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बिहार में सरकारी शिक्षकों को लेकर बड़ा अपडेट

पटना। बिहार में हाल ही में BPSC भर्ती के तहत TRE-1 और TRE-2 के माध्यम से बड़े पैमाने पर विद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इस प्रक्रिया में लगभग 2,16,732 शिक्षकों की नियुक्ति हुई, जिनमें से 1.73 लाख शिक्षकों ने योगदान भी कर दिया है। लेकिन इस व्यापक भर्ती प्रक्रिया के बाद भी एक बड़ी संख्या में शिक्षक अपने आवंटित स्कूल या जिले से असंतुष्ट हैं। इस असंतोष को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक बड़ी और राहत देने वाली घोषणा की है।

ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दर्ज करें शिकायत

अब ऐसे शिक्षक जिन्हें उनके चुने गए 10 विकल्पों में से कोई भी विद्यालय या जिला नहीं मिला, वे अपनी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल को खोला गया है, जहां शिक्षक अपनी समस्या और असंतोष से जुड़ी जानकारी भर सकते हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिला स्थापना समिति इन शिकायतों की व्यक्तिगत रूप से जांच और निपटारा करेगी।

ट्रांसफर के लिए सात श्रेणियों में प्राप्त हुए आवेदन

शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर विभाग को 1.90 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो नीचे दी गई 7 श्रेणियों में आते हैं: कैंसर से ग्रसित शिक्षक, किडनी रोग, हृदय रोग, दिव्यांगता, विधवा/परित्यक्ता शिक्षिका, पति-पत्नी की एक साथ पोस्टिंग, दूरी के आधार पर ट्रांसफर की मांग। पहले चरण में इन आवेदनों का निपटारा मुख्यालय और जिला स्तर पर किया गया, लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षकों को अभी भी संतोषजनक स्थान नहीं मिला।।

असंतुष्ट शिक्षकों को मिला समाधान का अवसर

शिक्षकों के हित में उठाया गया यह कदम उन्हें अपनी बात रखने और न्याय पाने का अवसर देता है। 25 जून को जारी आदेश के अनुसार, अब हर असंतुष्ट शिक्षक की शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और न्यायोचित समाधान दिया जाएगा।

महिला शिक्षकों को प्राथमिकता, पुरुषों को करना होगा इंतजार

शिक्षा विभाग ने सातवीं श्रेणी (दूरी के आधार पर ट्रांसफर) के अंतर्गत महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी है। इसके पीछे सामाजिक और पारिवारिक कारणों को आधार बनाया गया है। वहीं, पुरुष शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित है। इसे विद्यालयों में रिक्तियों, छात्र-शिक्षक अनुपात, और प्रतिस्थानी शिक्षक की उपलब्धता के अनुसार ही आगे बढ़ाया जाएगा। 

सुबह खाली पेट पिएं ये 3 पानी, पेट में नहीं बनेगा गैस!

हेल्थ डेस्क। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान की वजह से पेट से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। खासकर गैस, एसिडिटी और अपच जैसी परेशानियाँ कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी हैं। लेकिन आयुर्वेद में इसके सरल और प्रभावशाली समाधान मौजूद हैं। सुबह खाली पेट कुछ खास घरेलू पेयों का सेवन करके आप पेट की इन समस्याओं से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।

1. मेथी पानी (Fenugreek Water)

मेथी के बीज में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पेट को साफ करने में मदद करते हैं। यह पाचन क्रिया को सुधारता है, गैस बनने से रोकता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।

कैसे बनाएं: रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी दाना भिगो दें और सुबह खाली पेट उस पानी को छानकर पी लें।

2. अजवाइन पानी (Carom Seed Water)

अजवाइन में पाए जाने वाले थायमोल तत्व गैस और अपच को दूर करने में बेहद असरदार होते हैं। यह पेट दर्द, सूजन और भारीपन की समस्या को भी कम करता है।

कैसे बनाएं: आप एक चम्मच अजवाइन को रात भर एक गिलास पानी में भिगो दें और सुबह इसे छानकर गुनगुना करके पीएं।

3. धनिया पानी (Coriander Water)

धनिया प्राकृतिक रूप से ठंडक देने वाला और पाचन सुधारक होता है। यह पेट में जलन, गैस और एसिडिटी की समस्या को कम करने में सहायक है। साथ ही, यह लिवर को भी डिटॉक्स करता है।

कैसे बनाएं: आप एक चम्मच धनिया के बीज (साबुत) को रात में पानी में भिगो दें और सुबह छानकर उस पानी को खाली पेट पिएं।

ताकत का पावरहाउस हैं ये 4 सब्जियां: पुरुष रोज खाएं

हेल्थ डेस्क। स्वस्थ और ताकतवर शरीर की चाह हर पुरुष को होती है। लेकिन सिर्फ जिम या प्रोटीन सप्लिमेंट्स से ही शरीर मजबूत नहीं बनता। असली ताकत छुपी है आपकी थाली में — खासकर उन सब्जियों में जो पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। आज हम बात कर रहे हैं चार ऐसी सब्जियों की, जिन्हें "ताकत का पावरहाउस" कहना गलत नहीं होगा। ये न सिर्फ आपकी मांसपेशियों को मज़बूती देती हैं, बल्कि हार्मोन संतुलन, मानसिक स्पष्टता और यौन स्वास्थ्य में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

1 .पालक: आयरन का राजा

हरी सब्जियों में पालक सबसे ऊपर है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन C होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करता है। पालक में मौजूद नाइट्रेट्स ब्लड फ्लो को बेहतर बनाते हैं, जिससे वर्कआउट के बाद थकान कम होती है और स्टैमिना बढ़ता है।

2 .मेथी: टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा

मेथी के बीज और पत्तियाँ दोनों पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। इसमें पाए जाने वाले यौगिक टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ावा देते हैं, जिससे ऊर्जा स्तर और यौन स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में भी सहायक है।

3 .गाजर: आंखों और फर्टिलिटी के लिए वरदान

गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन, विटामिन A का अच्छा स्रोत है, जो आंखों की रोशनी के लिए ज़रूरी है। रिसर्च के मुताबिक, गाजर पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने में भी मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स स्पर्म की गुणवत्ता सुधारते हैं।

4 .ब्रोकली: हार्मोन संतुलन और कैंसर से सुरक्षा

ब्रोकली में सल्फोराफेन नामक यौगिक पाया जाता है, जो शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद करता है। यह हार्मोन बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है और प्रोस्टेट कैंसर जैसे रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही, यह हाई-फाइबर फूड है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करता है।

क्या परमाणु हमले को रोक सकते हैं डिफेंस सिस्टम?

नई दिल्ली। बीते कुछ दशकों में वैश्विक राजनीति और तकनीकी विकास ने दुनिया को एक ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है, जहाँ परमाणु हथियारों की मौजूदगी शांति और विनाश—दोनों की संभावनाओं को एक साथ लेकर चलती है। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है—क्या आधुनिक डिफेंस सिस्टम परमाणु हमले को रोक सकते हैं?

परमाणु हमलों की चुनौती

परमाणु हथियारों की शक्ति इतनी अधिक होती है कि अगर एक भी मिसाइल किसी बड़े शहर को निशाना बना ले, तो वह लाखों लोगों की जान और पूरे क्षेत्र की संरचना को तबाह कर सकती है। परमाणु हमले की गति इतनी तीव्र होती है कि प्रतिक्रिया देने के लिए महज कुछ मिनट ही मिलते हैं। यही कारण है कि इनसे सुरक्षा का प्रश्न अत्यंत गंभीर है।

डिफेंस सिस्टम की वर्तमान स्थिति

आधुनिक रक्षा प्रणालियाँ, विशेषकर मिसाइल डिफेंस सिस्टम (जैसे कि अमेरिका का THAAD और Patriot, रूस का S-400, और भारत का विकसित हो रहा Ballistic Missile Defence System) बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम हैं। इन प्रणालियों में रडार, ट्रैकिंग सिस्टम, और इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल होती हैं जो दुश्मन की मिसाइल को रास्ते में ही मार गिराने की कोशिश करती हैं।

क्या परमाणु हमला रोका जा सकता है?

यह सवाल पूरी तरह तकनीकी नहीं है, बल्कि रणनीतिक भी है। डिफेंस सिस्टम कुछ हद तक परमाणु हमलों को रोक सकते हैं, लेकिन 100% सुरक्षा की गारंटी देना कठिन है, खासकर जब कई मिसाइलें एक साथ छोड़ी जाएँ (Multiple Independently-targetable Reentry Vehicles - MIRVs)। इसके अलावा, हाइपरसोनिक मिसाइलों जैसी नई तकनीकों ने डिफेंस सिस्टम के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।

समाधान: तकनीक से आगे सोचने की जरूरत

परमाणु युद्ध कोई सामान्य लड़ाई नहीं, बल्कि मानवता के अस्तित्व पर सीधा खतरा है। डिफेंस सिस्टम एक बचाव की पहली दीवार हो सकते हैं, लेकिन सबसे मजबूत रक्षा कूटनीति, बातचीत और वैश्विक सहयोग है। हथियारों की दौड़ से ज़्यादा ज़रूरी है विश्वास का निर्माण, ताकि परमाणु हमले जैसी स्थिति कभी उत्पन्न ही न हो।

रूस से S-500 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है भारत

नई दिल्ली। भारतीय वायु रक्षा क्षमताओं को अगले स्तर पर ले जाने के उद्देश्य से भारत अब रूस के अत्याधुनिक S-500 Prometheus एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस और भारत के बीच इस प्रणाली को लेकर बातचीत प्रारंभ हो चुकी है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत पहले ही रूस से S-400 सिस्टम की चार यूनिटें प्राप्त कर चुका है और पाँचवीं यूनिट की डिलीवरी अगले वर्ष अपेक्षित है।

