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BRICS से क्यों डरता है अमेरिका? जानें 5 बड़ी बातें

नई दिल्ली। BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) एक ऐसा संगठन बनकर उभरा है, जिसने वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक संतुलन को चुनौती देना शुरू कर दिया है। हाल ही में इसमें नए सदस्य देशों के शामिल होने की प्रक्रिया और डॉलरी अर्थव्यवस्था से हटकर वैकल्पिक मुद्रा प्रणाली पर जोर ने अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ा दी है। अब सवाल ये है कि आखिर क्यों अमेरिका BRICS से डरता है?

1. डॉलर की बादशाहत को चुनौती

विश्व व्यापार का अधिकांश हिस्सा अमेरिकी डॉलर में होता है, जिससे अमेरिका को आर्थिक रूप से जबरदस्त ताकत मिलती है। लेकिन BRICS अब एक साझा करेंसी या व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग पर काम कर रहा है। इससे डॉलर की वैश्विक स्थिति कमजोर हो सकती है, जो अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

2. तेजी से बढ़ती आर्थिक ताकत

BRICS देशों की संयुक्त GDP अब कई मामलों में G7 देशों को टक्कर देने लगी है। चीन और भारत जैसे देशों की आर्थिक वृद्धि, रूस की ऊर्जा शक्ति, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका की प्राकृतिक संसाधन संपन्नता, इन सबने मिलकर BRICS को एक आर्थिक महाशक्ति बना दिया है। यह अमेरिका की आर्थिक एकाधिकार नीति को चुनौती देता है।

3. नई विश्व व्यवस्था की पहल

BRICS देश "नया विश्व व्यवस्था" (New World Order) स्थापित करने की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें पश्चिमी देशों की बजाय विकासशील देशों को अधिक प्रतिनिधित्व और अधिकार मिले। अमेरिका को आशंका है कि इससे उसकी वैश्विक नेतृत्व की भूमिका कमजोर हो सकती है।

4. भूराजनीतिक मोर्चे पर चुनौती

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच BRICS देशों की सामूहिक स्थिति ने अमेरिका की कूटनीतिक नीतियों को मुश्किल में डाल दिया है। अमेरिका के दबावों के बावजूद BRICS देश स्वतंत्र विदेश नीति अपना रहे हैं, जिससे अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कम हो रहा है।

5. विकासशील देशों का नया मंच

BRICS अब केवल एक आर्थिक संगठन नहीं, बल्कि विकासशील देशों के लिए एक मंच बन चुका है। यह G7 जैसे पश्चिमी संगठनों का वैकल्पिक मंच बनकर उभर रहा है, जिससे अमेरिका के नेतृत्व वाले वैश्विक ढांचे को चुनौती मिल रही है। इससे वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया में अमेरिका का वर्चस्व कमजोर हो सकता है।

RRC Recruitment 2025: 3100+ पदों पर भर्ती

कोलकाता। रेलवे भर्ती सेल (RRC), ईस्टर्न रेलवे ने वर्ष 2025 के लिए अप्रेंटिस पदों पर बंपर भर्तियों की घोषणा की है। कुल 3115 पदों के लिए भर्ती की जाएगी, जिसमें 10वीं पास और आईटीआई (ITI) प्रमाणपत्र धारक युवा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक अभ्यर्थी 14 अगस्त 2025 से 13 सितंबर 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट rrcer.org पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

पदों का विवरण:

ईस्टर्न रेलवे के विभिन्न डिवीजनों और वर्कशॉप्स में यह भर्ती की जा रही है। इन पदों पर चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा।

योग्यता:

आवेदन के लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं कक्षा (मैट्रिक) उत्तीर्ण होना चाहिए। मान्यता प्राप्त संस्थान से NCVT/SCVT से संबंधित ट्रेड में ITI पास होना अनिवार्य है।

आयु सीमा:

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु: 15 वर्ष, अधिकतम आयु: 24 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। (आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु में छूट दी जाएगी।)

आवेदन शुल्क:

सामान्य व ओबीसी अभ्यर्थी के लिए आवेदन शुल्क ₹100/- (गैर-वापसी योग्य), एससी/एसटी/महिला/दिव्यांग (PwBD) अभ्यर्थियों के लिए कोई शुल्क नहीं। शुल्क का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है।

आवेदन प्रक्रिया:

आधिकारिक वेबसाइट rrcer.org पर जाएं। "Apprentice Recruitment 2025" लिंक पर क्लिक करें। आवश्यक विवरण भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें। शुल्क का भुगतान करें और फॉर्म सबमिट करें। भविष्य के लिए आवेदन पत्र की एक प्रति सुरक्षित रखें।

कर्ज में डूबा अमेरिका, भारत को दे रहा आर्थिक ज्ञान

नई दिल्ली। आज के समय में अमेरिका आर्थिक संकट की गहरी खाई में फंसा हुआ है। 37 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज के बोझ तले दबा यह महाशक्ति देश, खुद आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है, फिर भी भारत जैसे विकासशील देश को आर्थिक ज्ञान देने का दावा कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर भारत-अमेरिका के बीच व्यापार तनाव को और बढ़ा दिया है।

अमेरिका का बढ़ता कर्ज, बढ़ती चिंताएं

अमेरिका का कुल राष्ट्रीय कर्ज अब 37 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुका है। इसके साथ ही सालाना ब्याज भुगतान की राशि 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। यह बढ़ता हुआ कर्ज अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को आर्थिक ज्ञान दे रहे हैं।

वैश्विक राजनीति और व्यापार पर असर

अमेरिका की कर्ज समस्या ने उसकी वैश्विक आर्थिक रणनीति को भी प्रभावित किया है। चीन के साथ व्यापार युद्ध के दौरान ट्रंप की कुछ नरम नीति भी कर्ज के दबाव को कम करने का हिस्सा मानी जा रही है। वहीं, भारत पर टैरिफ लगाने और रूस को लेकर ट्रंप की कड़ी टिप्पणियां अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों में जटिलता पैदा कर रही हैं।

ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं को "मरी हुई" बताकर दोनों देशों पर तीखी आलोचना की, जबकि स्वयं अमेरिका कर्ज के गहरे जाल में फंसा है। ये बयान इस तथ्य को उजागर करते हैं कि अमेरिका अपनी आर्थिक चुनौतियों के बावजूद कैसे अन्य देशों को आर्थिक ज्ञान देने का दावा करता है।

कर्ज की समस्या का प्रभाव

वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका का कर्ज संकट न केवल उसकी अपनी अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा है। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देशों को आर्थिक ज्ञान देने का दावा करना थोड़ा विडंबनापूर्ण लगता है। असल में, यह वक्त दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे मिलकर आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए ठोस कदम उठाएं, बजाय आरोप लगाने के।

यूपी में 'पुलिस भर्ती' को लेकर बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब सभी पुलिस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) प्रणाली के तहत सिर्फ एक बार पंजीकरण करना होगा। यह नई प्रणाली गुरुवार से लागू कर दी गई है, जिससे पुलिस भर्ती प्रक्रिया में बड़ी सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रणाली क्या है?

ओटीआर प्रणाली का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को सरल और अभ्यर्थियों के लिए कम जटिल बनाना है। इस प्रक्रिया के तहत, उम्मीदवारों को बार-बार अलग-अलग भर्तियों के लिए आवेदन करते समय अपनी व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारी दर्ज नहीं करनी पड़ेगी। एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद, वह विभिन्न पदों के लिए आवेदन आसानी से कर सकेंगे। इससे न केवल आवेदन प्रक्रिया में समय की बचत होगी, बल्कि त्रुटियों की संभावना भी कम होगी।

आवेदन प्रक्रिया और सहायता:

उप्र पुलिस भर्ती बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक के अनुसार, इच्छुक अभ्यर्थी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर जाकर ओटीआर के लिए निर्धारित लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। यहाँ वे अपनी आवश्यक जानकारी भरकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। वेबसाइट पर इस प्रक्रिया को समझने के लिए ‘त्वरित पूछे जाने वाले सवाल’ (FAQs) और एक सहायता वीडियो भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे अभ्यर्थियों को आवेदन भरने में आसानी हो।

यदि किसी अभ्यर्थी को पंजीकरण या आवेदन प्रक्रिया के दौरान कोई समस्या आती है, तो वे सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक हेल्पलाइन नंबर 1800 9110 005 पर संपर्क कर सकते हैं। इससे आवेदन प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सकेगा।

इस बदलाव का महत्व:

वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू करने का मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, विश्वसनीय और सरल बनाना है। इससे आवेदन देने वालों को बार-बार दस्तावेज और सूचनाएं भरने की झंझट से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, भर्ती बोर्ड को भी आवेदन की समीक्षा और चयन प्रक्रिया में आसानी होगी।

हर दिन 'मैगी' खाने से होंगे 5 बड़े नुकसान, तुरंत जानें

हेल्थ डेस्क। फास्ट फूड का क्रेज़ आज हर उम्र के लोगों में देखा जा रहा है, और जब बात मैगी की हो, तो शायद ही कोई मना कर सके। 2 मिनट में तैयार होने वाली यह इंस्टेंट नूडल बच्चों से लेकर बड़ों तक की पहली पसंद बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना मैगी खाना आपकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है?

