आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक हथियार
'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे अभियानों के दौरान जब भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तब पाकिस्तान की ओर से जवाबी हमले में सैकड़ों ड्रोन भारतीय सीमा में भेजे गए। इन खतरों का मुकाबला करने में एल-70, जू-23 और सिल्क गन सिस्टम जैसे पुराने एयर डिफेंस हथियारों ने अहम भूमिका निभाई। लेकिन बदलती तकनीक और बढ़ती चुनौती को देखते हुए अब ज्यादा उन्नत, हल्के और सटीक हथियारों की जरूरत महसूस की जा रही है।
अगली पीढ़ी की एयर डिफेंस गन
AWEIL ने अगली पीढ़ी की एयर डिफेंस गन को लेकर एक सुविचारित योजना बनाई है, जिसमें निम्नलिखित विशेषताएं प्रमुख होंगी:
1 .हल्का वजन: ताकि इसे तेज़ी से किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सके।
2 .उच्च मारक क्षमता: हवा में तेजी से उड़ते लक्ष्यों को कम से कम समय में भेदने की ताकत।
3 .रात में सटीक निशाना: आधुनिक नाइट विजन और थर्मल टारगेटिंग तकनीक से लैस।
4 .लंबी फायरिंग अवधि: सतत हमले में सक्षम रहना ताकि कई लक्ष्यों को एकसाथ साधा जा सके।
निर्माण कार्य की प्रगति
कंपनी फिलहाल 40 मिमी कैलिबर के एयर डिफेंस गन सिस्टम पर काम कर रही है, जिसकी 2800 मिमी लंबी बैरल से 12 किमी की रेंज तक 300 राउंड प्रति सेकेंड की अद्भुत फायरिंग क्षमता है। यह गन 10 किमी की दूरी तक लेजर मार्गदर्शन द्वारा लक्ष्य को पहचान कर सटीक निशाना लगा सकती है।
0 comments:
Post a Comment