बिहार में खोले डेयरी: सरकार दे रही 75% अनुदान

पटना। बिहार के युवाओं और किसानों के लिए अब डेयरी उद्योग एक स्थायी स्वरोजगार का बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार द्वारा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाएं न केवल दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं, किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।

क्या है योजना का उद्देश्य?

राज्य सरकार की यह पहल खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी उद्योग को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करने की दिशा में है। इसके तहत सरकार गाय और भैंस पालन के लिए 50% से लेकर 75% तक अनुदान दे रही है, जिससे इच्छुक लाभार्थियों को डेयरी खोलने के लिए कम पूंजी में शुरुआत करने का अवसर मिल रहा है।

मुख्य योजनाएं और उनका लाभ

1. समग्र भैंस पालन योजना (2025-26)

इस योजना के अंतर्गत उन्नत नस्ल की 1 या 2 दूध देने वाली भैंस खरीदने के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

लागत: एक भैंस पर ₹1.21 लाख, दो भैंस पर ₹2.42 लाख

अनुदान: अनुसूचित जाति/जनजाति को 75% (₹90,750 और ₹1,81,500), अन्य वर्गों को 50% (₹60,500 और ₹1,21,000)

2. देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना

यह योजना देशी नस्ल की गायों के पालन को प्रोत्साहित करती है। इसमें दो या चार गायों की डेयरी इकाई स्थापित करने के लिए सहायता मिलती है।

लागत: दो मवेशियों के लिए ₹1.74 लाख, चार के लिए ₹3.90 लाख

अनुदान: SC/ST/अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 75%, अन्य को 50%

3. समग्र गव्य विकास योजना

इस योजना के तहत दो से बीस दुधारू मवेशियों की डेयरी इकाई के लिए अनुदान और ऋण की सुविधा उपलब्ध है।

लागत और अनुदान: दो मवेशी: ₹1.74 लाख | SC/ST को 75%, अन्य को 50%, चार मवेशी: ₹3.90 लाख | SC/ST को 75%, अन्य को 50%, 15 मवेशी: ₹15.34 लाख | सभी वर्गों को 40% अनुदान, 20 मवेशी: ₹20.22 लाख | सभी वर्गों को 40% अनुदान

कैसे करें आवेदन?

इन सभी योजनाओं के लिए आवेदन 25 जुलाई 2025 तक किया जा सकता है। इच्छुक उम्मीदवार dairy.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

0 comments:

Post a Comment