1. पाचन तंत्र पर असर

मैगी में फाइबर की मात्रा बेहद कम होती है, जिससे रोजाना इसका सेवन करने से पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। यह कब्ज़ और एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।

2. ब्लड प्रेशर का खतरा

मैगी में मौजूद नमक और सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ाने में योगदान दे सकती है। लगातार सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

3. वजन बढ़ाने का कारण

मैगी में मौजूद सैचुरेटेड फैट और कार्बोहाइड्रेट शरीर में वसा जमा करने का काम करते हैं। यह मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज का कारण बन सकता है।

4. पोषण की कमी

हालांकि मैगी खाने में स्वादिष्ट होती है, लेकिन इसमें जरूरी पोषक तत्व—जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है। रोज़ इसे खाने से शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता।

5. किडनी पर दबाव

हाई सोडियम लेवल और प्रिज़रवेटिव्स की मौजूदगी किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही किडनी या ब्लड प्रेशर से जूझ रहे हैं।

भारत का ग्रोथ 6.5%, अमेरिका 1.9% – किसकी अर्थव्यवस्था मरी हुई?

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान देकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा करते हुए भारत और रूस की अर्थव्यस्थाओं को “मरी हुई” करार दिया है। उनका यह बयान अमेरिका में चुनावी सरगर्मियों के बीच आया है, लेकिन भारत में इसके राजनीतिक और आर्थिक असर पर चर्चा शुरू हो गई है।

ट्रंप ने कहा, "मुझे फर्क नहीं पड़ता भारत और रूस क्या कर रहे हैं। फर्क इस बात से पड़ता है कि ये दोनों मिलकर अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को नीचे ले जा रहे हैं। भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे ऊंचे हैं, हमने इनके साथ बहुत कम व्यापार किया है।" हालांकि, ट्रंप के इस बयान को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या यह वास्तव में आर्थिक हकीकत को दर्शाता है या फिर यह केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।

भारत को लेकर आईएमएफ का अनुमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 29 जुलाई को वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की। इसमें भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर सकारात्मक अनुमान जताया गया। IMF ने वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत बताई है। अमेरिका के लिए यह अनुमान मात्र 1.9 प्रतिशत है। आईएमएफ ने अपने आकलन में भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर और सतत विकास की दिशा में अग्रसर बताया है।

विश्व बैंक और एडीबी ने भी जताया भरोसा

विश्व बैंक ने अप्रैल में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.3% कर दिया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 23 जुलाई को कहा कि भारत की विकास दर 2025 में 6.5% और 2026 में 6.7% रह सकती है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की घरेलू मांग और निवेश प्रवाह मजबूत हैं, जो इसे वैश्विक मंदी के प्रभाव से बचाते हैं।

रेटिंग एजेंसियां भी आशावादी

ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां मूडीज, एसएंडपी और फिच ने भी भारत की आर्थिक संभावनाओं पर विश्वास जताया है: मूडीज: 2025 में 6.3% और 2026 में 6.5% की विकास दर का अनुमान, एसएंडपी ग्लोबल: 2025-26 के लिए अनुमान 6.5%, फिच रेटिंग्स: 2028 तक के लिए औसत वार्षिक विकास दर 6.4%, इन अनुमानों से स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल जीवंत है, बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ विकास के मार्ग पर भी है।

भारत का जवाब – विकास ही प्रमाण है

भारत सरकार की ओर से अभी तक ट्रंप के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं का मानना है कि ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मजबूत होती छवि को नजरअंदाज करने की कोशिश हैं।

ताकत का पावरहाउस है 'लाल किशमिश', ये 6 रोग रखे दूर!

हेल्थ डेस्क। स्वस्थ जीवनशैली की खोज में जब हम सुपरफूड्स की बात करते हैं, तो अक्सर महंगे और विदेशी नामों की चर्चा होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी रसोई में मौजूद एक साधारण सी चीज—लाल किशमिश—एक शक्तिशाली प्राकृतिक औषधि है? इसे नियमित रूप से सेवन करने से न केवल शरीर को ऊर्जा मिलती है, बल्कि यह कई बीमारियों से भी सुरक्षा देती है।

1. एनीमिया (खून की कमी) से राहत

लाल किशमिश में भरपूर मात्रा में आयरन, कॉपर और विटामिन B-कॉम्प्लेक्स पाया जाता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए ये बेहद फायदेमंद है।

2. पाचन तंत्र को मजबूत बनाए

लाल किशमिश में मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करता है और पाचन क्रिया को सुचारु रखता है। सुबह भिगोकर खाई गई किशमिश पेट को साफ करती है और गैस-एसिडिटी से भी राहत देती है।

3. हड्डियों को बनाए मजबूत

इसमें मौजूद कैल्शियम और बोरॉन हड्डियों की मजबूती बढ़ाते हैं। बढ़ती उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) से बचाव में लाल किशमिश अहम भूमिका निभा सकती है।

4. दिल को रखे स्वस्थ

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर लाल किशमिश शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। यह ब्लड प्रेशर को भी संतुलित करने में मदद करती है।

5. इम्यूनिटी को दे बूस्ट

लाल किशमिश विटामिन C और कई आवश्यक मिनरल्स का अच्छा स्रोत है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। मौसमी बुखार, खांसी-जुकाम से लड़ने में यह सहायक है।

6. आंखों की रोशनी बनाए तेज

लाल किशमिश में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स और विटामिन A आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह आंखों में जलन और थकावट को भी कम करता है।

कैसे करें सेवन?

रातभर 5–7 लाल किशमिश को पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं। इससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और पाचन भी मजबूत होता है।

यूपी में "दिहाड़ी मजदूरों" के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के श्रमिक वर्ग, विशेषकर दिहाड़ी और प्रवासी मजदूरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अब इन मजदूरों को न चौराहों पर घंटों खड़े रहना होगा और न ही फुटपाथ पर रातें गुजारनी पड़ेंगी। सरकार की नई योजना – “विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना” – एक समावेशी और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ सामने आई है, जिसका उद्देश्य श्रमिकों को न केवल सम्मानजनक जीवन देना है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाना भी है।

पहले चरण में 17 नगर निगम

योजना का पहला चरण राज्य के 17 प्रमुख नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा-ग्रेटर नोएडा जैसे औद्योगिक केंद्रों में लागू किया जाएगा। यहां डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे – जैसे कि स्वच्छ शौचालय, वॉशरूम, आरामदायक प्रतीक्षालय, श्रमिक पंजीकरण कक्ष, डिजिटल सेवा काउंटर और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाले विशेष डेस्क।

सिर्फ काम नहीं, कौशल विकास भी

इस योजना का फोकस केवल श्रमिकों को रोजगार से जोड़ना नहीं है, बल्कि उन्हें दीर्घकालिक रूप से सक्षम बनाना है। इन केंद्रों में कौशल विकास प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे श्रमिक अपने कार्यक्षेत्र में दक्षता हासिल कर सकें और बेहतर वेतन वाली नौकरियों के लिए पात्र बन सकें। इससे उन्हें बार-बार बेरोजगारी का सामना नहीं करना पड़ेगा, और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

5 से 15 दिन तक कम शुल्क में सुरक्षित आवास

इस योजना के अंतर्गत प्रवासी निर्माण श्रमिकों को 5 से 15 दिनों तक स्वच्छ, सुरक्षित और सस्ती दरों पर हॉस्टल में रहने की सुविधा दी जाएगी। इन हॉस्टलों में स्नानघर, शौचालय और सामूहिक आवास की पूरी व्यवस्था होगी। इन्हें भारतीय श्रमिक आंदोलन के नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर समर्पित किया जाएगा, जिन्होंने श्रमिक अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया।

स्वास्थ्य, भोजन और रोजगार – एक ही स्थान पर

ये सराय केवल रहने की जगह नहीं होंगी, बल्कि श्रमिकों के लिए एक संपूर्ण सहायता केंद्र की तरह काम करेंगी। यहां स्वास्थ्य सेवाएं, पौष्टिक भोजन और रोजगार मार्गदर्शन जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी की जाएंगी। साथ ही, इन्हें सरकार के रोजगार पोर्टल और स्थानीय ठेकेदारों से जोड़ा जाएगा, जिससे श्रमिक सीधे काम पाने वालों तक पहुंच सकें।

डॉक्टर भी हैरान! पुरुषों के वीर्य को बढ़ाने वाली ये 4 सीक्रेट चीजें

हेल्थ डेस्क। आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में पुरुषों के शारीरिक स्वास्थ्य, विशेषकर प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता जा रहा है। खानपान में कमी, नींद की अनियमितता, तनाव और व्यायाम की कमी जैसे कारणों से वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा दोनों प्रभावित होती हैं। लेकिन अब विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ प्राकृतिक चीजें ऐसी हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के वीर्य उत्पादन को बढ़ा सकती हैं। 

1. अश्वगंधा – आयुर्वेद का चमत्कारी टॉनिक

अश्वगंधा को लंबे समय से पुरुषों की ताकत और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है। यह तनाव को कम करता है, टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ाता है और वीर्य की मात्रा में सुधार लाता है। एक रिसर्च के अनुसार, नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करने वाले पुरुषों में वीर्य गुणवत्ता में 17% तक का सुधार देखा गया।

2. शुद्ध देसी घी – ऊर्जा और पोषण का खजाना

देसी घी शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखता है और हार्मोन बैलेंस को सुधारता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स पुरुषों के हॉर्मोनल हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं, जिससे वीर्य उत्पादन को प्राकृतिक रूप से बढ़ावा मिलता है।

3. कद्दू के बीज – मिनरल्स से भरपूर सुपरफूड

बता दें की कद्दू के बीज ज़िंक और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होते हैं, जो वीर्य की गुणवत्ता और स्पर्म काउंट बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह प्रजनन प्रणाली को मज़बूत बनाते हैं और पुरुषों की संतानोत्पत्ति क्षमता को बेहतर करते हैं।

