भाग्य फिरेगा, कष्ट मिटेंगे: रोज जपें ये दो सिद्ध मंत्र!

धर्म डेस्क। आज के दौर में जब जीवन की भागदौड़ और तनाव हर किसी को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की तलाश हर व्यक्ति की पहली प्राथमिकता बन गई है। भारतीय सनातन परंपरा में अनेक मंत्रों को चमत्कारी माना गया है, लेकिन कुछ मंत्र ऐसे हैं, जिनका नियमित जाप न केवल मन को शांति प्रदान करता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को दूर करने में भी मदद करता है। ऐसे ही दो सिद्ध मंत्र हैं — गायत्री मंत्र और गणेश मंत्र।

1. गायत्री मंत्र: ब्रह्मांडीय ऊर्जा का स्रोत

मंत्र: "ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥"

गायत्री मंत्र को वेदों की जननी कहा जाता है। यह मंत्र सूर्य की ऊर्जा का आह्वान करता है और बुद्धि को तेज, मन को स्थिर तथा आत्मा को प्रकाशित करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह सिद्ध हो चुका है कि इस मंत्र का उच्चारण विशेष प्रकार की ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है, जो मानसिक तनाव को कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होती हैं।

2. गणेश मंत्र: विघ्नहर्ता का आशीर्वाद

मंत्र: "ॐ गं गणपतये नमः।"

श्रीगणेश को विघ्नहर्ता अर्थात सभी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य से पहले उनका स्मरण किया जाता है। यह छोटा-सा लेकिन अत्यंत शक्तिशाली बीज मंत्र जीवन से अवरोधों को हटाने और कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है।

कैसे करें जाप?

सुबह स्नान के बाद शांत मन से पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जाप करें।

प्रत्येक मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करें।

यदि संभव हो तो माला (108 मनकों वाली) से जाप करें।

मन में श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें।

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