ऑपरेशन सिंदूर और S-400 की भूमिका

हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 की जबरदस्त कामयाबी ने भारत की वायु रक्षा तैयारियों में नई जान फूंक दी। पाकिस्तान द्वारा दागे गए ड्रोन और मिसाइलों को भारतीय S-400 और स्वदेशी आकाश सिस्टम द्वारा कुशलता से मार गिराया गया। इस सफलता ने भारत को यह सोचने पर मजबूर किया कि भविष्य में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती वायु शक्ति को देखते हुए अगली पीढ़ी की डिफेंस प्रणाली की आवश्यकता है।

S-500 Prometheus: तकनीकी क्षमता और सामरिक महत्व

1 .रेंज: 600 किलोमीटर तक की दूरी और 200 किलोमीटर की ऊँचाई तक ट्रैकिंग क्षमता।

2 .खतरे की पहचान: यह बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों, हाइपरसोनिक हथियारों और स्टेल्थ फाइटर जेट्स को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम है।

3 .रडार सिस्टम: इसमें 91N6A(M) लॉन्ग रेंज रडार, X-बैंड फायर कंट्रोल रडार और मल्टी-बैंड फेज़्ड एरे तकनीक का उपयोग होता है।

4 .लो-फ्रिक्वेंसी डिटेक्शन: यह तकनीक उन स्टेल्थ विमानों को भी पकड़ सकती है, जो पारंपरिक रडार से बच निकलते हैं।

चीन और पाकिस्तान की चुनौती

चीन के पास J-20 और J-35 जैसे स्टेल्थ फाइटर जेट्स हैं, जबकि पाकिस्तान चीन से J-35A जैसी अगली पीढ़ी की स्टेल्थ तकनीक प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। ऐसे में भारत को न सिर्फ अपनी वायु सीमाओं की रक्षा करनी है, बल्कि आने वाले वर्षों में स्टेल्थ और हाइपरसोनिक खतरों से निपटने के लिए बहु-स्तरीय एयर डिफेंस की आवश्यकता है। S-500 इस चुनौती के लिए एक निर्णायक समाधान हो सकता है।

रूस-भारत रक्षा सहयोग और संभावित जॉइंट मैन्युफैक्चरिंग

रूस की तरफ से भारत को S-500 के लिए लोकल जॉइंट मैन्युफैक्चरिंग का भी प्रस्ताव दिया गया है, जिससे भारत में ही इसका निर्माण हो सकेगा। यह "मेक इन इंडिया" पहल को भी मजबूती देगा और भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

यूपी में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग ने "एकमुश्त समाधान योजना 2024-25" के अंतर्गत डिफॉल्टर उपभोक्ताओं को अपना बकाया बिल जमा करने का एक और मौका दिया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।

इस योजना के तहत ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने पंजीकरण तो करवा लिया था, लेकिन निर्धारित समय पर बकाया या किस्तों की राशि नहीं चुका पाए, वे अब 1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 के बीच भुगतान कर सकते हैं। यह एक अंतिम अवसर है, जिसके बाद किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।

डिफॉल्टर उपभोक्ताओं को क्या करना होगा?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को निम्नलिखित शर्तों के साथ बकाया चुकाना होगा: उपभोक्ता को शेष बकाया राशि के साथ ₹1,000 या मिलने वाली छूट का 10% (जो भी अधिक हो), अतिरिक्त रूप से जमा करना होगा। भुगतान एकमुश्त (लंप-सम) करना होगा। कोई भी किश्त प्रणाली इस बार लागू नहीं होगी।

ऐसे समझें योजना को – उदाहरण से : यदि एक उपभोक्ता पर ₹50,000 का बकाया है। पहले उसे ₹5,000 की छूट मिल रही थी। अब डिफॉल्टर होने पर उसे केवल ₹1,000 की छूट मिलेगी। उपभोक्ता को कुल ₹46,000 जमा करने होंगे। (₹50,000 – ₹5,000 + ₹1,000 = ₹46,000)

उदाहरण 2: उपभोक्ता पर ₹5,00,000 का बकाया है। उसे पहले ₹50,000 की छूट दी गई थी। डिफॉल्टर होने पर अब उसे छूट का 10% यानी ₹5,000 देना होगा। इस स्थिति में उपभोक्ता को ₹4,55,000 का भुगतान करना होगा।(₹5,00,000 – ₹50,000 + ₹5,000 = ₹4,55,000)

भुगतान कहां और कैसे करें?

बकाया भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को कई सुविधाएं दी गई हैं। उपभोक्ता निम्न माध्यमों से भुगतान कर सकते हैं: बिजली विभाग के उपकेंद्र/खंड कार्यालय/कैश काउंटर, जनसेवा केंद्र, विद्युत सखी, फिनटेक प्रतिनिधि, मीटर रीडर (बिलिंग एजेंसी) के माध्यम से या ऑनलाइन पोर्टल www.uppcl.org से।

अंतिम तारीख पर रखें विशेष ध्यान

31 जुलाई 2025 के बाद इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। पावर कॉर्पोरेशन द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यह एक अंतिम अवसर है। तय समयसीमा में भुगतान न करने पर उपभोक्ता के खिलाफ बकाया वसूली और विधिक कार्रवाई की जाएगी।

सुबह खाली पेट लें नींबू-शहद, होंगे ये 9 बड़े फायदे!

हेल्थ डेस्क। सेहतमंद जीवनशैली की तलाश में लगे लोगों के बीच अब घरेलू नुस्खों की ओर रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इसी कड़ी में सुबह खाली पेट नींबू और शहद का सेवन एक बेहद लोकप्रिय और असरदार उपाय के रूप में सामने आया है। आयुर्वेद और न्यूट्रिशन विशेषज्ञों की मानें तो यह संयोजन न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से बचाव में भी मदद करता है।

बता दें की नींबू और शहद, दोनों ही अपने-अपने गुणों के लिए जाने जाते हैं। जब इन दोनों को हल्के गुनगुने पानी के साथ मिलाकर सुबह खाली पेट लिया जाए, तो इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं इस चमत्कारी मिश्रण के 9 बड़े फायदे। 

1. वजन घटाने में मददगार: नींबू में मौजूद पेक्टिन फाइबर भूख को नियंत्रित करता है, जबकि शहद चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को तेज करता है। यह मिश्रण फैट बर्न करने में सहायक है।

2. पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त : यह ड्रिंक पेट को साफ करने, गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या को दूर करने में असरदार है।

3. त्वचा बनाए निखरी और चमकदार: नींबू में विटामिन C और शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्किन को अंदर से पोषण देते हैं और मुहांसे, दाग-धब्बों को कम करते हैं।

4. बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक: यह मिश्रण शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

5. इम्युनिटी बढ़ाता है : नींबू में विटामिन C और शहद में रोग प्रतिरोधक गुण होते हैं, जो रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाते हैं।

6. गले की खराश और सर्दी-जुकाम में राहत: नींबू-शहद का गर्म पानी गले की खराश, खांसी और वायरल संक्रमण में राहत देता है।

7. मुंह की बदबू दूर करता है : इस ड्रिंक का नियमित सेवन मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करता है और सांस को ताजा बनाता है।

8. एनर्जी बूस्टर का काम करता है : सुबह-सुबह यह मिश्रण शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और दिनभर सक्रिय बनाए रखता है।

9. दिल को रखे स्वस्थ : नींबू-शहद का सेवन कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को घटाता है।

IBPS PO भर्ती 2025: 5208 पदों के लिए आवेदन

नई दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर सामने आया है। बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) ने प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) के 5208 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इच्छुक एवं पात्र अभ्यर्थी 1 जुलाई 2025 से 21 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर पूरी की जा सकती है।

पदों का विवरण

कुल पद: 5208

पद का नाम: प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO)

सेवा क्षेत्र: विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंक

योग्यता

उम्मीदवार के पास भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक डिग्री होनी चाहिए। अंतिम वर्ष के छात्र आवेदन नहीं कर सकते।

आयु सीमा (01-07-2025 के अनुसार)

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु: 20 वर्ष, जबकि अधिकतम आयु: 30 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी।

आवेदन शुल्क

एससी / एसटी / पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए: ₹175 (GST सहित), जबकि सामान्य / ओबीसी / अन्य के लिए: ₹850 (GST सहित)

वेतनमान

प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में चयनित अभ्यर्थियों को रु. 74,000 से 76,000 रुपये प्रतिमाह का आकर्षक वेतनमान मिलेगा, जिसमें बेसिक पे, डीए, एचआरए, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, और अन्य भत्ते शामिल होंगे।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 1 जुलाई 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 21 जुलाई 2025

कैसे करें आवेदन?

आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर जाएं। "CRP PO/MT-XV" लिंक पर क्लिक करें, रजिस्ट्रेशन करें और आवेदन फॉर्म भरें, दस्तावेज़ अपलोड करें और फीस भुगतान करें, फाइनल सबमिट करके प्रिंट आउट लें।

दुनिया के ये 4 महाशक्ति देश, जिनका रक्षा कवच है मजबूत!

