अमेरिका के 'टैरिफ' लगाने से क्या होता हैं? जानें 5 बड़ी बातें

नई दिल्ली। वैश्विक व्यापार में टैरिफ यानी आयात शुल्क एक अहम भूमिका निभाते हैं। खासतौर पर जब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था—अमेरिका—किसी देश पर टैरिफ लगाती है, तो इसका असर सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच जाती है। हाल के वर्षों में अमेरिका ने चीन, यूरोप और भारत जैसे देशों पर टैरिफ लगाए हैं, जिसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। तो आइए जानें कि अमेरिका के टैरिफ लगाने से क्या होता है। 

1. घरेलू उद्योग को संरक्षण मिलता है

जब अमेरिका किसी विदेशी उत्पाद पर टैरिफ लगाता है, तो वह उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगा हो जाता है। इसका सीधा फायदा अमेरिका के घरेलू उत्पादकों को होता है क्योंकि उनके प्रोडक्ट्स तुलनात्मक रूप से सस्ते लगने लगते हैं। इससे अमेरिकी उद्योगों को प्रतिस्पर्धा से राहत मिलती है। और दूसरे देश के प्रोडक्ट्स की बिक्री कम जाती हैं।

2. उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ती है ज्यादा कीमत

हालांकि, टैरिफ का असर सिर्फ विदेशी कंपनियों पर नहीं होता, बल्कि अंततः इसका बोझ उपभोक्ताओं पर भी पड़ता है। टैरिफ बढ़ने से आयातित वस्तुएं महंगी हो जाती हैं, जिससे अमेरिकी ग्राहक अधिक कीमत चुकाते हैं। उदाहरण के तौर पर, जब अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ लगाया, तो स्मार्टफोन से लेकर टीवी तक महंगे हो गए।

3. व्यापार युद्ध की शुरुआत होती है

कई बार टैरिफ एकतरफा नहीं रहते। जिन देशों पर अमेरिका टैरिफ लगाता है, वे भी जवाबी कदम उठाते हैं। इससे व्यापार युद्ध की स्थिति बनती है। जैसे अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर अरबों डॉलर के टैरिफ लगा दिए थे, जिससे वैश्विक बाजार अस्थिर हो गया।

4. ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर

अमेरिका की टैरिफ नीति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को भी प्रभावित करती है। कई कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा माल या कल-पुर्जे मंगवाती हैं, उन्हें अधिक लागत का सामना करना पड़ता है। इससे उत्पादकता, मुनाफा और रोजगार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। चुकी अमेरिका की अर्थव्यवस्था बड़ी हैं, इसलिए उसपर ज्यादा असर नहीं दिखता हैं और छोटी अर्थव्यवस्था वाले देशों को इससे काफी नुकसान होता हैं।

5. कूटनीतिक रिश्तों में तनाव

टैरिफ सिर्फ आर्थिक उपकरण नहीं, बल्कि कूटनीति का हथियार भी बनते हैं। जब अमेरिका टैरिफ लगाता है, तो अक्सर इससे उसके रणनीतिक साझेदार देशों के साथ रिश्तों में खटास आ जाती है। यह संबंधों की गर्मजोशी को कम कर सकता है और सहयोग के क्षेत्रों में बाधा बन सकता है।

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