गणेश चतुर्थी पर बोलें ये 2 चमत्कारी मंत्र, दूर होंगे सारे विघ्न

धर्म डेस्क। गणेश चतुर्थी का पर्व हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था, जो ‘विघ्नहर्ता’ और ‘सिद्धिदाता’ के रूप में पूजे जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि गणेश चतुर्थी के दिन श्रद्धापूर्वक भगवान गणपति के कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए, तो जीवन के सभी कष्ट और विघ्न दूर हो जाते हैं।

क्यों हैं ये मंत्र चमत्कारी?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मंत्रों में अद्भुत ऊर्जा होती है। जब सही उच्चारण और विश्वास के साथ इनका जाप किया जाता है, तो वे मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। खासकर गणेश चतुर्थी के दिन, इन मंत्रों का जाप अत्यंत फलदायक माना जाता है।

बोलें ये 2 चमत्कारी मंत्र

1. ॐ गं गणपतये नमः

यह सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली गणेश मंत्र है। यह मंत्र भगवान गणपति को प्रसन्न करता है और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले इसका जाप किया जाता है। इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। इससे विघ्न बाधाएं दूर होती हैं, कार्य में सफलता मिलती है।

2. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

यह श्लोक हर शुभ कार्य की शुरुआत में बोला जाता है। यह भगवान गणेश से हर कार्य में सफलता और बिना बाधा के पूर्ण होने की प्रार्थना है। आप प्रातःकाल या पूजन के समय इसका जाप कर सकते हैं। इससे मानसिक शांति, कार्यों में गति और सफलता मिलती हैं।

कैसे करें इन मंत्रों का जाप?

प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। गणेश जी की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और पुष्प अर्पित करें। मन शांत करके एकाग्रचित्त होकर मंत्रों का जाप करें। हर जाप के बाद भगवान को प्रणाम करें।

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