नई दिल्ली। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में जहां भू-राजनीतिक तनाव और तकनीकी युद्धों का ख़तरा बढ़ रहा है, वहां हर देश अपनी रक्षा प्रणाली को और भी अधिक मजबूत बनाने की दौड़ में शामिल है। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने अत्याधुनिक रक्षा कवच और सैन्य तैयारी के दम पर खुद को दुनिया की अजेय महाशक्तियों की सूची में स्थापित कर लिया है। आइए जानते हैं उन चार देशों के बारे में जिनका रक्षा कवच न केवल अभेद्य है, बल्कि विश्व की सुरक्षा संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

1. संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America)

अमेरिका दशकों से रक्षा क्षेत्र में सबसे आगे है। इसके पास अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सेना, एयरक्राफ्ट कैरियर्स, सटीक मिसाइल डिफेंस सिस्टम और साइबर वॉरफेयर की बेजोड़ ताक़त है।

प्रमुख रक्षा कवच: THAAD (Terminal High Altitude Area Defense), Aegis Combat System, और NORAD जैसे शक्तिशाली सिस्टम इसकी सुरक्षा की रीढ़ हैं।

2. रूस (Russia)

रूस पारंपरिक सैन्य ताक़त और न्यूक्लियर शील्ड दोनों में ही अग्रणी है। अपने सामरिक मिसाइल सिस्टम और अत्याधुनिक S-400 व S-500 एयर डिफेंस के चलते यह दुनिया के सबसे मजबूत रक्षा कवच वाले देशों में गिना जाता है।

प्रमुख रक्षा कवच: S-400 और S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, रेडियो इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्नोलॉजी।

3. चीन (China)

तेज़ी से उभरती महाशक्ति चीन ने बीते कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। PLA (People's Liberation Army) दुनिया की सबसे बड़ी स्थायी सेना है।

प्रमुख रक्षा कवच: S-400 और HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, साइबर सुरक्षा व स्पेस डिफेंस क्षमता।

4. भारत (India)

भारत ने बीते दो दशकों में रक्षा तकनीक में उल्लेखनीय प्रगति की है। जहां यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सैन्य बजट वाला देश है, वहीं इसकी सुरक्षा नीति में आत्मनिर्भरता पर ज़ोर है।

प्रमुख रक्षा कवच: S-400 ट्रायम्फ (रूस से प्राप्त), स्वदेशी विकसित ‘Akash’ और ‘Prithvi’ मिसाइलें, AAD-BMD (Ballistic Missile Defence)।

यूपी के इस जिले में 19% तक बढ़ सकते हैं सर्किल रेट

रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जमीन के सर्किल रेट (Circle Rate) में बड़ी वृद्धि होने की संभावना है। निबंधन विभाग ने प्रस्तावित सूची तैयार कर जिला अधिकारी (DM) को भेज दी है, जिसमें अधिकतम 19 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव है। इस सूची पर इसी सप्ताह अंतिम मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। एक बार मंजूरी मिलने के बाद इसे जिले में लागू कर दिया जाएगा।

क्या होता है सर्किल रेट?

सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर किसी क्षेत्र में भूमि या संपत्ति की रजिस्ट्री की जाती है। यह दर राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है और समय-समय पर इसका पुनः मूल्यांकन किया जाता है। सर्किल रेट बढ़ने का सीधा असर संपत्ति के क्रय-विक्रय, स्टांप ड्यूटी, और रजिस्ट्री शुल्क पर पड़ता है।

कैसे तय हुईं नई दरें?

रायबरेली में सर्किल रेट को बढ़ाने की प्रक्रिया अप्रैल 2025 में शुरू की गई थी। निबंधन विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों में संपत्ति के खरीद-फरोख्त के आधार पर नई दरों का प्रस्ताव तैयार किया। इसके बाद: प्रस्तावित सूची पर आपत्तियाँ मांगी गईं। प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण किया गया। शासन से प्राप्त सुझावों को भी सूची में शामिल किया गया। अंततः नई संशोधित सूची अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अमृता सिंह को भेजी गई, जिनकी मंजूरी के बाद यह सूची डीएम को भेजी जाएगी।

किन क्षेत्रों में होगी अधिक वृद्धि?

निबंधन विभाग का कहना है कि सर्किल रेट उन क्षेत्रों में अधिक बढ़ाए गए हैं जहाँ संपत्ति की खरीद-फरोख्त अधिक हो रही है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि बाजार मूल्य और सरकारी सर्किल रेट के बीच का अंतर कम किया जाए। वहीं, जिन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी डीलिंग में कमी देखी गई है, वहाँ दरें यथावत रखी गई हैं।

ग्रामीण बनाम अर्द्ध नगरीय क्षेत्र

निबंधन विभाग ने इस बार छह गांवों को अर्द्ध नगरीय क्षेत्र में शामिल कर लिया था, जिससे वहाँ सर्किल रेट में भारी वृद्धि हो रही थी। लेकिन स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद इन गांवों को पुनः ग्रामीण क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है। इससे इन गांवों में सर्किल रेट में अनावश्यक बढ़ोतरी नहीं होगी।

सर्किल रेट बढ़ने से प्रभाव क्या होंगे?

खरीदारों पर असर: रजिस्ट्री के लिए अधिक स्टांप ड्यूटी देनी होगी, जिससे कुल प्रॉपर्टी लागत बढ़ेगी।

राजस्व वृद्धि: सरकार को रजिस्ट्री से अधिक राजस्व मिलेगा।

बाजार मूल्य के करीब: नई दरें प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य के अनुरूप होंगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन: बैंक लोन, बीमा आदि के लिए प्रॉपर्टी का मूल्यांकन भी नए सर्किल रेट के आधार पर होगा।

हाइपरसोनिक तकनीक की होड़: 4 देश सुपरपावर की ओर!

नई दिल्ली। 21वीं सदी के मध्य में जब वैश्विक शक्ति संतुलन फिर से परिभाषित हो रहा है, ऐसे में "हाइपरसोनिक तकनीक" ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक प्रतिस्पर्धा का रुख पूरी तरह बदल दिया है। दुनिया के चार बड़े देश — अमेरिका, रूस, चीन और भारत — इस उभरती हुई तकनीक में प्रभुत्व स्थापित करने की होड़ में जुटे हैं। यह सिर्फ रक्षा क्षेत्र का विकास नहीं, बल्कि रणनीतिक दबदबे की नई परिभाषा बन चुका है।

हाइपरसोनिक तकनीक क्या है?

हाइपरसोनिक हथियार वे मिसाइल हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना (Mach 5) या उससे अधिक गति से यात्रा करते हैं। इस स्पीड पर ये पारंपरिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम होते हैं, जिससे ये युद्ध के समीकरण को पूरी तरह बदल सकते हैं।

1 .रूस: सबसे आगे, लेकिन चुनौतियाँ

रूस ने 2019 में 'Avangard' हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को ऑपरेशनल घोषित कर दुनिया को चौंका दिया था। इसके बाद 'Kinzhal' मिसाइल को यूक्रेन युद्ध में प्रयोग कर इस तकनीक की प्रभावशीलता को दिखाया गया। हालांकि, पश्चिमी प्रतिबंधों और आर्थिक दबावों ने इसके अनुसंधान व उत्पादन क्षमता को कुछ हद तक प्रभावित किया है।

2 .चीन: तेजी से उभरती हुई शक्ति

चीन ने DF-ZF हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल के साथ एक मजबूत संदेश दिया है। उसके परीक्षणों और अंतरिक्ष-आधारित हाइपरसोनिक मिसाइलों की खबरें अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए चिंता का विषय हैं। तकनीकी गोपनीयता और लगातार बढ़ती सैन्य फंडिंग के बल पर चीन इस दौड़ में काफी आगे निकल चुका है।

3 .अमेरिका: तकनीकी नेतृत्व की कोशिश

अमेरिका ने शुरुआत में हाइपरसोनिक तकनीक को धीमी गति से अपनाया, लेकिन अब DARPA और अन्य रक्षा एजेंसियां इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं। अमेरिका की रणनीति "ऑफेंस" के साथ-साथ "डिफेंस" यानी हाइपरसोनिक हथियारों के साथ-साथ उन्हें रोकने वाली तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रित करने की है। 2025 तक अमेरिका के कई हाइपरसोनिक सिस्टम ऑपरेशनल हो सकते हैं।

4 .भारत: आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम

भारत ने DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के नेतृत्व में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण कर दुनिया को अपनी क्षमता दिखाई है। ब्रह्मोस-2 जैसी परियोजनाएं रूस के सहयोग से विकसित हो रही हैं, जो भारत को इस दौड़ में स्थायी स्थान दिला सकती हैं। भारत की खास बात यह है कि वह इस तकनीक को 'डिटरेंस' यानी प्रतिरोधक क्षमता के रूप में विकसित कर रहा है।

रोज एक चम्मच देसी घी: पुरुषों को होंगे 6 फायदे!

हेल्थ डेस्क। भारतीय रसोई में सदियों से अपनी जगह बनाए रखने वाला देसी घी आजकल फिर से सेहत का सुपरफूड बन गया है। खासकर पुरुषों के लिए इसका नियमित सेवन कई तरह से लाभदायक माना जा रहा है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक विज्ञान तक, देसी घी के गुणों की पुष्टि होती रही है। आइए जानते हैं कि रोजाना सिर्फ एक चम्मच देसी घी खाने से पुरुषों को कौन-कौन से 6 फायदे मिल सकते हैं।

1. शारीरिक ताकत और स्टैमिना में वृद्धि

देसी घी में मौजूद हेल्दी फैट्स शरीर को ऊर्जा देने का बेहतरीन स्रोत हैं। रोजाना सुबह एक चम्मच घी लेने से मांसपेशियों को पोषण मिलता है, जिससे थकान कम होती है और स्टैमिना बढ़ता है।

2. हॉर्मोन संतुलन और प्रजनन क्षमता में सुधार

देसी घी आयुर्वेद में शुक्रधातु वर्धक माना गया है। यह पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को संतुलित करता है, जिससे प्रजनन क्षमता बेहतर होती है और यौन स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

3. मानसिक तनाव में राहत

देसी घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो मस्तिष्क को शांत रखने में मदद करते हैं। इससे चिंता, तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

4. जोड़ों और हड्डियों को मजबूती

देसी घी कैल्शियम और विटामिन D के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियाँ और जोड़ मजबूत बनते हैं। खासकर 30 की उम्र के बाद पुरुषों के लिए यह बेहद जरूरी हो जाता है।

5. पाचन शक्ति में सुधार

घी में ब्यूटीरेट नामक फैटी एसिड होता है, जो आंतों की सेहत सुधारता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। रोज एक चम्मच घी कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।

6. त्वचा और बालों में निखार

देसी घी में विटामिन A, E और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को अंदर से पोषण देते हैं। साथ ही बालों की जड़ों को मज़बूती देते हैं और झड़ना कम करते हैं।

8वें वेतन आयोग: नए कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी?

