शिव का पंचाक्षर मंत्र — ‘ॐ नमः शिवाय’
भगवान शिव का यह पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' न केवल सरल और सहज है, बल्कि इसके अंदर अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा समाई हुई है। यह मंत्र शिव जी के लिए सबसे प्रिय माना जाता है और इसे जपने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक बदलाव आते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल हासिल होते हैं। साथ ही साथ जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती हैं।
सावन में इस मंत्र का महत्व
सावन का महीना शिव की आराधना का महीना है, जब प्रकृति खुद हरियाली से झूमती है और भक्तों के मन में शिव भक्ति की अग्नि प्रज्वलित होती है। इस महीने में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के जाप का विशेष महत्व है, क्योंकि: यह मंत्र मानसिक तनाव को कम करता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है।
इस मंत्र के जप से मन की शुद्धि होती है और नकारात्मकता दूर होती है। शिव की असीम कृपा से जीवन में खुशहाली और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ यह मंत्र संकटों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इसलिए सावन में इसका जाप जरूर करें।
कैसे करें जाप?
सावन के हर सोमवार या पूरे महीने में रोजाना सुबह या शाम 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें। यदि संभव हो तो बेलपत्र अर्पित करते हुए और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें। मंत्र जाप के दौरान ध्यान पूरी तरह भगवान शिव पर केंद्रित रखें। इससे मंत्र की शक्ति और भी बढ़ जाती है।
विशेष सलाह
ध्यान रहे कि मंत्र जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। अधैर्य या बेतरतीब जप से अपेक्षित फल नहीं मिलता। साथ ही, उपवास, शिवलिंग अभिषेक और शिव पुराण का पाठ करने से इस माह में शिव की कृपा दोगुनी होती है।
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