लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने एक बार फिर प्रदेश के शिक्षकों को अंतरजनपदीय स्वैच्छिक तबादले का अवसर देने की तैयारी कर ली है। यह कदम न केवल शिक्षकों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को ध्यान में रखता है, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक संतुलित व सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी अहम साबित होगा।
चौथा चरण: एक और तबादला प्रक्रिया की तैयारी
30 जून को अंतरजनपदीय तबादले के तहत 20,182 शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ था। हालांकि, उनमें से कई शिक्षक अभी तक अपनी नई तैनाती पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके हैं। इसे देखते हुए, बेसिक शिक्षा परिषद ने जिलों के बीएसए को निर्देशित किया है कि वे तत्काल प्रभाव से इन शिक्षकों को कार्यमुक्त कर उनकी तैनाती सुनिश्चित करें। इसके बाद ही अगली तबादला प्रक्रिया का रास्ता साफ होगा। नई प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी होगी, जिसमें शिक्षक पोर्टल पर आवेदन करेंगे। उनके दस्तावेजों का सत्यापन जिलास्तरीय अधिकारी करेंगे और इसके बाद स्थानांतरण आदेश जारी किए जाएंगे।
उद्देश्य: शिक्षक-छात्र अनुपात में संतुलन
परिषद का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जहां शिक्षक अधिक संख्या में हैं, वहां से उन्हें हटाकर उन विद्यालयों में भेजा जाए, जहां शिक्षकों की भारी कमी है। इससे न केवल छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित होगा, बल्कि शिक्षण व्यवस्था भी बेहतर होगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया आरटीई (निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम) के मानकों के अनुरूप की जा रही है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
तबादला प्रक्रिया: अब तक की स्थिति
अब तक तबादला प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जा चुकी है:
पहला चरण – 16,646 शिक्षकों का तबादला
दूसरा चरण – 543 शिक्षकों को आकांक्षात्मक जिलों में समायोजित किया गया
तीसरा चरण – 20,182 शिक्षकों को सामान्य अंतरजनपदीय तबादला मिला
अब चौथे चरण की तैयारी की जा रही है, जिसमें डीएम (जिलाधिकारी) की अध्यक्षता में गठित जिलास्तरीय समितियां कार्य करेंगी। ये समितियां छात्र-शिक्षक अनुपात और विद्यालयों की आवश्यकता के आधार पर शेष शिक्षकों का समायोजन करेंगी।
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