नई दिल्ली। भारत सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा कर दी है, जिसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना प्रस्तावित है। इस नई वेतन संरचना से केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों, विशेष रूप से हाल ही में नियुक्त हुए युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। सवाल ये है कि वे कर्मचारी जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में ही नौकरी शुरू की है — उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी? इस रिपोर्ट में हम इसी सवाल का विश्लेषण करेंगे।

वेतन वृद्धि कैसे होती है?

केंद्र सरकार में वेतन वृद्धि की गणना मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के आधार पर की जाती है। यह एक निश्चित मल्टीप्लायर होता है जो किसी कर्मचारी की मूल वेतन (Basic Salary) को बढ़ाने में मदद करता है।7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था। 8वें वेतन आयोग में इसे 2.28 से 2.86 के बीच तय किए जाने की संभावना जताई जा रही है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 रखा गया, तो वर्तमान ₹18,000 की बेसिक सैलरी सीधे बढ़कर ₹51,480 हो सकती है।

नए कर्मचारियों पर 8वां वेतन आयोग कैसे लागू होगा?

यह ध्यान देना जरूरी है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद, यह सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होगा — चाहे किसी की नियुक्ति 1 साल पहले हुई हो या 10 साल पहले। इसलिए, जो नए कर्मचारी हाल के वर्षों में सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं, उनकी सैलरी भी नए फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से संशोधित की जाएगी।

उदाहरण के लिए: अगर कोई कर्मचारी 2024 में ₹18,000 बेसिक सैलरी पर नियुक्त हुआ है, और 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो 2026 में उसकी वही बेसिक सैलरी ₹51,480 हो जाएगी (DA और अन्य भत्तों से अलग)।

महंगाई भत्ता (DA) का मर्जर: बड़ा बदलाव

एक और बड़ा फैसला 8वें वेतन आयोग में हो सकता है — मौजूदा महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा। यह बदलाव न केवल सैलरी की गणना को सरल बनाएगा, बल्कि इससे कर्मचारियों की कुल आय में भी इजाफा होगा।

लुधियाना: PSSSB द्वारा 23 पदों पर बंपर भर्तियां

लुधियाना – पंजाब अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (PSSSB) ने 2025 की बड़ी भर्ती प्रक्रिया का ऐलान कर दिया है। बोर्ड ने प्रयोगशाला सहायक (Laboratory Assistant), सर्वेयर (Surveyor) और सहायक रसायनज्ञ (Assistant Chemist) समेत कुल 23 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन 27 जून 2025 से शुरू हो चुके हैं और इच्छुक अभ्यर्थी 18 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पात्रता और शैक्षणिक योग्यता:

भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास 10वीं, किसी भी विषय में स्नातक डिग्री या बीएससी जैसी योग्यता होनी चाहिए। पात्रता पदानुसार भिन्न हो सकती है, जिसके लिए विस्तृत जानकारी आधिकारिक वेबसाइट sssb.punjab.gov.in पर उपलब्ध है।

आवेदन शुल्क:

सामान्य श्रेणी: ₹1000, SC/BC/EWS श्रेणी: ₹250, पूर्व सैनिक (ESM): ₹200, विकलांग (PH) श्रेणी: ₹500 निर्धारित किया गया हैं।

आयु सीमा:

उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 37 वर्ष होनी चाहिए। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु में छूट दी जाएगी।

वेतनमान:

प्रयोगशाला सहायक और सर्वेयर: ₹19,900/- (पे मैट्रिक्स लेवल 2 के अनुसार), सहायक रसायनज्ञ: ₹35,400/- (7वें वेतन आयोग के अनुसार)

कैसे करें आवेदन:

उम्मीदवारों को PSSSB की आधिकारिक वेबसाइट sssb.punjab.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 18 जुलाई 2025 है, इसलिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लें।

बच्चों को जीनियस बनाना है? ये 4 चीजें जरूर खिलाएं

हेल्थ डेस्क। हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा पढ़ाई-लिखाई में सबसे आगे हो, तेज़ दिमाग और अच्छा मेमोरी पावर रखे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ पढ़ाई और कोचिंग से नहीं, बल्कि सही पोषण और कुछ खास खाद्य पदार्थों से भी बच्चों के दिमाग को तेज़ और शक्तिशाली बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं वे 4 ऐसी चीजें जो आपके बच्चे को जीनियस बनाने में मदद करेंगी।

1. अखरोट (Walnuts)

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो दिमाग की कोशिकाओं के विकास और स्मृति को बेहतर बनाता है। रोज़ाना अखरोट खाने से बच्चे की याददाश्त और कॉन्संट्रेशन पावर में सुधार होता है।

2. बादाम (Almonds)

बादाम दिमाग के लिए एक बेहतरीन सुपरफूड माना जाता है। इसमें विटामिन E, ओमेगा-3 फैटी एसिड और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो दिमाग की कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं और स्मृति शक्ति को बढ़ाते हैं। रोज़ाना कुछ बादाम खाने से बच्चों की एकाग्रता और सीखने की क्षमता में सुधार होता है।

3. अंडे (Eggs)

अंडे में कोलीन नामक पोषक तत्व होता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण में सहायक होता है। यह बच्चों के मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच बेहतर संपर्क बनाता है और सीखने की क्षमता बढ़ाता है।

4. हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Leafy Vegetables)

पालक, मेथी और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन, विटामिन K और फोलेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये सब्जियां बच्चे की सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाती हैं।

IBPS SO भर्ती 2025: 1007 पदों के लिए आवेदन शुरू

नई दिल्ली। इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS) ने वर्ष 2025 के लिए स्पेशलिस्ट ऑफिसर (SO) भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस भर्ती के अंतर्गत विभिन्न बैंकों में कुल 1007 पदों पर स्पेशलिस्ट ऑफिसर्स की नियुक्ति की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया 1 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी है और इच्छुक उम्मीदवार 21 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है।

कुल रिक्तियां: 1007 पद

पद का नाम: कुल पद. 

IT ऑफिसर: 203 पद।

एग्रीकल्चर फील्ड ऑफिसर (AFO): 310

राजभाषा अधिकारी: 78 पद।

लॉ ऑफिसर (स्केल-1): 56 पद। 

एचआर / पर्सनल ऑफिसर: 10 पद।

मार्केटिंग ऑफिसर (MO): 350 पद। 

महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 1 जुलाई 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 21 जुलाई 2025

आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि: 21 जुलाई 2025

शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि: 21 जुलाई 2025

आवेदन शुल्क। 

सामान्य / ओबीसी / EWS के लिए आवेदन शुल्क ₹850/-, जबकि एससी / एसटी / पीडब्ल्यूडी के लिए आवेदन शुल्क ₹175/- निर्धारित हैं। फीस का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या मोबाइल वॉलेट्स के माध्यम से किया जा सकता है।

वेतनमान (Pay Scale)

स्पेशलिस्ट ऑफिसर पद के लिए वेतनमान इस प्रकार है: ₹48,480 – 2000/7 – 62,480 – 2340/2 – 67,160 – 2680/7 – 85,920 रुपये (यह स्केल IBPS के तहत विभिन्न बैंकों में लागू होता है)

चयन प्रक्रिया

चयन तीन चरणों में होगा: प्रारंभिक (Prelims) ऑनलाइन परीक्षा, मुख्य (Mains) परीक्षा, साक्षात्कार (Interview), प्रत्येक पद के लिए परीक्षा पैटर्न अलग-अलग होता है। विस्तृत परीक्षा पैटर्न और सिलेबस के लिए आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर विजिट करें।

कैसे करें आवेदन?

आधिकारिक वेबसाइट ibps.in पर जाएं। "CRP Specialist Officers" लिंक पर क्लिक करें। "New Registration" पर क्लिक करके पंजीकरण करें। आवेदन फॉर्म भरें, डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें और शुल्क का भुगतान करें। फाइनल सबमिशन से पहले फॉर्म की समीक्षा करें और सबमिट करें। भविष्य के लिए आवेदन की प्रति और शुल्क रसीद सेव कर लें

हर दिन एक चम्मच शहद: पुरुषों को होंगे 7 फायदे!

हेल्थ डेस्क। आज के भागदौड़ और तनाव भरे जीवन में पुरुषों के लिए सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं। काम का दबाव, थकान, खान-पान में लापरवाही और जीवनशैली से जुड़ी कई समस्याएं धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में एक साधारण लेकिन बेहद असरदार घरेलू उपाय आपकी सेहत का साथी बन सकता है—शहद।

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों मानते हैं कि शहद पुरुषों के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है। खासतौर पर अगर आप हर दिन सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद लेते हैं, तो इसके कई फायदे मिल सकते हैं।

1 .ऊर्जा में जबरदस्त बढ़ोतरी

शहद में प्राकृतिक शुगर (ग्लूकोज और फ्रक्टोज) होती है, जो शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करती है। रोजाना शहद लेने से थकावट कम होती है और शरीर दिनभर एक्टिव बना रहता है।

2 .यौन स्वास्थ्य में सुधार

शहद को प्राकृतिक अफ्रोडिज़िएक माना जाता है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे यौन शक्ति, स्टैमिना और इच्छा में सुधार होता है।

3 . रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत

शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह पुरुषों की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है और मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी-जुकाम से बचाव करता है।

4 .दिल के लिए फायदेमंद

शहद शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है—जो पुरुषों में आम समस्या बनती जा रही है।

5 .पेट और पाचन में राहत

अगर आपको गैस, अपच या कब्ज की शिकायत रहती है, तो शहद इसमें भी फायदेमंद साबित होता है। यह पेट की गर्मी को शांत करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।

6 . मानसिक तनाव में कमी

शहद का सेवन मस्तिष्क को आराम देने का काम करता है। यह मानसिक थकान, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। रात को दूध के साथ शहद लेने से नींद की गुणवत्ता सुधरती है।

7 .त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व त्वचा को अंदर से पोषण देते हैं। इससे पुरुषों की त्वचा में निखार आता है और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।

बिहार में इंटरव्यू से नौकरी, सैलरी ₹12000 से ज्यादा

बेगूसराय। बेरोजगारी की मार झेल रहे बिहार के युवाओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। Airtel Payments Bank Limited में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर जिला नियोजनालय, बेगूसराय के माध्यम से उपलब्ध हुआ है। 12वीं पास युवाओं के लिए यह शानदार मौका है कि वे बिना किसी लिखित परीक्षा के, सीधे इंटरव्यू के माध्यम से नौकरी हासिल कर सकते हैं।

कहां और कब होगा जॉब कैंप?

