने जाएंगे।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने औषधि निरीक्षकों को जारी निर्देश में कहा है कि चाहे उपकरण देश में निर्मित हो, बेचा जा रहा हो, वितरित किया जा रहा हो या आयात होकर आ रहा हो, हर स्थिति में भारतीय लाइसेंस अनिवार्य है।

टेंडर प्रक्रियाओं में बड़े बदलाव अनिवार्य

स्वास्थ्य मंत्रालय ने खरीद एजेंसियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि विदेशी प्रमाणपत्र को आधार बनाकर उपकरण खरीदना न केवल गलत है, बल्कि कई बार इससे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। अब सभी अस्पतालों, सरकारी संस्थानों और खरीद विभागों को अपने टेंडर दस्तावेजों में बदलाव करना होगा। 

टेंडर में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना जरूरी होगा कि उपकरण केवल भारतीय लाइसेंसधारी कंपनियों से ही खरीदे जाएंगे, सीडीएससीओ या राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण का वैध प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा, विदेशी प्रमाणपत्र केवल अतिरिक्त जानकारी के रूप में माना जाएगा, आधार के रूप में नहीं। 

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