यूपी में बिजली कर्मियों की 30 सितंबर तक छुट्टी रद्द

लखनऊ। बरसात का मौसम अपने साथ राहत के साथ-साथ कई चुनौतियाँ भी लेकर आता है। खेतों को पानी मिलता है, मौसम सुहावना हो जाता है, लेकिन दूसरी तरफ़ तेज़ बारिश और आंधियों के कारण बुनियादी ढांचे को नुकसान भी पहुँचता है। खासतौर पर बिजली व्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ता है। इन्हीं संभावित खतरों और ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) के प्रबंध निदेशक ने एक अहम फैसला लिया है — 30 सितंबर तक बिजली कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी हैं।

क्यों लिया गया यह फैसला?

इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण है बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाए रखना। बरसात के मौसम में बिजली व्यवस्था सबसे ज़्यादा प्रभावित होती है। शहरों से लेकर गांवों तक लोग खराब बिजली सेवा से परेशान रहते हैं। ऐसे समय में यदि तकनीकी कर्मचारी छुट्टियों पर रहेंगे तो मरम्मत कार्य प्रभावित होगा और उपभोक्ताओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर ज़िले, कस्बे और गांव में बिजली से जुड़े किसी भी फॉल्ट को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।

कर्मचारियों की भूमिका अहम

बिजली विभाग के लाइनमैन, इंजीनियर, और तकनीकी स्टाफ ऐसे समय में फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका निभाते हैं। खराब मौसम और जोखिम भरे हालात में भी वे बिजली आपूर्ति को बहाल करने में लगे रहते हैं। यह आदेश उन्हें और ज़िम्मेदारियों के लिए तैयार रहने का संकेत है, साथ ही उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं को भी दर्शाता है।

जनता को क्या लाभ?

इस फैसले से आम जनता को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बिजली फॉल्ट होने पर तत्काल राहत मिलेगी। मरम्मत कार्यों में देरी नहीं होगी और आपूर्ति व्यवस्था बेहतर ढंग से संचालित की जा सकेगी। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहां मानसून के समय बिजली व्यवस्था अक्सर ठप हो जाती है, वहां यह निर्णय बड़ा असर डालेगा।

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