यूपी में 'छात्र-छात्राओं' के लिए एक बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए एक उत्साहजनक पहल की गई है, जो उनकी रचनात्मकता और नवाचार को एक नया मंच प्रदान करेगी। केंद्र सरकार की इंस्पायर-मानक (INSPIRE-MANAK) योजना अब केवल कक्षा 6 से 10 तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसे कक्षा 12 तक विस्तारित कर दिया गया है। यह निर्णय न सिर्फ छात्रों की वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देगा, बल्कि उन्हें व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेगा।

क्या है INSPIRE योजना?

इंस्पायर (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research) योजना भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसका उद्देश्य छात्रों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना और उन्हें नवाचार के क्षेत्र में प्रेरित करना है। INSPIRE-MANAK योजना के तहत, छात्रों को उनके नवीन विचारों पर आधारित मॉडल या प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए 10,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

इस वर्ष की खास बात क्या है?

पहली बार योजना में कक्षा 11 और 12 के विज्ञान वर्ग के छात्रों को भी शामिल किया गया है। इससे उन छात्रों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा, जो पहले इस योजना की सीमाओं के कारण भाग नहीं ले पाते थे। योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय अधिकतम पांच सर्वश्रेष्ठ विचारों का चयन कर सकता है, जिनमें से केवल दो विचार कक्षा 11 और 12 के छात्रों के हो सकते हैं।

नामांकन प्रक्रिया और अंतिम तिथि

छात्रों को अपने नवाचारी विचार (आइडिया) को ऑनलाइन पोर्टल www.inspireawards-dst.gov.in पर अपलोड करना होगा। नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है। विचारों का मूल्यांकन विद्यालय, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश की उपलब्धि

वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश ने देशभर में सबसे अधिक नामांकन कर INSPIRE योजना में पहला स्थान प्राप्त किया था। राज्य के 12 जिलों — लखनऊ, प्रयागराज, हरदोई, आजमगढ़, आगरा, बाराबंकी, बिजनौर आदि — ने देश के शीर्ष 50 जिलों में स्थान पाया। इन जिलों से कुल 30,590 नामांकन हुए, जो इस बात का प्रमाण है कि यूपी में नवाचार को लेकर छात्रों में जबरदस्त उत्साह है।

प्रशासनिक तैयारी और मार्गदर्शन

राज्य के शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने योजना के प्रभावी प्रचार और सफल क्रियान्वयन के लिए सभी मंडलीय और जिला अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। विद्यालय स्तर से लेकर जिला स्तर तक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, ताकि छात्रों को मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता समय पर मिल सके।

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