यूपी में कब होगा पंचायत चुनाव? आ गई जानकारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति अब लगभग स्पष्ट होती दिख रही है। पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर के द्वारा दिए गए एक बयान में साफ कर दिया है कि पंचायत चुनाव की तैयारियों को रोका नहीं जाएगा और इन्हें निर्धारित समय पर संपन्न कराया जाएगा। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया पहले ही काफी आगे बढ़ चुकी है और इसे रोकने का कोई औचित्य नहीं बनता।

परिसीमन और मतदाता सूची पर जारी है काम

ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के बाद अब पंचायत स्तर पर वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस प्रक्रिया के तहत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों के वार्डों का निर्धारण किया जा रहा है। साथ ही, इन परिसीमन प्रस्तावों पर आम जनता से आपत्तियां भी ली जा रही हैं ताकि अंतिम रूप से पारदर्शिता और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

राज्य निर्वाचन आयोग ने भी मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है, जो चुनावों की तैयारियों का एक अहम हिस्सा है। यह संकेत करता है कि चुनाव आयोग और संबंधित विभागों ने समयबद्ध पंचायत चुनाव के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

नगर विकास विभाग के पत्र से उपजा भ्रम

हाल ही में नगर विकास विभाग ने पंचायती राज विभाग को एक पत्र भेजा था, जिसमें नगरीय निकायों की सीमाओं के विस्तार और नए नगरीय निकायों के गठन की बात कही गई थी। इस पत्र को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि पंचायत चुनाव की तैयारियां कुछ समय के लिए टल सकती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा था क्योंकि नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के बाद कुछ ग्राम पंचायतें नगरीय क्षेत्र में शामिल हो सकती हैं, जिससे चुनाव क्षेत्रों में बदलाव की आवश्यकता पड़ सकती है।

चुनाव प्रक्रिया को रोकने का कोई आधार नहीं

हालांकि, पंचायती राज विभाग ने इस भ्रम को स्पष्ट कर दिया है कि नगरीय विकास विभाग का पत्र विचाराधीन है, लेकिन इससे पंचायत चुनाव की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विभाग का कहना है कि परिसीमन और मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अब विराम देना संभव नहीं है। यह तैयारियां समय पर चुनाव कराने की दिशा में ठोस कदम हैं।

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