1. फाइबर युक्त भोजन – मल को बनाए नरम और आसान
बवासीर में सबसे ज़रूरी है कब्ज से बचना। इसके लिए फाइबर युक्त आहार बेहद लाभकारी होता है। फाइबर मल को नरम बनाता है और आंतों की गति को सुधरता है, जिससे शौच के दौरान ज़ोर नहीं लगाना पड़ता। इसके लिए दलिया (ओट्स), साबुत अनाज (गेहूं, जौ, ब्राउन राइस), फल जैसे पपीता, सेब (छिलके सहित), नाशपाती, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाएं।
2. पानी – सबसे आसान लेकिन सबसे असरदार उपाय
शरीर में पानी की कमी भी कब्ज का कारण बन सकती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पाचन क्रिया सुधरती है और मल नरम रहता है, जिससे बवासीर में राहत मिलती है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं, सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी लें। नारियल पानी और नींबू पानी जैसे प्राकृतिक पेय भी शामिल करें।
3. इसबगोल की भूसी – आयुर्वेदिक राहत का साधन
इसबगोल (Psyllium Husk) को आयुर्वेद में एक प्राकृतिक रेचक माना गया है। यह पानी में मिलकर जेल जैसा रूप लेता है और मल को अधिक भारी और आसानी से बाहर निकलने लायक बनाता है। रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी या दूध में 1-2 चम्मच इसबगोल मिलाकर सेवन करें
4. दही – पेट के लिए प्रीबायोटिक टॉनिक
दही में मौजूद 'गुड बैक्टीरिया' पाचन क्रिया को दुरुस्त रखते हैं। बवासीर के मरीजों को मसालेदार और तेलीय भोजन से परहेज करने की सलाह दी जाती है, ऐसे में दही एक हल्का, ठंडा और पाचन-सहायक विकल्प है। भोजन के साथ सादा दही या छाछ लें, इसमें थोड़ा भुना जीरा और काला नमक डालना और भी फायदेमंद होता है
5. अंजीर (सूखे या भिगोये हुए) – प्राकृतिक रेचक फल
अंजीर में घुलनशील फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। रात में 2-3 सूखे अंजीर को पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं। यह आंतों को सक्रिय करता है और बवासीर में बहुत लाभ पहुंचाता है।
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