GPF और अन्य योजनाओं पर स्थिर ब्याज दर
जनरल प्रोविडेंट फंड के अलावा, इस ब्याज दर का लाभ कई अन्य केंद्र सरकार की योजनाओं को भी मिलेगा, जिनमें शामिल हैं - कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड, ऑल इंडिया सर्विसेस प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विसेज का GPF और इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट का प्रोविडेंट फंड। इन सभी योजनाओं के तहत जमा धनराशि पर 7.1% की ब्याज दर लागू रहेगी।
यह स्थिर ब्याज दर उन सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा भरोसा है, जो अपनी मासिक आय का एक हिस्सा भविष्य की सुरक्षा के लिए बचत करते हैं। ब्याज दर का स्थिर बने रहना इस बात का संकेत है कि सरकार ने आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा देने को प्राथमिकता दी है।
छोटी बचत योजनाओं पर भी कोई बदलाव नहीं
सरकार ने केवल GPF की ब्याज दर ही नहीं, बल्कि छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरों को भी अपरिवर्तित रखा है। उदाहरण के तौर पर, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) पर 8.2% और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर 7.7% ब्याज दर जारी रहेगी। ये योजनाएं निवेशकों के लिए लंबे समय तक सुरक्षित और आकर्षक विकल्प हैं, क्योंकि इनमें बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलता है।
निवेशकों के लिए क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?
आर्थिक माहौल में कई बार ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ जाती है। इस बार जब बाजार में अनिश्चितता और रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट दरों में कमी आई है, तब केंद्र सरकार की यह घोषणा सरकारी प्रोविडेंट फंड को सुरक्षित और लाभकारी विकल्प के रूप में स्थापित करती है।
सरकारी कर्मचारी, जिनकी सैलरी से मासिक PF कटता है, उन्हें यह सुनिश्चित किया गया है कि उनका निवेश 7.1% की आकर्षक और स्थिर ब्याज दर पर बढ़ता रहेगा। यह दर अन्य कई पारंपरिक बैंकिंग विकल्पों से बेहतर है, जो PF निवेश को एक भरोसेमंद और मुनाफेदार विकल्प बनाता है।
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