स्पर्म कैसे बनते हैं? जानिए पुरुष प्रजनन की अद्भुत प्रक्रिया

साइंस डेस्क: मनुष्य की उत्पत्ति में शुक्राणुओं (स्पर्म) की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। यह सूक्ष्म लेकिन अत्यंत जटिल कोशिका पुरुष प्रजनन प्रणाली का केंद्रबिंदु है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्पर्म बनते कैसे हैं? आइए समझते हैं इस जैविक चमत्कार को, जो शरीर के भीतर हर दिन चुपचाप घटित होता रहता है।

अंडकोष से होती है शुरुआत

स्पर्म बनने की प्रक्रिया को स्पर्मेटोजेनेसिस (Spermatogenesis) कहा जाता है। यह प्रक्रिया पुरुषों के अंडकोषों (Testes) में स्थित सेमिनिफेरस ट्यूब्यूल्स में होती है। यही वह जगह है जहाँ प्रारंभिक कोशिकाएँ कई चरणों में विभाजित होकर परिपक्व स्पर्म का रूप लेती हैं।

कैसे बनता है स्पर्म?

स्पर्मेटोजेनेसिस तीन मुख्य चरणों में होती है:

1 .प्रारंभिक कोशिकाओं का विभाजन (Mitosis)

इसमें स्पर्मेटोगोनिया नामक कोशिकाएँ सामान्य विभाजन के ज़रिए खुद की प्रतिलिपि बनाती हैं।

2 .मीयोटिक विभाजन (Meiosis)

इसके बाद ये कोशिकाएँ मीयोसिस नामक विशेष विभाजन से गुजरती हैं, जिससे प्रत्येक कोशिका में आधा क्रोमोसोम (23) रह जाता है। यह आवश्यक है क्योंकि निषेचन के समय 23 क्रोमोसोम अंडाणु से मिलकर कुल 46 होते हैं।

3 .परिपक्वता की प्रक्रिया (Spermiogenesis)

अंत में, इन कोशिकाओं का आकार बदलता है और यह पूंछ (Tail) विकसित करती हैं, जिससे वे गतिशील बनती हैं और एक परिपक्व शुक्राणु का रूप लेती हैं।

कितने समय में बनता है एक स्पर्म?

एक स्पर्म बनने में औसतन 64 से 72 दिन का समय लगता है। लेकिन यह प्रक्रिया शरीर में लगातार चलती रहती है, जिससे एक स्वस्थ पुरुष के शरीर में हर दिन लगभग 100 से 300 मिलियन स्पर्म बनते हैं। यह प्रजनन क्रिया के लिए जरुरी होता हैं।

हार्मोन्स का क्या रोल है?

स्पर्म निर्माण की पूरी प्रक्रिया हार्मोन्स पर निर्भर करती है। मुख्यतः तीन हार्मोन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

1 .FSH (Follicle Stimulating Hormone) – स्पर्म उत्पादन को शुरू करता है

2 .LH (Luteinizing Hormone) – टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को सक्रिय करता है

3 .Testosterone – स्पर्म की परिपक्वता और यौन विशेषताओं के लिए आवश्यक हैं।

जीवनशैली का प्रभाव

स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या पर जीवनशैली का सीधा असर होता है। धूम्रपान, शराब, अत्यधिक तनाव, मोबाइल रेडिएशन और खराब खानपान शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को कम कर सकते हैं। वहीं, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद स्पर्म गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं।

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