क्या है ई-रेफरल प्रणाली?
ई-रेफरल प्रणाली एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से रेलवे कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके आश्रित इलाज के लिए रेफरल ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड (UMID) और पंजीकृत मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। अब रेफरल के लिए किसी कागजी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जब रेलवे का अधिकृत चिकित्सक यह तय करता है कि मरीज को किसी इंपैनल्ड निजी अस्पताल में रेफर किया जाना चाहिए, तो वह HMIS मोबाइल एप के माध्यम से डिजिटल रेफरल जारी करता है।
कैशलेस इलाज की सुविधा
रेलवे द्वारा अधिकृत निजी अस्पतालों में तीन विशेष परिस्थितियों में कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है:
1 .आपात स्थिति में सीधा अस्पताल पहुंचकर: जैसे दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, दुर्घटना, अधिक रक्तस्राव, सांस की गंभीर तकलीफ, करेंट लगना, जहर का सेवन या प्रसव संबंधित आपात स्थिति में सीधे इंपैनल्ड अस्पताल में जाकर UMID कार्ड और OTP दिखाकर इलाज शुरू करवाया जा सकता है।
2 .डिजिटल रेफरल के माध्यम से: यदि कोई गंभीर परिस्थिति नहीं है, तो कर्मचारी या पेंशनर को निकटतम रेलवे अस्पताल में जाकर चिकित्सक से परामर्श लेना होगा। चिकित्सक यदि उचित समझते हैं, तो डिजिटल रेफरल जारी करते हैं, जिससे मरीज इंपैनल्ड अस्पताल में जाकर कैशलेस इलाज प्राप्त कर सकता है।
3 .प्रतिपूर्ति की स्थिति: यदि किसी कारणवश सीधे निजी अस्पताल में जाकर इलाज करवाना पड़ता है और इलाज कैश में कराना पड़ता है, तो नियमानुसार निर्धारित दरों (CGHS या अस्पताल द्वारा तय) के अनुसार इसकी प्रतिपूर्ति (reimbursement) की जाएगी।
विशेष रोगों के लिए राहत
कैंसर जैसे गंभीर रोगों के लिए रेलवे ने अतिरिक्त सुविधा भी प्रदान की है। कैंसर रोगी टाटा मेमोरियल जैसे संस्थानों में बिना रेफरल के भी प्रारंभिक जांच करा सकते हैं। एक बार रेफरल मिल जाने पर अगले 90 दिनों के भीतर मरीज छह बार परामर्श ले सकता है।
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