तारीख: 8 जुलाई 2025

समय: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक

स्थान: जिला नियोजनालय, बेगूसराय

कंपनी: इस मेगा जॉब कैंप का आयोजन Airtel Payments Bank Ltd (नेटएम्बिट वैल्यू फर्स्ट सर्विसेस प्रा. लि.) द्वारा किया जा रहा है।

कौन-कौन से पदों पर होगी भर्ती?

इस जॉब कैंप के तहत Acquisition Business Development Executive (ABDE) के पदों पर भर्ती की जाएगी। यह पद बैंकिंग सेवाओं के विस्तार और ग्राहकों से सीधे संपर्क में रहने वाले उम्मीदवारों के लिए है।

कार्य की प्रकृति:

न्यू सीएसपी (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) ऑनबोर्डिंग, खाता खोलना, आईडीसी जारी करना, एसएमई व मर्चेंट सेवाएं प्रदान करना, अन्य बैंकिंग सुविधाएं। 

योग्यता और आयु सीमा

शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 12वीं पास, स्नातक उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। जबकि आयु सीमा 18 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस पद के लिए फ्रेशर्स और अनुभवी दोनों आवेदन कर सकते हैं

वेतन और सुविधाएं: वेतन: ₹12,500 प्रति माह, सुविधाएं: PF, ESI, मेडिकल सुविधा, इंसेंटिव आदि। 

NCS पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: इच्छुक उम्मीदवारों को राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल (NCS) पर पंजीकरण कराना आवश्यक है: www.ncs.gov.in

कार्यस्थल: बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय और जमुई। 

बिहार में 'क्लर्क' के 26 पदों पर भर्ती, 12वीं पास करें आवेदन!

पटना। बिहार के युवाओं के लिए रोजगार का सुनहरा अवसर सामने आया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 'क्लर्क' के 26 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। यह भर्ती उन युवाओं के लिए खास है जो इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हैं और कंप्यूटर का आधारभूत ज्ञान रखते हैं।

आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियाँ

इस भर्ती प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन आवेदन 8 जुलाई 2025 से शुरू होंगे और 29 जुलाई 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे। इच्छुक अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.bpsc.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकते हैं।

योग्यता और आयु सीमा

इस पद के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम इंटरमीडिएट (12वीं) निर्धारित की गई है। इसके साथ ही, अभ्यर्थी को कंप्यूटर का ज्ञान होना आवश्यक है। आवेदन करने के लिए आयु सीमा 18 वर्ष से लेकर अधिकतम 42 वर्ष तक निर्धारित की गई है। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु में छूट भी प्रदान की जाएगी।

उम्मीदवारों का चयन प्रक्रिया

यदि इस भर्ती के लिए 40,000 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो आयोग चयन प्रक्रिया को दो चरणों में आयोजित करेगा। इसमें प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा शामिल हो सकती है। परीक्षा की तिथियाँ और अन्य विवरण आयोग द्वारा अलग से जारी किए जाएंगे।

नौकरी की सुरक्षा और सरकारी लाभ

सरकारी नौकरी के रूप में क्लर्क का पद न केवल आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि इसमें सामाजिक प्रतिष्ठा और अनेक सरकारी सुविधाएँ भी सम्मिलित हैं। यह पद विशेष रूप से उन युवाओं के लिए लाभकारी है जो स्थायी और सुरक्षित करियर की तलाश में हैं।

यूपी में अब छात्र-टीचरों की लगेगी ऑनलाइन हाजिरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, संगठित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में अब छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन माध्यम से दर्ज की जाएगी। यह नई व्यवस्था 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हो गई है और इसे सभी 28529 राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन विद्यालयों में लागू किया गया है जो यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं।

उद्देश्य और महत्त्व

इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में उपस्थिति की प्रक्रिया को: पारदर्शी बनाना, तकनीकी रूप से सुदृढ़ करना, सुनियोजित और समयबद्ध करना है। ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली से जहां एक ओर छात्रों की उपस्थिति की निगरानी बेहतर ढंग से की जा सकेगी, वहीं शिक्षकों की नियमितता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।

तकनीकी ढांचा

इस नई प्रणाली के तहत: एक विशेष पोर्टल विकसित किया गया है, साथ ही एक मोबाइल एप्लिकेशन भी तैयार किया गया है। प्रधानाचार्य या नामित शिक्षक इस एप के माध्यम से प्रतिदिन कक्षा 9 से 12 तक के प्रत्येक छात्र और विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की उपस्थिति को ऑनलाइन दर्ज करेंगे।

प्रशासन की तैयारी

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी प्रधानाचार्य इस प्रणाली को गंभीरता से लागू करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्थिति में उपस्थिति प्रक्रिया बाधित न हो। बोर्ड द्वारा इस कार्य के लिए विद्यालयों को आवश्यक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

यूपी में 63 तहसीलदार प्रमोशन से बने SDM: देखें लिस्ट?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए राज्य के 63 तहसीलदारों को पदोन्नति देकर उपजिलाधिकारी (SDM) के पद पर नियुक्त कर दिया है। इस फैसले से प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ ही अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ा है। नियुक्ति विभाग द्वारा 1 जुलाई 2025 को इस संबंध में आदेश जारी किया गया, जिसमें 63 अधिकारियों को 7वें वेतन आयोग के लेवल-10 (₹56,100 - ₹1,77,500 वेतनमान) में प्रोन्नत किया गया है।

पदोन्नति की प्रक्रिया

डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक 26 जून 2025 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में आयोजित हुई थी।पदोन्नति पाए अधिकारियों को वर्तमान तैनाती स्थल पर ही SDM के रूप में कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। इनका परिवीक्षा काल दो वर्ष का होगा। कुछ मामलों में कनिष्ठ अधिकारी पहले प्रमोट हुए थे, ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों को नोशनल प्रोन्नति (Notional Promotion) दी गई है और उनकी वास्तविक पदोन्नति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से मानी जाएगी।

पदोन्नत तहसीलदारों की सूची:

अभय राज पांडे - SDM, आजमगढ़, हेमंत कुमार गुप्ता - SDM, बलरामपुर

कमलेश कुमार - SDM, रायबरेली, करणवीर सिंह - SDM, हमीरपुर

लालता प्रसाद - SDM, बुलंदशहर, अशोक कुमार सिंह - SDM, मऊ

विजय यादव - SDM, महराजगंज, सुबोध मणि शर्मा - SDM, प्रतापगढ़

भूपाल सिंह - SDM, आजमगढ़, केशव प्रसाद - SDM, मैनपुरी

भात कुमार सिंह - SDM, सुल्तानपुर, अविचल प्रताप सिंह - SDM, कानपुर नगर

संतोष कुमार शुक्ला - ADM, आगरा, राजेश कुमार यादव - SDM, बस्ती

विनोद कुमार चौधरी - SDM, आगरा, प्रभात राय - SDM, शाहजहांपुर

करम सिंह - SDM, सुल्तानपुर, पुष्कर मिश्रा - SDM, बलिया

धर्मेंद्र कुमार सिंह - SDM, अंबेडकर नगर, जनार्दन - SDM, सीतापुर

अनुराग सिंह - SDM, प्रतापगढ़, विजय प्रकाश मिश्र - SDM, इटावा

वाचस्पति सिंह - SDM, प्रतापगढ़, राहुल कुमार गुप्ता - SDM, अंबेडकर नगर

तिमराज सिंह - SDM, बलिया, नरेंद्र कुमार यादव - SDM, बांदा

राधेश्याम शर्मा - SDM, कानपुर नगर, विकास कुमार पांडे - SDM, सहारनपुर

प्रकाश सिंह - SDM, बहराइच, कर्मवीर - SDM, वाराणसी

हर्षवर्धन - SDM, रामपुर, रामाश्रय - SDM, बिजनौर

सतीश कुमार - SDM, एटा, रविन्द्र प्रताप सिंह - SDM, बुलंदशहर

विनोद कुमार सिंह - SDM, बदायूं, ज्योत्स्ना - SDM, जौनपुर

प्रमेश कुमार - SDM, पीलीभीत, रामवीर सिंह - SDM, कुशीनगर

सीमा भारती - SDM, प्रतापगढ़, सुदर्शन कुमार - SDM, फिरोजाबाद

रमेश चंद्र पांडेय - SDM, हापुड़, विजय प्रताप सिंह - SDM, सहारनपुर

राम ऋषि रमन - SDM, चित्रकूट, शैलेन्द्र कुमार सिंह - SDM, बिजनौर

संजय कुमार सिंह - SDM, फर्रुखाबाद, सुदीप कुमार - SDM, गोरखपुर

शेर बहादुर सिंह - SDM, लखनऊ, पुष्पक - SDM, लखीमपुर खीरी

रणविजय सिंह - SDM, गाजीपुर, नरसिंह नारायण शर्मा - SDM, बुलंदशहर

अरुण कुमार वर्मा - SDM, बुलंदशहर, अजय कुमार द्वितीय - SDM, चित्रकूट

आनंद कुमार नायक - SDM, उन्नाव, अजित कुमार सिंह चतुर्थ - SDM, गाजियाबाद

यूपी में इन कर्मचारियों को दिया जाएगा बढ़ा मानदेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने समाज के वंचित वर्गों के कल्याण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने घोषणा की है कि प्रदेश के अनुदानित छात्रावासों में कार्यरत कर्मचारियों को अब श्रम दरों के अनुरूप बढ़ा हुआ मानदेय दिया जाएगा। जैसे-जैसे श्रम दर में वृद्धि होगी, वैसे-वैसे इन कर्मचारियों के मानदेय में भी स्वतः वृद्धि होती रहेगी। यह घोषणा बनारस दौरे के दौरान आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह में की गई।