4. सफेद मूसली – नैचुरल टेस्टोस्टेरोन बूस्टर

सफेद मूसली एक दुर्लभ लेकिन शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, जो वीर्य की गाढ़ापन, मात्रा और स्पर्म गतिशीलता में उल्लेखनीय सुधार लाती है। यह पुरुषों की यौन ऊर्जा को भी बढ़ाती है और थकावट को दूर करती है।

बिहार में स्कूल विलय पर सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के विलय को लेकर एक अहम फैसला लिया है, जो अभिभावकों, शिक्षक संगठनों और स्थानीय समुदायों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस निर्णय का मूल उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को व्यावहारिक, सुलभ और छात्रों के हित में बनाना है।

विरोध की पृष्ठभूमि

प्रदेशभर में चल रहे स्कूलों के विलय अभियान को लेकर कई जिलों में शिक्षक संगठनों और अभिभावकों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। मुख्य आपत्ति यह थी कि विलयित स्कूल बच्चों के घरों से काफी दूर स्थित हैं, जिससे छोटे बच्चों के लिए नियमित रूप से स्कूल जाना मुश्किल हो सकता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहाँ परिवहन की सुविधा सीमित है, यह फैसला व्यवहारिक रूप से अनुपयुक्त साबित हो रहा था।

सरकार की नई गाइडलाइन

इस विरोध और जमीनी सच्चाई को देखते हुए उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि अब ऐसे किसी भी विद्यालय का विलय नहीं किया जाएगा जहाँ विद्यालय की दूरी एक किलोमीटर से अधिक है। जहाँ छात्रों की संख्या 50 से अधिक है। इस नई नीति के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि शिक्षा बच्चों के लिए कठिनाई नहीं, बल्कि आसानी का माध्यम बने। छात्रों की भलाई और अभिभावकों की चिंता को प्राथमिकता देते हुए यह दिशा-निर्देश तैयार किया गया है।

फैसले का प्रभाव

इस निर्णय से उन स्कूलों को राहत मिलेगी जो विलय की प्रक्रिया में थे और जहाँ शिक्षक, अभिभावक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे थे। इसके साथ ही, शिक्षा व्यवस्था में स्थायित्व और भरोसे की भावना को भी बल मिलेगा। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से राहतभरा साबित होगा, जहाँ भौगोलिक दूरी और संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती रही है।

8वें वेतन आयोग: लेवल-5 (GP-2800) वालों की नई सैलरी?

नई दिल्ली। देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की निगाहें इस समय एक ही चीज पर टिकी हैं – 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission)। हर सरकारी दफ्तर और मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी चर्चा चल रही हैं की 8वें वेतन आयोग में कितनी सैलरी बढ़ेगी।

8वां वेतन आयोग: क्या है खास?

वेतन आयोग हर 10 वर्षों में केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन संरचना की समीक्षा करता है और बढ़ते जीवनयापन के खर्च को ध्यान में रखते हुए संशोधन की सिफारिश करता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और अब 2026 में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की संभावना जताई जा रही है।

फिटमेंट फैक्टर: सैलरी बढ़ोतरी की चाबी

वेतन संशोधन का सबसे अहम पहलू होता है फिटमेंट फैक्टर। यही वो गुणक है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा कर नई बेसिक सैलरी तय होती है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर था 2.57, 8वें वेतन आयोग में संभावित अनुमान 1.92 (रूढ़िवादी अनुमान), 2.08 (मध्यम अनुमान), 2.86 (आशावादी अनुमान), हालांकि बजटीय आंकड़ों और पिछली प्रवृत्तियों को देखते हुए 1.92 का अनुमान सबसे अधिक व्यावहारिक माना जा रहा है।

लेवल-5 कर्मचारियों की नई सैलरी: अनुमानित गणना। 

8वें वेतन आयोग में ₹29,200 की मौजूदा बेसिक सैलरी पर 1.92, 2.08 और 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर नई बेसिक सैलरी क्रमशः ₹56,064, ₹60,736 और ₹83,512 हो सकती है। हालांकि अभी सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं हुई हैं। 

कब 8वां वेतन आयोग लागू होगा?

हालांकि सरकार की ओर से अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन कर्मचारियों की यूनियन और संगठनों द्वारा लगातार मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि 2026 तक इसे लागू किया जा सकता है।

यूपी में इन "कर्मचारियों" के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला लिया है। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापनों के आधार पर हुई थी, लेकिन किसी कारणवश वे पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ नहीं ले सके थे, उन्हें अब एक और मौका दिया गया है। राज्य सरकार ने ऐसे सभी पात्र कर्मचारियों को 30 सितंबर 2025 तक OPS का विकल्प चुनने की अंतिम छूट दी है।

क्या है मामला?

वर्ष 2005 के बाद से केंद्र और अधिकांश राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू कर दिया था। इसके तहत नए नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी गारंटीड पेंशन योजना से वंचित कर दिया गया और उन्हें मार्केट-आधारित पेंशन प्रणाली में शामिल कर दिया गया। हालांकि, वर्षों से यह मांग उठती रही है कि जिनकी नियुक्ति पुराने विज्ञापनों के तहत हुई थी, उन्हें पुरानी योजना का लाभ मिलना चाहिए।

इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 जून 2024 को एक आदेश जारी करते हुए पात्र कर्मचारियों को OPS चुनने का विकल्प 31 अक्टूबर 2024 तक देने की बात कही थी। इसके अनुसार, नियुक्ति प्राधिकारी को 31 मार्च 2025 तक OPS से संबंधित आदेश जारी करने थे। लेकिन कई कर्मचारी समय रहते विकल्प प्रस्तुत नहीं कर सके या नियुक्ति प्राधिकारी की ओर से आदेश जारी नहीं हो सके।

अब क्या हुआ है?

राज्य सरकार ने एक संवेदनशील और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए इस प्रक्रिया में शामिल सभी कर्मचारियों को एक अंतिम मौका देने का निर्णय लिया है। अब: OPS का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 कर दी गई है। नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा आदेश जारी करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 रखी गई है। संबंधित NPS खाता 28 फरवरी 2026 तक बंद किया जा सकेगा।

कौन होंगे लाभार्थी?

यह विकल्प उन्हीं कर्मचारियों के लिए मान्य है, जिनकी नियुक्ति 28 मार्च 2005 से पहले निकाले गए विज्ञापनों के आधार पर हुई थी, लेकिन उनकी सेवा जॉइनिंग या आदेश किसी कारण से बाद में हुआ था। यानी सेवा में आने की तिथि चाहे बाद की हो, यदि विज्ञापन पुरानी तारीख का है, तो वह कर्मचारी पात्र होगा।

भिंडी खाएं, सेहत बनाएं: जानें इसके 10 जबरदस्त फायदे

हेल्थ डेस्क। भिंडी, जिसे कई क्षेत्रों में "लेडीफिंगर" या "रामतोरई" के नाम से जाना जाता है, भारतीय थाली की एक आम लेकिन बेहद पोषक सब्ज़ी है। स्वाद और सेहत का अनोखा मेल रखने वाली यह हरी सब्जी ना केवल घर-घर में लोकप्रिय है, बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।

यहाँ जानिए भिंडी खाने के 10 बड़े फायदे:

1. पाचन को रखे दुरुस्त: भिंडी में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पाचन क्रिया को मजबूत करते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

2. वजन घटाने में मददगार: कम कैलोरी और उच्च फाइबर युक्त भिंडी पेट भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे अनावश्यक भूख नहीं लगती और वजन नियंत्रण में रहता है।

3. हड्डियों को बनाए मजबूत: भिंडी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन K मौजूद होते हैं, जो हड्डियों की मजबूती और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं।

4. त्वचा को दे प्राकृतिक चमक: भिंडी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C त्वचा को निखारने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा जवान और दमकती नजर आती है।

5. बालों के लिए फायदेमंद: भिंडी का सेवन और उसका प्राकृतिक जेल स्कैल्प की नमी बनाए रखने में मदद करता है, जिससे बाल मजबूत और चमकदार बनते हैं।

6. प्रतिरक्षा प्रणाली को करे मजबूत: भिंडी में पाए जाने वाले विटामिन A और C, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे आप मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।

7. आंखों की रोशनी बढ़ाए: भिंडी में मौजूद विटामिन A और बीटा-कैरोटीन आंखों की रोशनी को बनाए रखने में सहायक होते हैं।

8. तनाव को करे कम: भिंडी में मौजूद कुछ प्राकृतिक तत्व मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं, जिससे मूड बेहतर होता है।

9. एनर्जी बढ़ाने में सहायक: भिंडी में आयरन और अन्य खनिज तत्व होते हैं जो शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं और थकान से राहत दिलाते हैं।

10. पानी की कमी से बचाए: भिंडी की प्रकृति ठंडी और तरलता बनाए रखने वाली होती है, जो शरीर में जल स्तर को संतुलित रखने में मदद करती है।

RPSC Recruitment 2025: 281 पदों के लिए भर्ती

जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने सहायक कृषि अभियंता (Assistant Agriculture Engineer) के कुल 281 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। B.Sc डिग्री प्राप्त अभ्यर्थियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। इच्छुक और पात्र उम्मीदवार 28 जुलाई 2025 से 26 अगस्त 2025 तक आयोग की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

प्रमुख जानकारी:

