परियोजना की मुख्य बातें:
1 .लागत और अवधि: बाईपास का निर्माण 69.30 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसे 15 माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
2 .भूमि अधिग्रहण: परियोजना के लिए लगभग 685 किसानों की 287 गाटा संख्या की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। किसानों का सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है और अगले एक सप्ताह में इसे पूरा कर प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग को भेजा जाएगा। मुआवजा राशि विभाग को प्राप्त हो चुकी है, जिसे जल्द ही किसानों को भुगतान किया जाएगा।
3 .परियोजना का महत्व: यह बाईपास बहराइच शहर का विस्तार शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से गोंडा जाने वाले वाहनों को 20 किलोमीटर की दूरी की बचत होगी। साथ ही, शहर में प्रवेश करने की जरूरत भी समाप्त होगी, जिससे ट्रैफिक दबाव कम होगा।
4 .पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा फायदा: बाईपास महाराजा सुहेलदेव स्मारक के पास से होकर गुजरेगा, जिससे लखनऊ से आने वाले पर्यटक सीधे स्मारक तक पहुंच सकेंगे। यह पर्यटन क्षेत्र के विकास में मददगार होगा।
5 .सड़क की गुणवत्ता: लोक निर्माण विभाग ने बाईपास की गुणवत्ता के लिए 5 वर्षों की गारंटी दी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और तीन माह के अंदर कार्य की शुरुआत होने की संभावना है।
विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
बहराइच में यह बाईपास निर्माण न केवल यातायात सुधारने में सहायक होगा, बल्कि क्षेत्र के औद्योगिक और सामाजिक विकास को भी नई उड़ान देगा। वर्तमान में जहाँ जलभराव और कृषि भूमि है, भविष्य में वही क्षेत्र शहरी विस्तार के लिए तैयार होगा। अधिशासी अभियंता के अनुसार, भूमि अधिग्रहण के बाद शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू होगा और निर्धारित समय में परियोजना पूरी की जाएगी।
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