एससी-एसटी स्वाभिमान समारोह में ऐलान

असीम अरुण बनारस के नदेसर स्थित छात्रावास में आयोजित एससी-एसटी स्वाभिमान समारोह में शामिल हुए, जो कि नरेंद्र कुमार शास्त्री की 94वीं जयंती के अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास समिति द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उन्होंने सरकार द्वारा दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी।

19 सूत्री मांगपत्र और सामाजिक मुद्दे

कार्यक्रम में विधायक त्रिभुवन राम ने अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को सरकारी और निजी संस्थानों में कठोरता से लागू करने की मांग उठाई। वहीं समिति द्वारा एक 19 सूत्री मांगपत्र भी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति या जनजाति में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया गया। साथ ही बेरोजगार युवाओं को 10 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देने की भी मांग की गई।

छात्रावासों के निर्माण हेतु 200 करोड़ का आवंटन

राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने छात्रावासों के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है, जिससे समाज के जरूरतमंद छात्रों को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे केवल सरकारी नौकरी की ओर ही न देखें, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता की ओर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर युवा व्यापार में भी अपनी पहचान बना सकते हैं।

बिहार में नए गर्भनिरोधकों की शुरुआत: महिलाओं को मिलेगा लंबा राहत

पटना। बिहार की महिलाओं के लिए परिवार नियोजन अब और भी सरल, प्रभावी और दीर्घकालिक हो गया है। राज्य सरकार ने परिवार नियोजन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दो नए गर्भनिरोधक विकल्प — एमपीए सबक्यूटेनियस और सबडर्मल इंप्लांट — की शुरुआत 24 जिलों में करने का फैसला लिया है। इस पहल से राज्य की महिलाओं को लंबे समय तक प्रभावशाली गर्भनिरोधक साधन उपलब्ध होंगे, जिससे उन्हें बार-बार गर्भनिरोधक उपायों की झंझट से मुक्ति मिलेगी।

पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद बड़ा कदम

इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शेखपुरा, मुंगेर, पटना और भागलपुर जिलों में की गई थी, जहां महिलाओं ने इन गर्भनिरोधकों के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया। सफलता को देखते हुए अब इसे 24 जिलों में विस्तारित किया जा रहा है।

क्या हैं ये गर्भनिरोधक विकल्प?

1. एमपीए सबक्यूटेनियस

यह एक प्री-लोडेड सूई होती है जो त्वचा में हल्के ढंग से दी जाती है। इसकी खासियत है कि यह कम चुभती है और लंबे समय तक असर करती है। महिलाओं को बार-बार दवा या उपाय बदलने की जरूरत नहीं पड़ती।

2. सबडर्मल इंप्लांट

यह माचिस की तिली के आकार की एक छोटी छड़ होती है, जिसे त्वचा के नीचे लगाया जाता है। यह छड़ धीरे-धीरे हार्मोन छोड़ती है, जिससे गर्भधारण की संभावना कई वर्षों तक रोकी जा सकती है।

महिलाओं को क्यों मिलेगा फायदा?

एम्स पटना की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. इंदिरा प्रसाद के अनुसार, आज की महिलाएं ऐसे गर्भनिरोधक विकल्प चाहती हैं जो बार-बार के इस्तेमाल से मुक्ति दिलाएं और सुरक्षित हों। इन दो विकल्पों के आने से न केवल महिलाएं मानसिक रूप से अधिक स्वतंत्र होंगी, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी लाभ होगा।

राज्य सरकार की तैयारी

सरकार ने सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। संबंधित जिलों को गर्भनिरोधक सामग्री भेजी जा रही है और स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि ये सेवाएं सुचारु रूप से लागू की जा सकें।

यूपी के स्कूलों में आज से नई व्यवस्था होगी लागू!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, निगरानी और अनुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 1 जुलाई 2025 से कक्षा 9 से 12 तक के सभी राजकीय, सहायता प्राप्त और स्ववित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था को UPMSP-Attendance मोबाइल ऐप और परिषद की वेबसाइट के माध्यम से संचालित किया जाएगा।

क्यों जरूरी थी यह व्यवस्था?

बीते वर्षों में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर स्कूलों में पारदर्शिता की कमी, अनियमित रिकॉर्डिंग और कभी-कभी फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की शिकायतें सामने आती रही हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन दोनों प्रभावित हो रहे थे। इसी समस्या को दूर करने और शिक्षा में डिजिटल सुधार लाने की दिशा में यह व्यवस्था एक बड़ा और ठोस कदम है।

नई व्यवस्था की मुख्य बातें:

1 .डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य: अब छात्रों और शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए ही दर्ज की जाएगी। इसके लिए UPMSP-Attendance नामक मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जो Google Play Store पर उपलब्ध है।

2 .केवल स्कूल परिसर से लॉगिन: उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया केवल विद्यालय परिसर से ही संभव होगी, ताकि सही लोकेशन से ही डेटा अपलोड हो। प्रत्येक स्कूल को पहले से उपलब्ध लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करना होगा।

3 .पहले पीरियड में उपस्थिति अनिवार्य: प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रथम पीरियड में ही उपस्थिति दर्ज कराएं, जिससे समयबद्धता बनी रहे।

4 .छात्रों का वर्गीकरण और अवकाश विवरण: सभी छात्रों को उनके कक्षा अनुसार Section A/B/C आदि में वर्गीकृत करना अनिवार्य होगा। किसी भी छात्र या शिक्षक के अवकाश की स्थिति, कारण और प्रकार ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य होगा।

विभाग ने सभी जिलों को जिम्मेदारी किया तय:

प्रत्येक जिले के संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) और जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि सभी स्कूल समय से उपस्थिति दर्ज करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनदेखी पर कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है।

सुकन्या समृद्धि व PPF पर कितना ब्याज? सरकार ने की घोषणा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के लिए छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। जारी अधिसूचना के अनुसार, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), किसान विकास पत्र (KVP), एनएससी (NSC) और पोस्ट ऑफिस एफडी सहित सभी योजनाओं पर फिलहाल वही ब्याज दरें लागू रहेंगी, जो पिछली तिमाही में थीं।

आपको बता दें की मोदी सरकार का यह निर्णय निवेशकों को स्थिरता और भरोसा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि यह लगातार छठी तिमाही है जब इन योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

प्रमुख योजनाएं और उनकी वर्तमान ब्याज दरें

योजना:               ब्याज दर (वार्षिक)

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY):  8.2%

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): 7.1%

किसान विकास पत्र (KVP): 7.5%

महिला सम्मान बचत पत्र: 7.5%

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC): 7.7%

पोस्ट ऑफिस एफडी (1-5 वर्ष): 6.9% से 7.5%

सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS): 8.2%

स्थिर ब्याज दरों के पीछे का कारण

वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने के पीछे प्रमुख कारण हैं — मुद्रास्फीति का नियंत्रित स्तर, भारतीय रिजर्व बैंक की संतुलित मौद्रिक नीति, और सरकारी बॉन्ड यील्ड में स्थिरता। इससे सरकार को स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर वर्तमान दरें बनाए रखने का अवसर मिला है।

टैक्स लाभ के साथ सुरक्षित निवेश

पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट भी प्रदान करती हैं। खासकर पीपीएफ मिडिल क्लास और रिटायर्ड नागरिकों के बीच काफी लोकप्रिय है, वहीं सुकन्या योजना बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का माध्यम बन रही है। सरकार का उद्देश्य है कि छोटे निवेशक, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक, इन योजनाओं के माध्यम से बचत की आदत अपनाएं और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं।

दुनिया में एक नहीं, अब चार महाशक्ति: भारत कहां है?

नई दिल्ली। 21वीं सदी की वैश्विक राजनीति और सामरिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। शीत युद्ध के समय जहां दुनिया दो ध्रुवों — अमेरिका और सोवियत संघ — में बंटी हुई थी, वहीं 1991 के बाद एकध्रुवीय व्यवस्था में अमेरिका एकमात्र महाशक्ति के रूप में उभरा। परंतु अब वैश्विक संतुलन फिर बदल रहा है और विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया "मल्टी-पोलर वर्ल्ड" यानी बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर बढ़ रही है, जिसमें चार बड़े शक्तिशाली राष्ट्र सामने आ रहे हैं — अमेरिका, चीन, रूस और भारत।

कौन हैं ये चार महाशक्ति?

अमेरिका: अब भी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति और टेक्नोलॉजी का वैश्विक केंद्र। डॉलर की वैश्विक स्थिति, नाटो जैसी गठबंधनों की अगुवाई और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभुत्व इसके प्रभाव को कायम रखता है। वहीं जीडीपी के मामले में भी अमेरिका का दबदवा कायम हैं।

चीन: कई रिपोर्ट के बतलाती हैं की चीन आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका को टक्कर देने वाला इकलौता देश हैं। 'वन बेल्ट वन रोड' जैसी योजनाओं के जरिए चीन अपना वैश्विक दबदबा लगातार बढ़ा रहा है। साथ ही, उसका तेजी से बढ़ता रक्षा बजट ने अमेरिका को चिंता में डाल दिया हैं। 

रूस: यूक्रेन युद्ध के बाद रूस आलोचना का शिकार जरूर हुआ है, लेकिन ऊर्जा संसाधनों, परमाणु शक्ति और सैन्य क्षमताओं के कारण रूस अब भी एक अहम वैश्विक खिलाड़ी बना हुआ है। खासकर रूस के पास मौजूद परमाणु हथियार उसे दुनिया के चार महाशक्ति में शामिल करता हैं।

भारत की स्थिति: उभरती महाशक्ति

भारत को आज "उभरती हुई महाशक्ति" (Emerging Superpower) के रूप में देखा जा रहा है। कई मानकों पर भारत तेजी से आगे बढ़ा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है।

इसके अलावे भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, जो इसके भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभा सकती है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य ताकत भी है और लगातार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। 

G20 की सफल अध्यक्षता, BRICS, QUAD, SCO जैसी संस्थाओं में सक्रिय भागीदारी भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत कर रही है। ISRO की सफल अंतरिक्ष परियोजनाएं, डिजिटल इंडिया अभियान और स्टार्टअप संस्कृति भारत को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं।

पुरुषों के लिए ये 4 सुपर चीजें: वीर्य में डाल देंगे जान!