कुल पदों की संख्या: 281

पद का नाम: सहायक कृषि अभियंता

शैक्षणिक योग्यता: कृषि विज्ञान या संबंधित विषय में B.Sc डिग्री

ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि: 26 अगस्त 2025 तक

आयु सीमा:

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु: 20 वर्ष, जबकि अधिकतम आयु: 40 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। आरक्षण के अनुसार आयु में छूट राज्य सरकार के नियमानुसार लागू होगी।

आवेदन शुल्क:

सामान्य (UR) / बीसी (क्रीमी लेयर) / ईडब्ल्यूएस: ₹600, ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर) / एमबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर) / ईडब्ल्यूएस (एनसीएल): ₹400, SC / ST / PwD / वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम वाले अभ्यर्थी: ₹400, संशोधन शुल्क (अगर फॉर्म में सुधार करना हो): ₹500

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवार RPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। "Apply Online" लिंक पर क्लिक करें। SSO ID के माध्यम से लॉगिन करें या नया पंजीकरण करें। आवेदन पत्र भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें और शुल्क भुगतान करें। फॉर्म जमा करने के बाद उसका प्रिंटआउट सुरक्षित रखें।

ट्रंप की 'खुन्नस' नीति: भारत को धोखा, पाकिस्तान को इनाम

नई दिल्ली। अमेरिकी राजनीति का रुख बदल रहा है — और इसका असर अब सीधे भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पड़ता दिख रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अपनी विदेश नीति में चौंकाने वाले मोड़ ले लिए हैं। उनके हालिया फैसलों ने न सिर्फ भारत को आहत किया है, बल्कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका की नई नज़दीकियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

ट्रंप की दोहरी नीति: दोस्ती के नाम पर धोखा?

डोनाल्ड ट्रंप, जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक मंचों पर ‘दोस्त’ कहने से नहीं चूकते, अब उन्हीं के देश के खिलाफ सख्त आर्थिक फैसले ले रहे हैं। ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माने की घोषणा कर दी है, जिससे भारत का निर्यात क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।

पाकिस्तान से 'तेल-मित्रता' और भारत को चुनौती

ट्रंप के विवादित फैसलों की दूसरी कड़ी और भी हैरान करने वाली है। उन्होंने पाकिस्तान के साथ तेल भंडार विकसित करने को लेकर एक रणनीतिक समझौते की घोषणा की है। यह सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक संदेश भी देता है। खास बात यह रही कि ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर लिखा — “कौन जाने, शायद एक दिन यही पाकिस्तान भारत को तेल बेचे।” यह बयान सीधे-सीधे भारत को कूटनीतिक रूप से चिढ़ाने जैसा है।

भारत के लिए चिंता की वजह

भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीमावर्ती इलाकों में तनाव की खबरें आई थीं। ऐसे में अमेरिका का पाकिस्तान की ओर झुकाव भारत के लिए सामरिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चिंता बढ़ाने वाला है। पाकिस्तान की भूमिका को लेकर वैश्विक स्तर पर हमेशा संदेह रहा है — विशेष रूप से आतंकवाद को लेकर। इसके बावजूद ट्रंप का पाकिस्तान के साथ तेल डील करना भारत के साथ उनके रिश्तों में खटास का संकेत देता है।

ट्रंप के फैसलों के पीछे की राजनीति

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की इस नई नीति के पीछे घरेलू राजनीतिक दबाव, व्यापार संतुलन का मुद्दा, और रूस से भारत की तेल खरीदारी जैसे कारण हो सकते हैं। अमेरिका लंबे समय से चाहता रहा है कि भारत रूस के बजाय अमेरिकी या सहयोगी देशों से ऊर्जा स्रोत खरीदे। ट्रंप के नजरिए से यह एक तरह का दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है।

इन 'केंद्रीय कर्मचारियों' के अलाउंस को लेकर बड़ी खबर

नई दिल्ली। देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों, विशेष रूप से डाक विभाग में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी हुआ है। डाक विभाग ने विभिन्न व्यक्तिगत भत्तों के दावों को लेकर समयबद्ध निपटान को अनिवार्य बना दिया है। इसका उद्देश्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाना है, बल्कि कर्मचारियों को होने वाली अनावश्यक परेशानियों को भी खत्म करना है।

समय पर भत्ता क्लेम

डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब Travel Allowance (TA), Child Education Allowance (CEA), Combined Duty Allowance और अन्य प्रकार के भत्तों से संबंधित सभी दावों का निपटान एक महीने के भीतर करना जरूरी होगा। यह कदम उन लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिनमें कर्मचारियों ने क्लेम की प्रक्रिया में देरी की बात कही थी।

भ्रष्टाचार पर सख्त रुख

विभाग ने इस देरी को लेकर गंभीर चिंता जताई है। कुछ मामलों में तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है, जहां आरोप लगे कि क्लेम पास कराने के लिए कर्मचारियों से रिश्वत मांगी गई। इन घटनाओं ने व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए थे, जिसके बाद विभाग ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की ठानी।

तय समय सीमा में क्लेम

डाक विभाग ने वित्त मंत्रालय के 13 मार्च 2018 और 15 जून 2021 को जारी आदेशों का हवाला देते हुए कहा है कि: यात्रा, ट्रांसफर या ट्रेनिंग के संबंध में दावे यात्रा पूरी होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर जमा किए जाने चाहिए। रिटायरमेंट पर मिलने वाला यात्रा भत्ता यात्रा समाप्त होने के 180 दिनों (6 महीने) के भीतर क्लेम किया जाना जरूरी है। अन्य व्यक्तिगत भत्ते, जैसे कि बच्चों की शिक्षा भत्ता आदि, क्लेम मिलने की तारीख से 1 माह के भीतर निपटाए जाने चाहिए, यदि बजट की उपलब्धता हो।

कर्मचारियों को मिलेगी सूचना

यदि किसी कारणवश भुगतान में देरी होती है, तो संबंधित कर्मचारी को इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। साथ ही, यदि कोई क्लेम निर्धारित समय सीमा पार कर चुका है, तो उसका निपटान केवल वित्त मंत्रालय या डाक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही किया जाएगा।

यूपी में बारिश का कहर: आज इन 27 जिलों में अलर्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई है, जिससे तापमान में गिरावट तो आई है, लेकिन जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के 27 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है, साथ ही कुछ क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है।

पश्चिमी यूपी में मानसून पूरी तरह सक्रिय

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय है, जबकि पूर्वी हिस्से में यह सामान्य स्थिति में बना हुआ है। पिछले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी यूपी के अधिकतर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, वहीं कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा भी देखने को मिली है। इन इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और स्थानीय जनजीवन पर असर पड़ा है।

पूर्वी यूपी में भी झमाझम बारिश और तेज हवाएं

पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मानसून ने रफ्तार पकड़ी है। अनेक स्थानों पर मध्यम बारिश हुई है और कुछ जिलों में भारी वर्षा दर्ज की गई है। इसके साथ ही कुछ जगहों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक भी देखी गई, जिससे किसानों और राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मौसम विभाग ने  27 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया

सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, बुलंदशहर, अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, बदायूं, बरेली, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली और इनके आसपास के क्षेत्र।

मौसम विभाग ने इन जिलों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान गैरजरूरी रूप से घर से बाहर न निकलें। बारिश के दौरान खुले स्थानों पर खड़े न हों और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। खेतों में काम करने वाले किसान और खुले इलाकों में यात्रा करने वाले नागरिक विशेष सावधानी बरतें।

JKSSB भर्ती 2025: 621 पदों के लिए आवेदन

न्यूज डेस्क। जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) ने 2025 की बहुप्रतीक्षित भर्ती अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार बोर्ड द्वारा 621 पदों पर भर्ती की जा रही है, जिसमें स्टाफ नर्स, जूनियर फार्मासिस्ट सहित कई अन्य तकनीकी और गैर-तकनीकी पद शामिल हैं। इस भर्ती में भाग लेने के लिए योग्य उम्मीदवार 05 अगस्त 2025 से 03 सितंबर 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट jkssb.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पदों का विवरण और योग्यता

इस भर्ती अभियान के तहत 10वीं, 12वीं, डिप्लोमा, डिग्रीधारी (B.Sc, B.Tech/B.E, B.Pharma, D.Pharm, आदि) उम्मीदवारों के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। विस्तृत जानकारी के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक अधिसूचना का अवलोकन करना चाहिए।

आवेदन शुल्क

सामान्य श्रेणी के लिए आवेदन शुल्क ₹600/-, जबकि SC, ST-1, ST-2, EWS, PwBD उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क ₹500/- निर्धारित किया गया हैं।

आयु सीमा (01 जनवरी 2025 को आधार मानकर)

सामान्य के लिए अधिकतम 40 वर्ष, SC / ST-1 / ST-2 / RBA / ALC/IB / EWS / OBC के लिए 43 वर्ष, शारीरिक रूप से विकलांग के लिए 42 वर्ष, सरकारी सेवा / अनुबंध कर्मचारी के लिए 40 वर्ष, भूतपूर्व सैनिक के लिए 48 वर्ष निर्धारित किया गया हैं।

वेतनमान

नियुक्त उम्मीदवारों को ₹14,800 से ₹1,13,200 तक का वेतन मिलेगा। हालांकि, पदवार वेतनमान की जानकारी के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक अधिसूचना देखनी चाहिए।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 05 अगस्त 2025

