ट्रंप ने कहा, "मुझे फर्क नहीं पड़ता भारत और रूस क्या कर रहे हैं। फर्क इस बात से पड़ता है कि ये दोनों मिलकर अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं को नीचे ले जा रहे हैं। भारत के टैरिफ दुनिया में सबसे ऊंचे हैं, हमने इनके साथ बहुत कम व्यापार किया है।" हालांकि, ट्रंप के इस बयान को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या यह वास्तव में आर्थिक हकीकत को दर्शाता है या फिर यह केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है।
भारत को लेकर आईएमएफ का अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 29 जुलाई को वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की। इसमें भारत की आर्थिक स्थिति को लेकर सकारात्मक अनुमान जताया गया। IMF ने वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत बताई है। अमेरिका के लिए यह अनुमान मात्र 1.9 प्रतिशत है। आईएमएफ ने अपने आकलन में भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर और सतत विकास की दिशा में अग्रसर बताया है।
विश्व बैंक और एडीबी ने भी जताया भरोसा
विश्व बैंक ने अप्रैल में भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.3% कर दिया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि भारत अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 23 जुलाई को कहा कि भारत की विकास दर 2025 में 6.5% और 2026 में 6.7% रह सकती है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की घरेलू मांग और निवेश प्रवाह मजबूत हैं, जो इसे वैश्विक मंदी के प्रभाव से बचाते हैं।
रेटिंग एजेंसियां भी आशावादी
ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां मूडीज, एसएंडपी और फिच ने भी भारत की आर्थिक संभावनाओं पर विश्वास जताया है: मूडीज: 2025 में 6.3% और 2026 में 6.5% की विकास दर का अनुमान, एसएंडपी ग्लोबल: 2025-26 के लिए अनुमान 6.5%, फिच रेटिंग्स: 2028 तक के लिए औसत वार्षिक विकास दर 6.4%, इन अनुमानों से स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल जीवंत है, बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ विकास के मार्ग पर भी है।
भारत का जवाब – विकास ही प्रमाण है
भारत सरकार की ओर से अभी तक ट्रंप के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं का मानना है कि ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मजबूत होती छवि को नजरअंदाज करने की कोशिश हैं।
0 comments:
Post a Comment