ATAGS: एक उन्नत और घातक तोप
ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) एक 155/52 मिमी की लंबी दूरी तक मार करने वाली आर्टिलरी तोप है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। यह प्रोजेक्ट 2012 में शुरू हुआ और अब लगभग तैयार है। इसकी एक खास बात यह है कि इसे भारत के हर भूगोल में — चाहे सियाचिन की बर्फीली चोटियाँ हों या थार का तपता रेगिस्तान — बिना किसी दिक्कत के तैनात किया जा सकता है।
सबसे सटीक निशाना लगाने वाली तोप
DRDO का दावा है कि ATAGS की एक्यूरेसी यानी निशाना साधने की क्षमता दुनिया में सबसे बेहतरीन है। यह तोप सीधे और घुमावदार दोनों प्रकार की फायरिंग में सक्षम है। इसका मतलब है कि यह दुश्मन के हर तरह के बंकर, चौकी या सैन्य ठिकाने को बेहद सटीकता से तबाह कर सकती है। इसके साथ लगे विशेष ऑप्ट्रोनिक्स साइट से यह दिन और रात में 1.5 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को सटीकता से पहचान और भेद सकती है।
स्वदेशी तकनीक और निजी भागीदारी
ATAGS पूरी तरह से भारत में विकसित की गई तकनीक का नतीजा है, जिसमें DRDO के साथ-साथ निजी कंपनियों की भी अहम भूमिका रही है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसी कंपनियों ने इसे डिजाइन और विकसित करने में मदद की है। इस भागीदारी ने यह साबित किया है कि भारत का प्राइवेट डिफेंस सेक्टर अब केवल सहयोगी नहीं, बल्कि नवाचार और निर्माण का नेतृत्व करने में सक्षम है।
हर मौसम, हर मोर्चे के लिए तैयार
ARDE (Armament Research and Development Establishment) के अधिकारियों के अनुसार, इस तोप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह हर मौसम में काम कर सके। इसका मेंटेनेंस आसान है और यह लंबे समय तक निरंतर फायरिंग करने में सक्षम है, जो युद्ध के दौरान बड़ी भूमिका निभा सकता है।
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