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 03 सितंबर 2025

 कैसे करें आवेदन

JKSSB की वेबसाइट (jkssb.nic.in) पर जाएं। ‘Apply Online’ लिंक पर क्लिक करें। रजिस्ट्रेशन करके लॉगिन करें। आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। आवेदन शुल्क का भुगतान करें और फॉर्म सबमिट करें।

GSL भर्ती 2025: 102 पदों के लिए करें आवेदन

न्यूज डेस्क। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने वर्ष 2025 के लिए 102 रिक्त पदों पर भर्ती की अधिसूचना जारी की है। इच्छुक उम्मीदवार 12 जुलाई 2025 से 11 अगस्त 2025 तक GSL की आधिकारिक वेबसाइट goashipyard.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती जूनियर सुपरवाइजर, ऑफिस असिस्टेंट और अन्य पदों के लिए आयोजित की जा रही है।

पात्रता और शैक्षिक योग्यता

इस भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों के पास निम्न शैक्षणिक योग्यताएँ होनी चाहिए: 10वीं पास, ITI, डिप्लोमा, B.Sc, B.Com, B.A, किसी भी विषय में ग्रेजुएट। यह एक सुनहरा अवसर है, विशेष रूप से उन युवाओं के लिए जो तकनीकी या सामान्य शिक्षा में योग्य हैं और सरकारी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।

पदों का विवरण

कुल रिक्तियाँ: 102

पद: जूनियर सुपरवाइजर, ऑफिस असिस्टेंट, टेक्निशियन, वेल्डर, मैकेनिक, इत्यादि

वेतनमान

इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को प्रतिमाह ₹28,700 से ₹40,200 तक का समेकित वेतन मिलेगा, जो पद के अनुसार अलग-अलग होगा।

आयु सीमा

इन पदों पर आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु सीमा: 36 वर्ष। आरक्षित वर्गों (SC/ST/PwBD/Ex-Servicemen) को नियमानुसार आयु में छूट प्रदान की जाएगी।

आवेदन शुल्क

SC/ST/PwBD/Ex-Servicemen उम्मीदवारों के लिए कोई शुल्क नहीं है। अन्य सभी उम्मीदवारों को ₹200/- आवेदन शुल्क देना होगा।

आवेदन प्रक्रिया

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार goashipyard.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं। 

आवेदन की अंतिम तिथि: 11 अगस्त 2025

रूस ने Su-57 को बनाया और खतरनाक, भारत को ऑफर!

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने वैश्विक रक्षा रणनीतियों में कई नए मोड़ लाए हैं। हाल ही में रूस द्वारा अपनी वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट—सुखोई-35 (Su-35) और सुखोई-57 (Su-57)—को अत्याधुनिक R-77M हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस किए जाने की खबर सामने आई है। यह वही दो विमान हैं जिन्हें रूस ने भारत को भी प्रस्तावित किया है।

क्या है R-77M मिसाइल की खासियत?

R-77M, दरअसल R-77 मिसाइल का उन्नत संस्करण है जिसे बियांड विजुअल रेंज (BVR) लड़ाई के लिए तैयार किया गया है। पुराने संस्करण की अधिकतम रेंज जहां 110 किमी तक सीमित थी, वहीं R-77M की मारक क्षमता 190 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है। इस नई मिसाइल में लगा ड्यूल-पल्स मोटर और एक्टिव रडार सीकर इसे दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर (ECM) को चकमा देने में सक्षम बनाता है।

भारत के लिए क्या है इसका मतलब?

भारत वर्तमान में सुखोई-30MKI जेट के बेड़े में R-77 मिसाइल का इस्तेमाल करता है, जो अब तकनीकी रूप से पुरानी हो चुकी है। चीन के पास PL-15E मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 145-300 किमी के बीच बताई जाती है, जबकि पाकिस्तान ने इसी मिसाइल को JF-17 और J-10C विमानों में एकीकृत किया है। इस परिस्थिति में अगर भारतीय वायुसेना को R-77M जैसी मिसाइल मिलती है, तो वह इस क्षेत्र में फिर से बढ़त हासिल कर सकती है।

क्या भारत लेगा Su-57 और Su-35?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान इन दोनों विमानों पर चर्चा होने की उम्मीद है। हालांकि भारत ने अभी तक Su-57 या Su-35 की खरीद पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन R-77M जैसी मिसाइल के साथ यह प्रस्ताव कहीं ज्यादा आकर्षक हो गया है। यह भारतीय वायुसेना को न केवल अपने पुराने बेड़े को अपग्रेड करने का मौका देगा बल्कि एक नई रणनीतिक बढ़त भी दिला सकता है।

भारत को इजरायल देगा 2 घातक मिसाइलें, चीन सन्न

नई दिल्ली। भारत और इजरायल के बीच का रक्षा सहयोग सिर्फ रणनीतिक साझेदारी तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि अब यह सहयोग आधुनिक तकनीक और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के जरिए भारत की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 

हाल ही में भारत दौरे पर आए इजरायली रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के साथ दो घातक मिसाइल प्रणालियों—एयर लॉरा (Air LORA) और सी ब्रेकर (Sea Breaker)—को लेकर अहम बातचीत की। ये मिसाइलें न केवल भारत के सुरक्षा तंत्र को मजबूती देंगी, बल्कि दुश्मनों को भी एक स्पष्ट संदेश देंगी कि भारत किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

एयर लॉरा: हवा से दागी जाने वाली घातक मारक क्षमता

‘एयर लॉरा’ एक एयर-लॉन्चड बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने विकसित किया है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत है इसकी लंबी दूरी से सटीक मार करने की क्षमता। इसे फाइटर जेट्स से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह दुश्मन के एयरबेस, कमांड सेंटर्स और रणनीतिक ठिकानों को बिना किसी चेतावनी के ध्वस्त कर सकती है। इसकी रेंज लगभग 400 किलोमीटर तक हैं।

सी ब्रेकर: समुद्री युद्ध का नया हथियार

‘सी ब्रेकर’ मिसाइल IAI की एक और क्रांतिकारी रचना है, जो खासतौर पर नौसेना की जरूरतों के अनुरूप डिजाइन की गई है। यह मिसाइल जहाजों और तटीय लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है। इसका स्टील्थ डिजाइन और मल्टी-डायरेक्शनल अटैक फीचर इसे दुश्मन की नजरों से बचाता है, जिससे इसे ट्रैक और इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन हो जाता है। इसकी रेंज लगभग 300 किलोमीटर हैं।

भारत की रक्षा रणनीति में नई धार

भारत की वायुसेना और नौसेना लगातार आधुनिक हथियार प्रणालियों की ओर बढ़ रही हैं और यह मिसाइलें उस दिशा में एक बड़ा कदम हैं। खास बात यह है कि इस बातचीत में 'मेक इन इंडिया' के तहत इन प्रणालियों के कुछ हिस्सों या पूरे सिस्टम के भारत में निर्माण पर भी विचार हुआ है। इससे न केवल भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बल मिलेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में भी और आगे बढ़ेगा।

चीन और पाकिस्तान को सख्त संदेश

भारत के पास यदि एयर लॉरा और सी ब्रेकर जैसी मिसाइलें होंगी, तो यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाने को भी तैयार है। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के बढ़ते सैन्य प्रभाव को संतुलित करने के लिए ये मिसाइलें बेहद कारगर साबित होंगी।

लौकी का जूस: सिर्फ 1 गिलास और 6 बीमारियों से छुटकारा!

हेल्थ डेस्क। सेहतमंद जीवनशैली की तलाश में लोग अक्सर महंगे हेल्थ प्रोडक्ट्स और डाइट प्लान्स की ओर भागते हैं, लेकिन कई बार समाधान हमारी रसोई में ही छिपा होता है। लौकी, जिसे ‘बॉटल गॉर्ड’ भी कहा जाता है, एक साधारण सी सब्ज़ी है लेकिन इसका जूस पीना सेहत के लिए चमत्कारी साबित हो सकता है। आयुर्वेद और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स भी लौकी के जूस को सुबह खाली पेट पीने की सलाह देते हैं।

1. पाचन तंत्र को बनाता है मजबूत

लौकी का जूस फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है और आंतों को स्वस्थ बनाए रखता है।

2. वजन घटाने में सहायक

लौकी का जूस बेहद कम कैलोरी वाला होता है और इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है। यह पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और ओवरईटिंग से बचाव होता है।

3. ब्लड प्रेशर को रखे कंट्रोल में

लौकी में मौजूद पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित रूप से लौकी का जूस पीने से रक्त प्रवाह संतुलित रहता है और हृदय पर दबाव कम होता है।

4. ग्लोइंग स्किन का राज़

लौकी का जूस त्वचा को अंदर से डिटॉक्स करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन C त्वचा को साफ, चमकदार और जवां बनाए रखते हैं। मुंहासे और दाग-धब्बों में भी राहत मिलती है।

5. हृदय को बनाए हेल्दी

लौकी का जूस कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और धमनियों में जमा चर्बी को कम करता है। यह हृदयाघात और स्ट्रोक जैसे रोगों से बचाव में सहायक है।

6. शरीर को करे डीटॉक्स

लौकी का जूस एक प्राकृतिक डिटॉक्स ड्रिंक है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और लीवर व किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है।

BPSC भर्ती 2025: 13 पदों के लिए करें आवेदन

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए सुनहरा अवसर प्रदान किया है। आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) के कुल 13 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। यह भर्ती आयुर्वेदिक चिकित्सा शिक्षा (BHMS) और स्नातकोत्तर (MS/MD) योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों के लिए है।

आवेदन की अंतिम तिथि 25 अगस्त

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया BPSC की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर शुरू हो चुकी है, और उम्मीदवार 25 अगस्त 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। आयोग ने उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि वे समय से पहले आवेदन कर लें ताकि अंतिम समय में तकनीकी अड़चनों से बचा जा सके।

योग्यता और पात्रता

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से BHMS या MS/MD की डिग्री होनी चाहिए। विस्तृत शैक्षणिक योग्यताओं और अनुभव से संबंधित जानकारी आयोग की आधिकारिक अधिसूचना में दी गई है।

वेतनमान

चयनित उम्मीदवारों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार पे बैंड ₹15,600 – ₹39,100 और ग्रेड पे ₹6,600 (लेवल-11) में वेतन दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित अन्य भत्ते भी देय होंगे।

चयन प्रक्रिया

उम्मीदवारों का चयन शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। BPSC भर्ती में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया अपनाई जाती है।

कैसे करें आवेदन

BPSC की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर जाएं। 'Apply Online' लिंक पर क्लिक करें। आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें। आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करें। फॉर्म सबमिट करने के बाद उसकी एक प्रति भविष्य के लिए सुरक्षित रख लें।

Akash MK-2: जानिए भारत के इस मिसाइल की ताकत?