हेल्थ डेस्क। पुरुषों की सेहत और खासकर उनकी वीर्यवृद्धि आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। जीवनशैली की वजह से कई बार पुरुषों में थकान, कमजोरी और वीर्य की कमी जैसी समस्याएं देखी जाती हैं, जो न सिर्फ उनकी फिजिकल हेल्थ पर असर डालती हैं बल्कि उनकी आत्मविश्वास और रिलेशनशिप पर भी प्रभाव डालती हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि कुछ प्राकृतिक और पोषक तत्व ऐसे हैं जो पुरुषों की मर्दानगी और वीर्य को नई जान दे सकते हैं। 

1. जिंक (Zinc) — वीर्य के लिए अनमोल खजाना

जिंक पुरुषों के लिए एक जरूरी मिनरल है जो शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गुणवत्ता दोनों को बेहतर बनाता है। यह हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित करता है, जिससे वीर्य की ताकत बढ़ती है और फर्टिलिटी बेहतर होती है। अंडे, काजू, और दालों में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

2. विटामिन D — मर्दानगी का सुपरचार्जर

विटामिन D शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है, जो पुरुषों की यौन शक्ति और ऊर्जा को बूस्ट करता है। धूप से विटामिन D मिलना सबसे अच्छा होता है, साथ ही अंडे की जर्दी और फिश में भी यह पाया जाता है।

3. ओमेगा-3 फैटी एसिड — वीर्य के लिए जरूरी

ओमेगा-3 फैटी एसिड शुक्राणुओं की संरचना को मजबूत करता है और उनके जीवनकाल को बढ़ाता है। यह ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाता है, जिससे शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं। मछली, अखरोट और अलसी के बीज ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं।

4. विटामिन E — मर्दाना ताजगी का राज़

विटामिन E एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शुक्राणुओं को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाता है। यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बनाए रखता है और वीर्य की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। बादाम, पालक, और सूरजमुखी के बीज विटामिन E से भरपूर होते हैं।

मर्दों की फौलादी ताकत का राज: ये बीज बना देगा शेर!

हेल्थ डेस्क। पुरुषों के लिए ताकत, स्टैमिना और मर्दानगी सिर्फ एक अहम का विषय नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य और आत्मविश्वास से जुड़ा मामला है। बदलती जीवनशैली, तनाव, फास्ट फूड और नींद की कमी से पुरुषों की ताकत और वीर्य की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। लेकिन आयुर्वेद और नेचुरल न्यूट्रिशन में एक ऐसी चीज है जो चुपचाप, लेकिन असरदार तरीके से पुरुषों को अंदर से फौलादी बना सकती है।

खीरे के बीज — छोटा पैकेट, बड़ा धमाका!

खीरे को तो आपने अक्सर सलाद में खाया होगा, लेकिन इसके बीजों की ताकत को शायद नज़रअंदाज़ किया गया है। ये छोटे-छोटे बीज पोषण का पावरहाउस हैं और खास तौर पर पुरुषों की यौन शक्ति, स्टैमिना और वीर्य गुणवत्ता को बढ़ाने में बेहद असरदार माने जाते हैं।

खीरे के बीज में क्या होता है खास?

1 .जिंक की भरपूर मात्रा: जिंक पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करता है। ये हार्मोन मर्दों की यौन शक्ति और वीर्य उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।

2 .ओमेगा-3 फैटी एसिड्स: ये बीज पुरुषों के शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर करते हैं, जिससे यौन अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण पहुंचता है — जो बेहतर प्रदर्शन में मदद करता है।

3 .एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन E: खीरे के बीज फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं और शुक्राणुओं को मज़बूत व सक्रिय रखते हैं।

4 .प्रोटीन और मिनरल्स: यह बीज सिर्फ मर्दानगी ही नहीं, बल्कि मसल्स स्ट्रेंथ और एनर्जी लेवल को भी बढ़ावा देता है।

नियमित सेवन से क्या फायदे मिल सकते हैं?

वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार, थकान में कमी और स्टैमिना में बढ़ोतरी, यौन प्रदर्शन में सुधार, शरीर में ऊर्जा और फोकस में वृद्धि, हार्मोन बैलेंस और तनाव में कमी आदि।

कैसे करें सेवन?

खीरे के सूखे बीजों को पीसकर पाउडर बना लें। रोज़ सुबह एक चम्मच बीज पाउडर को शहद या गर्म दूध के साथ लें। चाहें तो इसे स्मूदी, ओट्स में भी मिला सकते हैं।

बिहार सिविल कोर्ट में 'सहायक' की भर्ती: 10वीं पास करें आवेदन!

वैशाली, बिहार — बिहार सिविल कोर्ट ने वर्ष 2025 के लिए नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को बड़ा मौका दिया है। कोर्ट द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 'सहायक' (Assistant) पदों पर बंपर भर्ती निकाली गई है। इस भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 10 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। खास बात यह है कि इन पदों के लिए केवल 10वीं पास उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं, जिससे यह अवसर ग्रामीण और सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए भी बेहद लाभकारी बन जाता है।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन प्रारंभ तिथि: 27 जून 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 17 जुलाई 2025

आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन):

उम्मीदवार बिहार सिविल कोर्ट, वैशाली की आधिकारिक वेबसाइट vaishali.dcourts.gov.in से आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म भरने के बाद उसे आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित पते पर निर्धारित समय सीमा के भीतर भेजना होगा।

शैक्षणिक योग्यता:

न्यूनतम योग्यता: मैट्रिक (10वीं पास) किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय/बोर्ड से उत्तीर्ण उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।

आयु सीमा:

न्यूनतम आयु: 18 वर्ष, अधिकतम आयु: 42 वर्ष निर्धारित किया गया हैं। आरक्षित वर्गों (SC/ST/OBC/PWD आदि) को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी।

चयन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और/या साक्षात्कार (इंटरव्यू) के आधार पर किया जा सकता है। विस्तृत चयन प्रक्रिया की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें।

पुरुषों में विटामिन D की कमी: हो सकती हैं ये 6 बड़ी समस्याएं!

हेल्थ डेस्क। विटामिन D को अक्सर "सनशाइन विटामिन" कहा जाता है, क्योंकि इसका मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी है। यह विटामिन न केवल हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि पुरुषों में कई महत्वपूर्ण शारीरिक क्रियाओं को भी संतुलित रखता है। हालांकि, बदलती जीवनशैली, ऑफिस में लंबे समय तक काम करना और धूप में कम जाना पुरुषों में विटामिन D की कमी का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है।

आंकड़ों की मानें तो भारत में पुरुषों की एक बड़ी आबादी विटामिन D की कमी से जूझ रही है, जिसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जन्म ले रही हैं। आइए जानते हैं, विटामिन D की कमी से पुरुषों में कौन-सी 6 बड़ी समस्याएं हो सकती हैं:

1. हड्डियों में कमजोरी और जोड़ों का दर्द

विटामिन D, कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और जोड़ों में दर्द, सूजन या अकड़न जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं। लंबे समय तक यह कमी ऑस्टियोपोरोसिस का कारण भी बन सकती है।

2. मांसपेशियों में कमजोरी

विटामिन D की कमी से मांसपेशियों में दर्द, थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है। इससे शारीरिक प्रदर्शन पर असर पड़ता है, खासकर उन पुरुषों के लिए जो शारीरिक श्रम या व्यायाम करते हैं।

3. टेस्टोस्टेरोन का स्तर घट सकता है

कुछ रिसर्च से पता चला है कि विटामिन D की कमी टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) के स्तर को प्रभावित कर सकती है, जिससे यौन इच्छा में कमी, थकान और मूड स्विंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. मानसिक स्वास्थ्य पर असर

विटामिन D, दिमागी स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी होता है। इसकी कमी से डिप्रेशन, चिंता, और नींद की समस्या हो सकती है। कुछ अध्ययनों ने विटामिन D के निम्न स्तर और मूड डिसऑर्डर के बीच संबंध को भी दर्शाया है।

5. इम्यून सिस्टम कमजोर होना

विटामिन D, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है, खासकर सर्दी-खांसी, वायरल संक्रमण या त्वचा संबंधी रोगों से।

6. दिल की बीमारी का खतरा

कई शोधों में यह बात सामने आई है कि विटामिन D की कमी से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। पुरुषों में यह जोखिम और अधिक होता है, विशेष रूप से 40 की उम्र के बाद।

8वें वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 10 बड़ी बातें?

नई दिल्ली। भारत में हर दस साल के अंतराल पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए वेतन आयोग गठित किया जाता है। अब एक बार फिर से चर्चा में है 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission), जिसकी सिफारिशें लाखों कर्मचारियों और रिटायर्ड पेंशनर्स के जीवन में आर्थिक सुधार ला सकती हैं। आइए जानें इससे जुड़ी 10 अहम बातें जो हर सरकारी कर्मचारी को जाननी चाहिए:

1. क्या है 8वां वेतन आयोग और क्यों है ये जरूरी?

