सावन में इन 5 चीज़ों का सेवन है वर्जित, शिवभक्त करें तौबा!

धर्म डेस्क। सावन का महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का विशेष समय माना जाता है। यह महीना त्याग, तपस्या और संयम का संदेश देता है। सावन में शिव भक्त विशेष रूप से शुद्धता का ध्यान रखते हुए अपने आहार पर भी कड़ी पाबंदी लगाते हैं। धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं के अनुसार सावन के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित होता है।

सावन में किन 5 चीज़ों से बचना चाहिए और क्यों।

1. मांस 

सावन में मांसाहारी भोजन करना पूरी तरह वर्जित माना गया है। भगवान शिव की भक्ति में अहिंसा और संयम की भावना को बहुत महत्व दिया गया है। मांस खाने से शरीर में ‘तामसिक’ ऊर्जा बढ़ती है, जो मानसिक अशांति, क्रोध और अन्य नकारात्मक भावनाओं को जन्म देती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में मांसाहार से शिव की कृपा कम होती है।

2. मछली

मछली भी मांसाहारी भोजन की श्रेणी में आती है, इसलिए सावन में मछली का सेवन वर्जित है। धार्मिक कारणों के साथ-साथ सावन के मौसम में बारिश की अधिकता के कारण जल में बैक्टीरिया और विषाणु बढ़ जाते हैं, जिससे मछली का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। यह पेट संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकता है। इसलिए सावन में मछली से परहेज करना जरूरी है।

3. लहसुन

हिंदू धर्म में सावन के दौरान लहसुन का सेवन वर्जित माना गया है। लहसुन में तीखा और गर्म तत्व होता है, जो शरीर में गर्मी बढ़ाता है और मानसिक शांति को प्रभावित करता है। इसके सेवन से शरीर में अधिक ‘रजसिक’ और ‘तामसिक’ गुण उत्पन्न होते हैं, जो शिव भक्ति के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते। आयुर्वेद के अनुसार सावन के मौसम में लहसुन का सेवन पाचन तंत्र को परेशान कर सकता है।

4. प्याज

प्याज भी लहसुन की तरह ‘तामसिक’ भोजन की श्रेणी में आता है। सावन के पावन महीने में प्याज का सेवन वर्जित है क्योंकि यह शरीर में अशांति और बेचैनी बढ़ाता है। धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार शिव भक्तों को अपने मन और शरीर को शुद्ध रखना चाहिए, इसलिए इस अवधि में प्याज से दूर रहना आवश्यक है। साथ ही सावन के मौसम में प्याज का सेवन कई बार एलर्जी और पेट की समस्या भी बढ़ा सकता है।

5. कच्चा दूध

सावन में कच्चा दूध पीना भी परहेज़ माना जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से सावन में भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाया जाता है, इसलिए भक्तों को इसे पीने से बचना चाहिए। इसके अलावा बारिश के मौसम में दूध में अशुद्धियां और बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए सावन में दूध का सेवन उबालकर ही करना चाहिए।

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