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमताओं में लगातार हो रहे सुधारों की कड़ी में ‘आकाश एमके-2’ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, देश की वायु रक्षा को और अधिक मजबूत और आत्मनिर्भर बना रही है। आकाश एमके-1 की तुलना में कई तकनीकी उन्नतियों और सामरिक खूबियों से लैस आकाश एमके-2 भारतीय सेना और वायु सेना के लिए एक भरोसेमंद कवच के रूप में उभर रही है।

तकनीकी उन्नयन और मारक क्षमता

आकाश एमके-2 की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में इसकी अधिकतम गति मैक 3.5 और 35 किलोमीटर की मारक सीमा शामिल है। यह इसे पहले संस्करण की तुलना में कहीं अधिक प्रभावशाली और दूरगामी बनाता है। इससे यह मिसाइल विमानों, यूएवी (ड्रोन) और क्रूज मिसाइल जैसे विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों का तुरंत और सटीक जवाब देने में सक्षम हो गई है।

स्वदेशी सीकर: आत्मनिर्भर की उड़ान

इस संस्करण में नवीन स्वदेशी सीकर का समावेश किया गया है, जो लक्ष्य की पहचान और भेदन की सटीकता को अत्यधिक बढ़ाता है। यह सीकर मिसाइल की सिंगल शॉट किल प्रोबेबिलिटी (SSKP) में बड़ा सुधार लाता है, जिससे पहली ही कोशिश में लक्ष्य को भेदने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

कमांड मार्गदर्शन और रडार समन्वय

आकाश एमके-2 अब भी कमांड मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करती है, जो इसे युद्धक्षेत्र में लचीलापन प्रदान करती है। लक्ष्य निर्धारण के लिए यह फेज्ड ऐरे रडार (Phased Array Radar) पर निर्भर करती है, जो तेज़ प्रतिक्रिया और उच्चतर सटीकता सुनिश्चित करता है।

नेटवर्क-केंद्रित वायु रक्षा प्रणाली

इस मिसाइल प्रणाली को अन्य रक्षा प्रणालियों जैसे हवाई चेतावनी रडार और बैटल मैनेजमेंट सिस्टम के साथ जोड़कर नेटवर्क-केंद्रित रक्षा प्रणाली में तब्दील किया गया है। इसका अर्थ है कि आकाश एमके-2 अब एक अलग-थलग मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की व्यापक वायु रक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण और सक्रिय हिस्सा बन चुकी है।

रणनीतिक महत्व क्या हैं?

आज के बदलते सुरक्षा परिदृश्य में, जहां सीमा पर अति-आधुनिक हवाई खतरे उभर रहे हैं, ऐसे में आकाश एमके-2 जैसी प्रणाली भारत को एक रणनीतिक बढ़त प्रदान करती है। इसकी तैनाती से देश की सीमाएं अब और भी अधिक सुरक्षित हो जाएंगी, खासकर जब यह प्रणाली मेक इन इंडिया की भावना को भी मजबूती देती है।

अमेरिका के 'टैरिफ' लगाने से क्या होता हैं? जानें 5 बड़ी बातें

नई दिल्ली। वैश्विक व्यापार में टैरिफ यानी आयात शुल्क एक अहम भूमिका निभाते हैं। खासतौर पर जब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था—अमेरिका—किसी देश पर टैरिफ लगाती है, तो इसका असर सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच जाती है। हाल के वर्षों में अमेरिका ने चीन, यूरोप और भारत जैसे देशों पर टैरिफ लगाए हैं, जिसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। तो आइए जानें कि अमेरिका के टैरिफ लगाने से क्या होता है। 

1. घरेलू उद्योग को संरक्षण मिलता है

जब अमेरिका किसी विदेशी उत्पाद पर टैरिफ लगाता है, तो वह उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगा हो जाता है। इसका सीधा फायदा अमेरिका के घरेलू उत्पादकों को होता है क्योंकि उनके प्रोडक्ट्स तुलनात्मक रूप से सस्ते लगने लगते हैं। इससे अमेरिकी उद्योगों को प्रतिस्पर्धा से राहत मिलती है। और दूसरे देश के प्रोडक्ट्स की बिक्री कम जाती हैं।

2. उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ती है ज्यादा कीमत

हालांकि, टैरिफ का असर सिर्फ विदेशी कंपनियों पर नहीं होता, बल्कि अंततः इसका बोझ उपभोक्ताओं पर भी पड़ता है। टैरिफ बढ़ने से आयातित वस्तुएं महंगी हो जाती हैं, जिससे अमेरिकी ग्राहक अधिक कीमत चुकाते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ लगाया, तो स्मार्टफोन से लेकर टीवी तक महंगे हो गए।

3. व्यापार युद्ध की शुरुआत होती है

कई बार टैरिफ एकतरफा नहीं रहते। जिन देशों पर अमेरिका टैरिफ लगाता है, वे भी जवाबी कदम उठाते हैं। इससे व्यापार युद्ध की स्थिति बनती है। जैसे अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर अरबों डॉलर के टैरिफ लगा दिए थे, जिससे वैश्विक बाजार अस्थिर हो गया।

4. ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर

अमेरिका की टैरिफ नीति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को भी प्रभावित करती है। कई कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा माल या कल-पुर्जे मंगवाती हैं, उन्हें अधिक लागत का सामना करना पड़ता है। इससे उत्पादकता, मुनाफा और रोजगार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। चुकी अमेरिका की अर्थव्यवस्था बड़ी हैं, इसलिए उसपर ज्यादा असर नहीं दिखता हैं और छोटी अर्थव्यवस्था वाले देशों को इससे काफी नुकसान होता हैं।

5. कूटनीतिक रिश्तों में तनाव

टैरिफ सिर्फ आर्थिक उपकरण नहीं, बल्कि कूटनीति का हथियार भी बनते हैं। जब अमेरिका टैरिफ लगाता है, तो अक्सर इससे उसके रणनीतिक साझेदार देशों के साथ रिश्तों में खटास आ जाती है। यह संबंधों की गर्मजोशी को कम कर सकता है और सहयोग के क्षेत्रों में बाधा बन सकता है।

HPSC भर्ती 2025: 785 पदों के लिए आवेदन

न्यूज डेस्क। हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने वर्ष 2025 के लिए कृषि विकास अधिकारी (Agricultural Development Officer - ADO) के 785 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के इच्छुक बी.एससी (कृषि) या संबंधित विषयों में स्नातक उम्मीदवार 5 अगस्त 2025 से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 25 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट hpsc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

पदों का विवरण:

पद का नाम: कृषि विकास अधिकारी (ADO)

कुल पद: 785

शैक्षिक योग्यता: 

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की योग्यता मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कृषि में स्नातक (B.Sc Agriculture) या समकक्ष डिग्री

आयु सीमा: 

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष (सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्गों को आयु में छूट दी जाएगी)

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों को आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से करना होगा। आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आधिकारिक अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़ लें और सभी आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखें।

चयन प्रक्रिया:

भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा और इंटरव्यू या दस्तावेज़ सत्यापन शामिल हो सकते हैं। विस्तृत चयन प्रक्रिया आयोग द्वारा बाद में अधिसूचित की जाएगी।

वेतनमान

लेवल-6 के तहत ₹35,400 से ₹1,12,400 प्रतिमाह (7वें वेतन आयोग के अनुसार)

महत्वपूर्ण तिथियां:

ऑनलाइन आवेदन आरंभ: 5 अगस्त 2025

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 25 अगस्त 2025

आधिकारिक वेबसाइट: www.hpsc.gov.in

अमेरिका का सबसे ताकतवर F‑35 लड़ाकू विमान क्रैश

न्यूज डेस्क। बुधवार शाम अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक बड़ा सैन्य हादसा सामने आया, जब अमेरिकी नौसेना का सबसे आधुनिक और ताकतवर लड़ाकू विमान F‑35 लेमूर नौसैनिक अड्डे के पास क्रैश हो गया। यह हादसा स्थानीय समयानुसार शाम 6:30 बजे हुआ। हालांकि, राहत की बात यह रही कि पायलट समय रहते पैराशूट के ज़रिए बाहर निकल गया और सुरक्षित बच गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह विमान स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन VF‑125 ‘रफ रेडर्स’ का हिस्सा था, जो एक फ्लीट रिप्लेसमेंट स्क्वाड्रन के तौर पर कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य नौसेना के पायलटों और एयरक्रू को ट्रेनिंग देना होता है। इस घटना के बाद अमेरिकी नौसेना ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन क्रैश की असली वजह फिलहाल सामने नहीं आई है।

लेमूर नौसैनिक अड्डे की भौगोलिक स्थिति

लेमूर नौसैनिक अड्डा कैलिफोर्निया के फ्रेज़्नो शहर से करीब 64 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह अमेरिका के सैन्य अभियानों के लिए एक अहम केंद्र माना जाता है और नौसेना के कई लड़ाकू विमानों की तैनाती यहाँ होती है।

F‑35: तकनीक का शिखर, फिर भी दुर्घटना क्यों?

