इन 'केंद्रीय कर्मचारियों' के अलाउंस को लेकर बड़ी खबर

नई दिल्ली। देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों, विशेष रूप से डाक विभाग में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी हुआ है। डाक विभाग ने विभिन्न व्यक्तिगत भत्तों के दावों को लेकर समयबद्ध निपटान को अनिवार्य बना दिया है। इसका उद्देश्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाना है, बल्कि कर्मचारियों को होने वाली अनावश्यक परेशानियों को भी खत्म करना है।

समय पर भत्ता क्लेम

डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब Travel Allowance (TA), Child Education Allowance (CEA), Combined Duty Allowance और अन्य प्रकार के भत्तों से संबंधित सभी दावों का निपटान एक महीने के भीतर करना जरूरी होगा। यह कदम उन लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिनमें कर्मचारियों ने क्लेम की प्रक्रिया में देरी की बात कही थी।

भ्रष्टाचार पर सख्त रुख

विभाग ने इस देरी को लेकर गंभीर चिंता जताई है। कुछ मामलों में तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है, जहां आरोप लगे कि क्लेम पास कराने के लिए कर्मचारियों से रिश्वत मांगी गई। इन घटनाओं ने व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए थे, जिसके बाद विभाग ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की ठानी।

तय समय सीमा में क्लेम

डाक विभाग ने वित्त मंत्रालय के 13 मार्च 2018 और 15 जून 2021 को जारी आदेशों का हवाला देते हुए कहा है कि: यात्रा, ट्रांसफर या ट्रेनिंग के संबंध में दावे यात्रा पूरी होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर जमा किए जाने चाहिए। रिटायरमेंट पर मिलने वाला यात्रा भत्ता यात्रा समाप्त होने के 180 दिनों (6 महीने) के भीतर क्लेम किया जाना जरूरी है। अन्य व्यक्तिगत भत्ते, जैसे कि बच्चों की शिक्षा भत्ता आदि, क्लेम मिलने की तारीख से 1 माह के भीतर निपटाए जाने चाहिए, यदि बजट की उपलब्धता हो।

कर्मचारियों को मिलेगी सूचना

यदि किसी कारणवश भुगतान में देरी होती है, तो संबंधित कर्मचारी को इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। साथ ही, यदि कोई क्लेम निर्धारित समय सीमा पार कर चुका है, तो उसका निपटान केवल वित्त मंत्रालय या डाक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप ही किया जाएगा।

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