भारत को इजरायल देगा 2 घातक मिसाइलें, चीन सन्न

नई दिल्ली। भारत और इजरायल के बीच का रक्षा सहयोग सिर्फ रणनीतिक साझेदारी तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि अब यह सहयोग आधुनिक तकनीक और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के जरिए भारत की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 

हाल ही में भारत दौरे पर आए इजरायली रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के साथ दो घातक मिसाइल प्रणालियों—एयर लॉरा (Air LORA) और सी ब्रेकर (Sea Breaker)—को लेकर अहम बातचीत की। ये मिसाइलें न केवल भारत के सुरक्षा तंत्र को मजबूती देंगी, बल्कि दुश्मनों को भी एक स्पष्ट संदेश देंगी कि भारत किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

एयर लॉरा: हवा से दागी जाने वाली घातक मारक क्षमता

‘एयर लॉरा’ एक एयर-लॉन्चड बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने विकसित किया है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत है इसकी लंबी दूरी से सटीक मार करने की क्षमता। इसे फाइटर जेट्स से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह दुश्मन के एयरबेस, कमांड सेंटर्स और रणनीतिक ठिकानों को बिना किसी चेतावनी के ध्वस्त कर सकती है। इसकी रेंज लगभग 400 किलोमीटर तक हैं।

सी ब्रेकर: समुद्री युद्ध का नया हथियार

‘सी ब्रेकर’ मिसाइल IAI की एक और क्रांतिकारी रचना है, जो खासतौर पर नौसेना की जरूरतों के अनुरूप डिजाइन की गई है। यह मिसाइल जहाजों और तटीय लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है। इसका स्टील्थ डिजाइन और मल्टी-डायरेक्शनल अटैक फीचर इसे दुश्मन की नजरों से बचाता है, जिससे इसे ट्रैक और इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन हो जाता है। इसकी रेंज लगभग 300 किलोमीटर हैं।

भारत की रक्षा रणनीति में नई धार

भारत की वायुसेना और नौसेना लगातार आधुनिक हथियार प्रणालियों की ओर बढ़ रही हैं और यह मिसाइलें उस दिशा में एक बड़ा कदम हैं। खास बात यह है कि इस बातचीत में 'मेक इन इंडिया' के तहत इन प्रणालियों के कुछ हिस्सों या पूरे सिस्टम के भारत में निर्माण पर भी विचार हुआ है। इससे न केवल भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बल मिलेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में भी और आगे बढ़ेगा।

चीन और पाकिस्तान को सख्त संदेश

भारत के पास यदि एयर लॉरा और सी ब्रेकर जैसी मिसाइलें होंगी, तो यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाने को भी तैयार है। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के बढ़ते सैन्य प्रभाव को संतुलित करने के लिए ये मिसाइलें बेहद कारगर साबित होंगी।

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