धरती से आसमान तक, ये 4 देश बना चुके हैं स्पेस हथियार

नई दिल्ली। तकनीक और सैन्य शक्ति के क्षेत्र में अब युद्ध सिर्फ ज़मीन, पानी या हवा तक सीमित नहीं रहा। अंतरिक्ष अब अगला रणक्षेत्र बनता जा रहा है। कुछ देशों ने अंतरिक्ष में मिसाइल दागने और सैटेलाइट्स को निशाना बनाने जैसी क्षमताएं विकसित कर ली हैं। इससे न केवल वैश्विक सामरिक संतुलन पर असर पड़ता है, बल्कि भविष्य में अंतरिक्ष युद्ध की संभावनाएं भी तेज़ हो गई हैं।

1. अमेरिका: स्पेस डॉमिनेशन का लीडर

संयुक्त राज्य अमेरिका दशकों से स्पेस टेक्नोलॉजी और डिफेंस में अग्रणी रहा है। अमेरिका की स्पेस फ़ोर्स, सैटेलाइट डिफेंस, एंटी-सैटेलाइट वेपन (ASAT) और हाइपरसोनिक मिसाइलों पर काम कर रही है। अमेरिका के पास अंतरिक्ष में निगरानी और हमला करने दोनों क्षमताएं हैं। इसकी मिसाइलें पृथ्वी से लॉन्च होकर अंतरिक्ष में सटीक निशाना साध सकती हैं।

2. रूस: सैटेलाइट किलर मिसाइल

रूस ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट को नष्ट करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल पृथ्वी से छोड़ी जाती है और अंतरिक्ष में मौजूद लक्ष्यों को खत्म कर सकती है। रूस ने अपने ही एक पुराने सैटेलाइट को नष्ट करके दुनिया को अपनी स्पेस मिलिट्री ताकत का अहसास कराया था।

3. चीन: चुपचाप बढ़ती स्पेस आर्मी

चीन ने 2007 में दुनिया को चौंकाते हुए एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (ASAT) का सफल परीक्षण किया था, जिसमें उसने अपने ही एक सैटेलाइट को स्पेस में मार गिराया। तब से लेकर अब तक चीन अपनी PLA Strategic Support Force के तहत स्पेस डिफेंस को तेज़ी से विकसित कर रहा है। चीन के पास अब ऐसी क्षमताएं हैं जो दुश्मन के सैटेलाइट्स को जाम करने, नष्ट करने या ब्लाइंड कर सकती हैं।

4. भारत: अंतरिक्ष में मार करने वाला चौथा देश

भारत ने 2019 में "मिशन शक्ति" के तहत एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस परीक्षण में भारत ने कम पृथ्वी कक्षा (LEO) में स्थित अपने एक सैटेलाइट को मार गिराया था। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। यह DRDO और इसरो की बड़ी उपलब्धि थी, जिसने भारत की स्पेस डिफेंस क्षमताओं को दुनिया के सामने साबित कर दिया।

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