F‑35 को दुनिया के सबसे उन्नत स्टील्थ फाइटर जेट्स में गिना जाता है। इसकी लागत, तकनीक, मारक क्षमता और रणनीतिक अहमियत के कारण यह अमेरिका की सैन्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर, नेटवर्किंग क्षमताएं, और दुश्मन के रडार से छिपने की विशेषताएं होती हैं। ऐसे में इस तरह का हादसा होना कई तकनीकी और रणनीतिक सवाल खड़ा करता है।

सुरक्षा और भरोसे पर असर

अमेरिका लंबे समय से अपने F‑35 प्रोग्राम को लेकर गर्व करता रहा है। यह न केवल उसके लिए, बल्कि नाटो और अन्य सहयोगी देशों के लिए भी एक रणनीतिक संसाधन है। ऐसे में इस तरह का क्रैश अमेरिका की मिलिट्री टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाता है। हाल के वर्षों में अमेरिका में कई बार सैन्य उपकरणों की सुरक्षा और विश्वसनीयता को लेकर आलोचना हुई है, और यह घटना उन आशंकाओं को और बल देती है।

B+ ब्लड ग्रुप वालों के लिए जरूरी 7 बातें, जो हर किसी को जाननी चाहिए

हेल्थ डेस्क। B+ (B पॉजिटिव) ब्लड ग्रुप दुनिया में सबसे आम रक्त समूहों में से एक है। यह ब्लड ग्रुप न सिर्फ ट्रांसफ्यूजन के लिहाज से अहम होता है, बल्कि इसके पीछे कुछ दिलचस्प वैज्ञानिक तथ्य भी छिपे हैं। आइए जानते हैं B+ ब्लड ग्रुप से जुड़ी 7 ज़रूरी बातें:

1. B+ ब्लड ग्रुप वालों को किससे रक्त मिल सकता है?

B+ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को B+ और B− के साथ-साथ O+ और O− रक्त समूह से भी खून मिल सकता है। यह ब्लड ग्रुप “Rh पॉजिटिव” होने के कारण Rh+ ब्लड से मेल खाता है। B+ का मतलब है कि व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं पर B एंटीजन और Rh फैक्टर दोनों मौजूद होते हैं।

2. B+ ब्लड ग्रुप वाले किसे रक्त दान कर सकते हैं?

B+ ब्लड ग्रुप वाले लोग केवल B+ और AB+ ब्लड ग्रुप वालों को ही रक्त दान कर सकते हैं। रक्तदान करते समय Rh फैक्टर और ABO ब्लड सिस्टम का मिलान बेहद ज़रूरी होता है, अन्यथा शरीर रक्त को अस्वीकार कर सकता है।

3. विश्व में कितने प्रतिशत लोग B+ होते हैं?

दुनिया भर में लगभग 8-10% लोगों का ब्लड ग्रुप B+ होता है, जबकि भारत जैसे दक्षिण एशियाई देशों में यह प्रतिशत 27-32% तक पहुँच सकता है। यह विविधता आबादी की आनुवंशिक बनावट (genetic makeup) और क्षेत्रीय विविधता के कारण होती है।

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर

कुछ रिसर्च के अनुसार B ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ऑटोइम्यून बीमारियों (जैसे लूपस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस) का खतरा थोड़ा अधिक हो सकता है। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए और गहन शोध की ज़रूरत है।

5. डाइट और ब्लड ग्रुप का संबंध

डॉ. पीटर डी'आदमो की “Blood Type Diet” थ्योरी के अनुसार B+ ब्लड ग्रुप वाले लोग दूध, मीट और हरी सब्ज़ियों को अच्छी तरह पचा सकते हैं। हालांकि, यह थ्योरी वैज्ञानिक रूप से व्यापक रूप से स्वीकार्य नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को इससे लाभ मिला है।

6. तनाव झेलने की क्षमता

एक अध्ययन के अनुसार B ब्लड ग्रुप वाले लोगों में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर अधिक समय तक बना रह सकता है, जिससे उन्हें मानसिक तनाव अधिक समय तक महसूस हो सकता है।

7. बीमारियों से जुड़ी प्रवृत्तियाँ

B+ ब्लड ग्रुप वालों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और स्ट्रोक का थोड़ा अधिक जोखिम पाया गया है। इसके अलावा इनकी इम्यून सिस्टम प्रतिक्रियाएँ भी कभी-कभी अतिसंवेदनशील हो सकती हैं। B ग्रुप वाले लोगों के शरीर में कुछ खास प्रकार के एंटीबॉडी की अधिकता पाई जाती है, जिससे कुछ एलर्जी और सूजन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

भारत की 'ULPGM-V3' मिसाइल: दुश्मन का काल!

नई दिल्ली। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी आधुनिक तकनीक से एक बार फिर भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने वाला हथियार विकसित किया है — ULPGM V3 यानी अल्ट्रा लाइट प्रिसीजन गाइडेड म्यूनिशन वर्जन 3। यह हल्की, लेकिन बेहद सटीक मिसाइल न केवल छोटे और कमजोर लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है, बल्कि इसे अब हेलीकॉप्टर और ड्रोन (UAV) से भी दागा जा सकता है।

ULPGM-V3 क्या है?

ULPGM V3 को खासतौर पर उन लक्ष्यों को टारगेट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिनका नाश सटीकता और त्वरित कार्रवाई से संभव है, जैसे दुश्मन के सैनिकों का जमावड़ा, हल्के वाहन, संचार और कमांड पोस्ट। इसकी प्रिसीजन गाइडेड तकनीक इसे अत्यधिक सटीक बनाती है, जिससे परिचालित क्षेत्र में साइड डैमेज यानी अनावश्यक collateral damage कम होता है।

हेलीकॉप्टर और ड्रोन से तैनाती

इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है इसकी तैनाती में लचीलापन। अब इसे हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ ड्रोन से भी दागा जा सकता है। हेलीकॉप्टरों से इस मिसाइल का उपयोग शहरी और पहाड़ी इलाकों में कम ऊंचाई पर तेज हमला करने के लिए किया जा सकता है, जहां बड़े विमानों का ऑपरेशन संभव नहीं होता। वहीं, ड्रोन से तैनाती से सेना को दुश्मन के इलाके में गुप्त निगरानी और सटीक हमला करने की क्षमता मिलती है, जो सैनिकों के लिए जोखिम को काफी कम करता है।

रेंज और मारक क्षमता

वर्तमान में ULPGM V3 की रेंज सीमित है, लेकिन DRDO इसके नए वर्जन पर लगातार काम कर रहा है। भविष्य में इसकी मारक क्षमता 18 किलोमीटर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह दूरी हेलीकॉप्टरों और UAVs को दुश्मन की छोटी रेंज की एयर डिफेंस प्रणाली से बाहर रहते हुए सुरक्षित हमले करने में सक्षम बनाएगी। इससे युद्ध के मैदान में सेना को एक नया रणनीतिक लाभ मिलेगा।

सेना के लिए रणनीतिक महत्व

ULPGM V3 के विकास से भारतीय सेना को त्वरित और सटीक हवाई सहायता मिलती है। इसका इस्तेमाल करके जमीनी सैनिकों को तत्काल कवरेज और हमला समर्थन प्रदान किया जा सकता है, जिससे उनकी सुरक्षा और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ेगी। इसके अलावा, हेलीकॉप्टर और ड्रोन से तैनाती के कारण, पायलट और ऑपरेटर जोखिम कम लेकर अधिक प्रभावी हमले कर पाएंगे।

8वें वेतन आयोग: क्लर्क, चपरासी, कांस्टेबल की नई सैलरी?

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए राहत भरी खबर आने की उम्मीद है। लंबे समय से प्रतीक्षित 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) जल्द ही हकीकत बन सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के आकलन के अनुसार, यह नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है। इससे लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनधारक लाभान्वित होंगे।

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?

सरकारी वेतन निर्धारण में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक निश्चित गुणक (Multiplier) होता है, जिससे पुराने बेसिक वेतन को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो उसका नया वेतन ₹18,000 × 2.86 = ₹51,480 हो जाएगा।

8वें वेतन आयोग में संभावित बदलाव

अगर मीडिया में सामने आ रही संभावनाओं की बात करें तो फिटमेंट फैक्टर को 1.92 से लेकर 2.86 तक तय किया जा सकता है। इस आधार पर अलग-अलग पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी में भारी इजाफा हो सकता है।

लेवल 1 – पदनाम: चपरासी, अटेंडर | वर्तमान मूल वेतन: ₹18,000 | संभावित वेतन (2.86 फिटमेंट फैक्टर): ₹51,480

लेवल 2 – पदनाम: लोअर डिविजन क्लर्क (LDC) | वर्तमान मूल वेतन: ₹19,900 | संभावित वेतन (2.86 फिटमेंट फैक्टर): ₹56,914

लेवल 3 – पदनाम: कांस्टेबल, स्किल्ड स्टाफ | वर्तमान मूल वेतन: ₹21,700 | संभावित वेतन (2.86 फिटमेंट फैक्टर): ₹62,062

सोते समय नस चढ़ने की समस्या? ये 4 चीजें खाने से मिलेगी राहत!

