यूपी के सभी जिलों में 8800 एजुकेटर की होगी तैनाती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की परिषदीय शिक्षा प्रणाली में बच्चों के प्रारंभिक विकास को ध्यान में रखते हुए एक बड़ी और महत्त्वपूर्ण पहल की जा रही है। प्रदेश सरकार ने बालवाटिका (Pre-Primary Education) को सशक्त और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से 8800 अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ECCE) एजुकेटर की तैनाती का निर्णय लिया है। यह कदम प्रदेश के उन परिषदीय और कंपोजिट विद्यालयों में उठाया गया है जहाँ छात्र नामांकन कम है और विद्यालयों का विलय (पेयरिंग) किया जा रहा है।

चयन और तैनाती की प्रक्रिया

शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस योजना को 2024-25 की वार्षिक परियोजना में शामिल किया गया है, और इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। अब सभी ज़िलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के माध्यम से ECCE एजुकेटर की तैनाती की जाएगी। तैनाती की प्रक्रिया GeM पोर्टल (Government e-Marketplace) के माध्यम से होगी और इसे 30 सितंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

जिलावार एजुकेटर की संख्या

प्रदेश के 75 जिलों में ECCE एजुकेटरों की संख्या भी तय कर दी गई है। उदाहरणस्वरूप: रायबरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, हरदोई: प्रत्येक में 210 एजुकेटर, जौनपुर: 220, सीतापुर: 200, गोंडा: 170, बाराबंकी: 160, बहराइच: 140, सुल्तानपुर, अमेठी: 130-130, अंबेडकरनगर, लखनऊ: 90-90, श्रावस्ती: 60, और अन्य जिलों में भी आवश्यकता के अनुसार एजुकेटरों की संख्या तय की गई है।

पिछले साल की नियुक्तियों पर भी नज़र

2023 में 10,684 एजुकेटरों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस बार शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि पिछली प्रक्रिया को भी समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा ताकि पहले से चयनित एजुकेटरों की सेवाएँ भी बच्चों के हित में प्रभावी ढंग से शुरू हो सकें।

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