बिहार मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस बदलाव को लेकर आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। नए नियमों के तहत लिखित परीक्षा 75 अंकों की होगी, जबकि अभ्यर्थियों के कार्य अनुभव को अधिकतम 25 अंकों तक मान्यता दी जाएगी। इस प्रकार कुल 100 अंकों के मूल्यांकन के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी।
लिखित परीक्षा आयोग कराएगा
स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार, लिखित परीक्षा का आयोजन संबंधित आयोग के माध्यम से किया जाएगा। यह परीक्षा अनिवार्य होगी और उसमें न्यूनतम अर्हतांक प्राप्त करना सभी अभ्यर्थियों के लिए जरूरी होगा।
कार्य अनुभव के लिए तय मापदंड
नए नियमों के अनुसार, अभ्यर्थियों को पूर्व अनुभव के आधार पर प्रति वर्ष पांच अंक दिए जाएंगे। अधिकतम पांच वर्षों के अनुभव को ही मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा, यानी 25 अंकों तक का अनुभव ही मान्य होगा। हालांकि यह अनुभव केवल राज्य के अंतर्गत किसी भी गैर निजी प्रयोगशाला — जैसे कि बिहार सरकार, केंद्र सरकार, नगर पालिका, पंचायती राज संस्थान, सार्वजनिक उपक्रम अथवा सैन्य सेवाओं के अंतर्गत अनुबंध पर की गई सेवा — को ही मान्यता प्राप्त होगी।
अधिमानता का लाभ सीमित
महत्वपूर्ण यह है कि कार्य अनुभव से मिलने वाले अधिमानता अंकों का लाभ केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगा जो लिखित परीक्षा में न्यूनतम अर्हतांक प्राप्त करेंगे। इस प्रावधान का उद्देश्य योग्यता और अनुभव दोनों का संतुलन बनाए रखना है।
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