मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह विमान स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन VF‑125 ‘रफ रेडर्स’ का हिस्सा था, जो एक फ्लीट रिप्लेसमेंट स्क्वाड्रन के तौर पर कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य नौसेना के पायलटों और एयरक्रू को ट्रेनिंग देना होता है। इस घटना के बाद अमेरिकी नौसेना ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन क्रैश की असली वजह फिलहाल सामने नहीं आई है।
लेमूर नौसैनिक अड्डे की भौगोलिक स्थिति
लेमूर नौसैनिक अड्डा कैलिफोर्निया के फ्रेज़्नो शहर से करीब 64 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह अमेरिका के सैन्य अभियानों के लिए एक अहम केंद्र माना जाता है और नौसेना के कई लड़ाकू विमानों की तैनाती यहाँ होती है।
F‑35: तकनीक का शिखर, फिर भी दुर्घटना क्यों?
F‑35 को दुनिया के सबसे उन्नत स्टील्थ फाइटर जेट्स में गिना जाता है। इसकी लागत, तकनीक, मारक क्षमता और रणनीतिक अहमियत के कारण यह अमेरिका की सैन्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर, नेटवर्किंग क्षमताएं, और दुश्मन के रडार से छिपने की विशेषताएं होती हैं। ऐसे में इस तरह का हादसा होना कई तकनीकी और रणनीतिक सवाल खड़ा करता है।
सुरक्षा और भरोसे पर असर
अमेरिका लंबे समय से अपने F‑35 प्रोग्राम को लेकर गर्व करता रहा है। यह न केवल उसके लिए, बल्कि नाटो और अन्य सहयोगी देशों के लिए भी एक रणनीतिक संसाधन है। ऐसे में इस तरह का क्रैश अमेरिका की मिलिट्री टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाता है। हाल के वर्षों में अमेरिका में कई बार सैन्य उपकरणों की सुरक्षा और विश्वसनीयता को लेकर आलोचना हुई है, और यह घटना उन आशंकाओं को और बल देती है।
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