ट्रंप की दोहरी नीति: दोस्ती के नाम पर धोखा?
डोनाल्ड ट्रंप, जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक मंचों पर ‘दोस्त’ कहने से नहीं चूकते, अब उन्हीं के देश के खिलाफ सख्त आर्थिक फैसले ले रहे हैं। ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माने की घोषणा कर दी है, जिससे भारत का निर्यात क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।
पाकिस्तान से 'तेल-मित्रता' और भारत को चुनौती
ट्रंप के विवादित फैसलों की दूसरी कड़ी और भी हैरान करने वाली है। उन्होंने पाकिस्तान के साथ तेल भंडार विकसित करने को लेकर एक रणनीतिक समझौते की घोषणा की है। यह सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक संदेश भी देता है। खास बात यह रही कि ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर लिखा — “कौन जाने, शायद एक दिन यही पाकिस्तान भारत को तेल बेचे।” यह बयान सीधे-सीधे भारत को कूटनीतिक रूप से चिढ़ाने जैसा है।
भारत के लिए चिंता की वजह
भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीमावर्ती इलाकों में तनाव की खबरें आई थीं। ऐसे में अमेरिका का पाकिस्तान की ओर झुकाव भारत के लिए सामरिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चिंता बढ़ाने वाला है। पाकिस्तान की भूमिका को लेकर वैश्विक स्तर पर हमेशा संदेह रहा है — विशेष रूप से आतंकवाद को लेकर। इसके बावजूद ट्रंप का पाकिस्तान के साथ तेल डील करना भारत के साथ उनके रिश्तों में खटास का संकेत देता है।
ट्रंप के फैसलों के पीछे की राजनीति
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की इस नई नीति के पीछे घरेलू राजनीतिक दबाव, व्यापार संतुलन का मुद्दा, और रूस से भारत की तेल खरीदारी जैसे कारण हो सकते हैं। अमेरिका लंबे समय से चाहता रहा है कि भारत रूस के बजाय अमेरिकी या सहयोगी देशों से ऊर्जा स्रोत खरीदे। ट्रंप के नजरिए से यह एक तरह का दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है।
0 comments:
Post a Comment