हेल्थ डेस्क। सोते समय अचानक पैर या शरीर के किसी हिस्से में नस चढ़ना यानी मांसपेशियों में अकड़न और तेज़ दर्द का अनुभव एक आम लेकिन तकलीफदेह समस्या है। यह स्थिति आमतौर पर रात के समय नींद में या सुबह उठते वक्त होती है, जिससे नींद में खलल पड़ता है और शरीर में तनाव महसूस होता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नस चढ़ने की मुख्य वजह शरीर में मिनरल्स की कमी, खासकर कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम का स्तर कम होना हो सकता है। इसके अलावा पानी की कमी, थकावट, या गलत सोने की मुद्रा भी इस समस्या को जन्म देती है।

1. केला (Banana)

केले में भरपूर मात्रा में पोटैशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है, जो मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। रोजाना एक या दो केले खाने से नस चढ़ने की समस्या में काफी राहत मिलती है।

2. नारियल पानी (Coconut Water)

डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी नस चढ़ने की एक बड़ी वजह है। नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है और शरीर के मिनरल बैलेंस को बनाए रखता है। दिन में एक बार नारियल पानी पीना लाभकारी हो सकता है।

3. दूध और दही (Dairy Products)

दूध और दही में मौजूद कैल्शियम मांसपेशियों को मजबूती देता है और मांसपेशियों में ऐंठन से राहत दिलाता है। रात को सोने से पहले गर्म दूध का सेवन नस चढ़ने की संभावना को कम करता है।

4. मेवे – बादाम और अखरोट (Nuts)

बादाम, अखरोट, काजू जैसे मेवे मैग्नीशियम, विटामिन E और हेल्दी फैट्स के अच्छे स्रोत होते हैं। ये नसों की सेहत सुधारने में मदद करते हैं और शरीर की थकान भी कम करते हैं।

बिहार में नौकरियों की बहार: 3200+ पदों पर भर्ती

पटना। बिहार के युवाओं के लिए एक बार फिर से सुनहरा अवसर सामने आया है। राज्य सरकार के अधीन दो प्रमुख संस्थानों—बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) और बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी (BRLPS)—ने कुल 3,200 से अधिक पदों पर बंपर भर्ती की घोषणा की है। यह भर्ती राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी राहत और रोजगार पाने का बेहतरीन अवसर है।

1 .BTSC में नर्सिंग ट्यूटर के 498 पदों पर भर्ती

बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) ने नर्सिंग ट्यूटर के 498 पदों पर भर्ती की अधिसूचना जारी की है। इन पदों के लिए बी.एससी (नर्सिंग) या एम.एससी (नर्सिंग) योग्यता रखने वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 4 जुलाई 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 1 अगस्त 2025

आवेदन प्रक्रिया: आधिकारिक वेबसाइट btsc.bihar.gov.in के माध्यम से

2 .BRLPS में 2,747 पदों पर भर्ती, कई विभागों में अवस

बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी (BRLPS), जिसे 'जीविका' के नाम से भी जाना जाता है, ने 2,747 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इन पदों में लाइवलीहुड स्पेशलिस्ट, एरिया कोऑर्डिनेटर समेत अन्य कई प्रमुख पद शामिल हैं।

योग्यता: किसी भी विषय में स्नातक, बी.कॉम, बी.टेक/बी.ई., एम.एससी आदि

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 30 जुलाई 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 18 अगस्त 2025

आवेदन प्रक्रिया: BRLPS की वेबसाइट brlps.in के माध्यम से

रोजाना बनाना शेक पीने के 7 फायदे, जानकार चौंक जायेंगे

हेल्थ डेस्क। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में लोग सेहत को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं। ऐसे में स्वस्थ और पोषणयुक्त पेय पदार्थों की मांग भी बढ़ रही है। यदि आप अपने दिन की शुरुआत स्वाद और ऊर्जा से भरपूर करना चाहते हैं, तो बनाना शेक (केला शेक) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। रोजाना बनाना शेक पीने से न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि यह कई बीमारियों से भी बचाव करता है।

1. एनर्जी बूस्टर

केले में प्राकृतिक शुगर (ग्लूकोज़, फ्रुक्टोज़ और सूक्रोज़) की मौजूदगी शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। सुबह बनाना शेक पीना दिनभर सक्रिय और तरोताजा बनाए रखता है।

2. पाचन तंत्र को बनाए मजबूत

केला फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। दूध के साथ सेवन करने पर यह कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है।

3. वजन बढ़ाने में सहायक

जो लोग दुबलेपन से परेशान हैं, उनके लिए बनाना शेक एक प्राकृतिक वेट गेनिंग ड्रिंक है। इसमें कैलोरी और हेल्दी कार्ब्स की भरपूर मात्रा होती है।

4. मांसपेशियों को मजबूती देता है

बनाना शेक में मौजूद पोटैशियम मांसपेशियों की थकावट दूर करता है और उन्हें मजबूती प्रदान करता है, खासकर जिम करने वालों के लिए यह एक बढ़िया पोस्ट-वर्कआउट ड्रिंक है।

5. दिल को रखे स्वस्थ

केले में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं और हृदय रोग के खतरे को कम करते हैं। यह दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है।

6. त्वचा और बालों में निखार

बनाना शेक में मौजूद विटामिन A, B और E त्वचा को चमकदार बनाते हैं और बालों को मजबूत व मुलायम रखने में मदद करते हैं।

7. तनाव और थकान को करे दूर

केला प्राकृतिक 'मूड बूस्टर' माना जाता है। इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन शरीर में सेरोटोनिन नामक रसायन को सक्रिय करता है, जो तनाव और चिंता को कम करता है।

यूपी के सभी जिलों में स्कूलों का औचक निरीक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत व पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में स्कूलों का औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। इस निरीक्षण अभियान का उद्देश्य छात्रों के नामांकन, पठन-पाठन, निर्माण कार्यों की प्रगति तथा विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति का आकलन करना है।

निरीक्षण की रूपरेखा

महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा के निर्देशन में समग्र शिक्षा अभियान के तहत यह निरीक्षण 1 से 14 अगस्त के बीच किया जाएगा। पूरे प्रदेश को 18 मंडलों में बांटकर प्रत्येक मंडल में दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस प्रकार कुल 36 वरिष्ठ अधिकारियों को मैदान में उतारा गया है, जो संबंधित मंडलों के जिलों में जाकर विद्यालयों की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।

इन स्कूलों पर रहेगा विशेष फोकस

निरीक्षण टीम को प्रत्येक मंडल के कम से कम दो जिलों में निम्नलिखित संस्थानों का निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है: एक-एक पीएम श्री विद्यालय, एक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी), एक परिषदीय प्राथमिक विद्यालय, एक उच्च प्राथमिक विद्यालय, एक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, एक इंटर कॉलेज, एक को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र

किन बिंदुओं पर होगी जांच

निरीक्षण के दौरान अधिकारी निम्नलिखित पहलुओं की गहराई से जांच करेंगे: भवन निर्माण कार्यों की प्रगति एवं जर्जर स्कूलों की स्थिति। विद्यालय में फर्नीचर की उपलब्धता। छात्रों के नए नामांकन की संख्या। परिवार सर्वेक्षण की प्रगति। विद्यालयों में चल रही शैक्षणिक गतिविधियाँ और शिक्षकों की उपस्थिति। विभिन्न शैक्षिक योजनाओं का प्रभाव और उपयोगिता

रिपोर्ट अपलोड और सुधार की प्रक्रिया

निरीक्षण टीमों को अपनी पूरी रिपोर्ट ‘प्रेरणा निरीक्षण एप’ पर अपलोड करनी होगी। इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से निरीक्षण पारदर्शी और समयबद्ध रूप से संपन्न होगा। इन रिपोर्टों के आधार पर संबंधित जिला और मंडलीय अधिकारी आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएंगे और शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश सरकार का यह अभियान न केवल जमीनी हकीकत को उजागर करेगा, बल्कि इससे शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करने में भी मदद मिलेगी। यह पहल छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

भारतीय स्टेट बैंक भर्ती: 33 पदों के लिए आवेदन

नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने योग्य उम्मीदवारों के लिए स्पेशलिस्ट कैडर ऑफिसर (Specialist Cadre Officer - SCO) पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं। कुल 33 पदों के लिए यह भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिसमें तकनीकी योग्यताओं वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

आवेदन प्रक्रिया और तिथि

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 11 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी है और आवेदन की अंतिम तिथि 7 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक उम्मीदवार भारतीय स्टेट बैंक की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

पात्रता मानदंड

इन पदों के लिए वही उम्मीदवार पात्र होंगे, जिन्होंने निम्न में से कोई एक शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की हो: बी.टेक / बी.ई, एमई / एम.टेक, एमसीए। प्रासंगिक क्षेत्र में अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जा सकती है।

आवेदन शुल्क

सामान्य, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क ₹750 निर्धारित किया गया है। अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पीडब्ल्यूबीडी (PwBD) वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवेदन निःशुल्क रहेगा।

चयन प्रक्रिया

आपको बता दें की चयन प्रक्रिया में शॉर्टलिस्टिंग और साक्षात्कार शामिल हो सकते हैं। अंतिम चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा।

आधिकारिक वेबसाइट: sbi.co.in