8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा के लिए प्रस्तावित एक समिति है। इसका उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को संतुलित करना और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। यह आयोग न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि रक्षा बलों, सार्वजनिक उपक्रमों और ऑल इंडिया सर्विसेज के अधिकारियों पर भी असर डालता है।

2. हर कितने साल में आता है वेतन आयोग?

भारत में हर 10 वर्ष में एक नया वेतन आयोग गठित करने की परंपरा है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसमें पे मैट्रिक्स और फिटमेंट फैक्टर जैसे नए ढांचे पेश किए गए थे। अब 2026 में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की उम्मीद है।

3. 8वें वेतन आयोग को कब से लागू किया जाएगा?

सरकारी सूत्रों के अनुसार, 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जा सकता है। हालांकि इसकी घोषणा पहले ही 2025 में की जा सकती है ताकि सभी तैयारियाँ समय रहते पूरी हो सकें।

4. क्या लागू होने में हो सकती है देरी?

जी हां, आयोग की घोषणा और गठन की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। ऐसे में इसके क्रियान्वयन में थोड़ी देरी हो सकती है। लेकिन राहत की बात यह है कि अगर इसमें देरी होती है तो रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट के साथ इसे 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को बकाया एरियर भी मिल सकता है।

5. गठन की प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है?

DoPT (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) और NC-JCM (नेशनल काउंसिल - जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी) के बीच बातचीत हो चुकी है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (DoE) ने स्टाफ की नियुक्ति संबंधी प्रक्रियाएं भी शुरू कर दी हैं। जल्द ही आगे की प्रक्रिया होगी।

6. कितनी बढ़ सकती है सैलरी?

सैलरी में कितनी वृद्धि होगी, इसका अभी कोई ठोस अनुमान नहीं है। लेकिन पिछले अनुभवों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मिनिमम बेसिक सैलरी में 2 से 2.5 गुना तक की बढ़ोतरी संभव है। 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया था।

7. क्या डीए (महंगाई भत्ता) होगा रीसेट?

संभावना है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद डीए को रीसेट किया जाएगा। अब तक जो डीए बढ़ा है, उसे नए बेसिक पे में मर्ज किया जा सकता है, जिससे सैलरी में एकमुश्त अच्छा उछाल आएगा।

8. फिटमेंट फैक्टर में क्या होगा बदलाव?

फिटमेंट फैक्टर के जरिए वेतन में बढ़ोतरी की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। अब उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग में यह 3.0 या उससे अधिक हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की तनख्वाह में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।

9. क्या पेंशनर्स को मिलेगा लाभ?

बिलकुल। पेंशनर्स को भी फिटमेंट फैक्टर और अन्य सिफारिशों का फायदा मिलेगा। इसके अलावा, रिटायरमेंट बेनिफिट्स, ग्रेच्युटी लिमिट और अन्य लाभों की भी समीक्षा संभव है। इससे रिटायर्ड कर्मचारियों की जीवनशैली में बड़ा सुधार आ सकता है।

10. क्या 2026 से पहले और बाद में रिटायर होने वालों के बीच होगा फर्क?

ऐसे में असमानता की आशंका जरूर जताई जा रही है। लेकिन 8वां वेतन आयोग इस विषय को गंभीरता से लेकर ऐसे सुझाव दे सकता है जिससे पुराने और नए रिटायर कर्मचारियों के बीच संतुलन बना रहे और कोई भी वर्ग खुद को वंचित महसूस न करे।

भारत को रूस मिल सकते हैं ये 4 हथियार, चीन सन्न!

नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग एक बार फिर गति पकड़ता नजर आ रहा है। हाल ही में चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसव की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्तों को नई मजबूती दी है।

माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत रूस से चार अत्याधुनिक और घातक रक्षा प्रणालियां हासिल कर सकता है, जिनसे भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। जानकारों का कहना है कि इन हथियारों के आने से पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ना तय है।

1. R-37M एयर-टू-एयर मिसाइल

रूस की यह लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल भारतीय वायुसेना को मिल सकती है। इसकी रफ्तार करीब 7,400 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 300 किलोमीटर से ज्यादा दूर के हवाई लक्ष्यों को सटीकता से मार गिराने में सक्षम है। यह मिसाइल आधुनिक गाइडेंस प्रणाली से लैस है, जिसमें इनर्शियल नेविगेशन और एक्टिव रडार शामिल हैं।

2. S-400 एयर डिफेंस सिस्टम

भारत पहले ही रूस से पांच S-400 यूनिट्स खरीद चुका है, जिनमें से कुछ की डिलीवरी हो चुकी है। अब अतिरिक्त यूनिट्स की बात चल रही है। यह सिस्टम 400 किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद दुश्मन के विमान, ड्रोन और मिसाइलों को खत्म कर सकता है। यह भारत की एयर डिफेंस क्षमता को काफी मजबूत बना चुका है।

3. S-500 एयर डिफेंस सिस्टम

S-500 रूस का अगली पीढ़ी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें 600 किमी तक की रेंज है। यह अंतरिक्ष में मौजूद दुश्मन के सैटेलाइट को भी मार गिरा सकता है। भारतीय सेना की इसमें खास दिलचस्पी बताई जा रही है। इसे मिलने पर भारत की स्ट्रैटेजिक डिटरेंस क्षमता और भी बढ़ेगी।

4. Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट

Su-57 रूस का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है जिसकी अधिकतम गति मैक 2+ और रेंज लगभग 3,500–4,500 किमी तक है। यह फाइटर जेट अत्याधुनिक हथियारों से लैस होता है और भारत इसे अपनी वायुसेना में शामिल करने पर विचार कर सकता है।

दुनिया के टॉप-10 बड़े हथियार खरीदार देश, भारत का स्थान!

नई दिल्ली। हथियारों का आयात किसी भी देश की सैन्य क्षमता बढ़ाने और उसकी सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा होता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट में वैश्विक हथियार आयात के आंकड़ों का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के दूसरे सबसे बड़े हथियार आयातक देश के रूप में उभरा है।

1. यूक्रेन – दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक

SIPRI के आंकड़ों के अनुसार, 2020-24 की अवधि में यूक्रेन हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है। रूस के साथ जारी युद्ध के कारण यूक्रेन ने अमेरिका, जर्मनी, पोलैंड समेत कई पश्चिमी देशों से भारी मात्रा में हथियार खरीदे हैं। इनमें से कई हथियार अनुदान या कर्ज के रूप में दिए गए हैं, जो रूस के खिलाफ इस देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

2. भारत – दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक

भारत ने 2020-24 के बीच वैश्विक हथियार आयात में 8.3% हिस्सा लिया है, जो इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हथियार खरीदार बनाता है। हालांकि, पिछले पांच वर्षों की तुलना में भारत की हथियार आयात में करीब 9.3% की गिरावट आई है। यह गिरावट भारत की अपनी हथियार निर्माण क्षमता बढ़ाने के प्रयासों का परिणाम है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो रही है। भारत के मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता रूस, फ्रांस और अमेरिका हैं।

3. कतर – तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक

2020 से 2024 तक कतर ने वैश्विक हथियार आयात का 6.8% हिस्सा प्राप्त किया। कतर के हथियारों का प्राथमिक स्रोत अमेरिका है, जो विश्व का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक भी है। इसके अलावा, इटली, यूके और चेक रिपब्लिक भी कतर के लिए हथियारों के मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं।

4. सऊदी अरब – चौथा स्थान

हालांकि सऊदी अरब पहले हथियार आयातक देशों की सूची में शीर्ष स्थान पर था, लेकिन अब यह चौथे स्थान पर आ गया है। इसके आयात में हाल के वर्षों में कमी आई है। अमेरिका इस देश का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता है, इसके बाद स्पेन और फ्रांस आते हैं। सऊदी अरब ने अपने हथियार निर्माण उद्योग में निवेश बढ़ाया है ताकि आयात पर निर्भरता कम की जा सके।

5. पाकिस्तान – पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक

पाकिस्तान आर्थिक चुनौतियों के बावजूद हथियारों का बड़ा आयातक बना हुआ है। 2020-24 के दौरान चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार विक्रेता था, जिसका 81% हिस्सा था। इसके बाद नीदरलैंड्स और तुर्की दूसरे और तीसरे स्थान पर थे।

6. जापान – छठा सबसे बड़ा हथियार आयातक

जापान ने इस अवधि में अपने हथियार आयात में 93% की वृद्धि की, जो उल्लेखनीय है। अमेरिका, यूके और जर्मनी इसके मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं। जापान अकेला पूर्वी एशियाई देश है जिसने हथियार आयात में इस तरह का बढ़ावा देखा है।

7. ऑस्ट्रेलिया – सातवां स्थान

ऑस्ट्रेलिया ने कुल हथियार आयात का 3.5% हिस्सा लिया। 80% आयात अमेरिका से हुआ, जबकि स्पेन दूसरा प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा। यहां जहाज, विमान, हेलीकॉप्टर और मिसाइल रक्षा प्रणाली मुख्य रूप से खरीदे गए।

8. मिस्र – आठवां स्थान

मिस्र ने अपने हथियार आयात में 44% की कमी दर्ज की, जिससे यह तीसरे स्थान से गिरकर आठवें स्थान पर आ गया। फ्रांस, इटली और जर्मनी से मिस्र ने प्रमुख हथियार खरीदे, जिनमें युद्धपोत और लड़ाकू विमान शामिल हैं।

9. अमेरिका – नौवां स्थान

हालांकि अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है, फिर भी इसे हथियारों के आयात की भी जरूरत पड़ती है। यूके, इज़राइल और जर्मनी इसके मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं।

10. कुवैत – दसवां स्थान

कुवैत ने 2020-24 के बीच अपने हथियार आयात में 466% की वृद्धि दर्ज की। अमेरिका, इटली और फ्रांस इसके प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता हैं। कुवैत ने पुराने हथियारों को बदलने के लिए सैन्य खर्च बढ़ाया है।