1. ब्रह्मोस-2: दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल बनने की राह पर
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस की साझेदारी में विकसित किया गया था, और अब इसी साझेदारी से एक और चमत्कार जन्म ले रहा है – ब्रह्मोस-2। यह एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी गति मैक 7 से 8 यानी करीब 10,000 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। इतनी रफ्तार के साथ यह किसी भी लक्ष्य को सेकंडों में भेद सकती है। मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल जहां मैक 2.8 की गति से चलती है, वहीं ब्रह्मोस-2 उसे कई गुना पीछे छोड़ देगी।
2. K-6: समुद्र से दुश्मनों को खत्म करने वाली मिसाइल
भारत की दूसरी महत्त्वाकांक्षी परियोजना है K-6 मिसाइल, जो विशेष रूप से परमाणु पनडुब्बियों से लॉन्च की जाने वाली एक हाइपरसोनिक मिसाइल है। इसकी अनुमानित रेंज 8000 किलोमीटर तक हो सकती है और यह भी मैक 7.5 की गति से चलने में सक्षम है। इस मिसाइल का उद्देश्य भारत के "सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी" को और मजबूती देना है।
3. HSTDV: हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी से बदल जाएगा युद्ध का तरीका
DRDO द्वारा विकसित की जा रही Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV) तकनीक भारत को हाइपरसोनिक मिसाइलों की दुनिया में आत्मनिर्भर बनाएगी। यह कोई साधारण मिसाइल नहीं, बल्कि एक तकनीकी प्लेटफॉर्म है, जिससे हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स और एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट इंजन विकसित किए जा सकेंगे। HSTDV तकनीक से बनी मिसाइलें बेहद ऊंचाई तक जाकर लक्ष्य पर हाइपरसोनिक गति से ग्लाइड करेंगी, जिससे उनकी रेंज, सटीकता और घातक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। यह भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे चुनिंदा देशों की श्रेणी में लाकर खड़ा करेगा, जो इस तकनीक में महारत रखते हैं।
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