1. सरपेंटाइन नाला पर फोरलेन सड़क और भूमिगत नाला
करीब 196.80 करोड़ रुपये की लागत से पटेल गोलंबर से इको पार्क तक और फिर इको पार्क से अटल पथ तक चार लेन सड़क के साथ भूमिगत नाला का निर्माण प्रस्तावित है। यह परियोजना जल निकासी की पुरानी समस्या का स्थायी समाधान बन सकती है और यातायात व्यवस्था को भी सुगम बनाएगी।
2. बिजली व्यवस्था का आधुनिकीकरण
शहर में विद्युत ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए 328.52 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत बिजली की लाइनों को चरणबद्ध तरीके से भूमिगत किया जाएगा, जिससे न केवल शहर की दृश्यता सुधरेगी बल्कि बिजली आपूर्ति अधिक सुरक्षित और स्थिर होगी।
3. शैक्षणिक हॉस्टलों का जीर्णोद्धार
पटना के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रावासों के आधुनिकीकरण के लिए 30.02 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इससे छात्रों को बेहतर रहने की सुविधा मिलेगी और शैक्षणिक वातावरण भी अधिक अनुकूल बन सकेगा।
4. पटना हाट का निर्माण
गांधी मैदान के समीप एक नए पटना हाट के निर्माण के लिए 48.96 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई है। यह स्थान स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित और विक्रय करने का एक मंच देगा, जिससे हस्तशिल्प और स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा।
5. मंदिरी नाले पर संपर्क पथ
52.28 करोड़ रुपये की लागत से मंदिरी नाले पर एक नई फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जो जेपी गंगा पथ से जोड़ी जाएगी। यह संपर्क पथ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने में मदद करेगा और आवागमन को सुविधाजनक बनाएगा।
6. जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान परियोजना (फेज-1)
387.40 करोड़ रुपये की लागत से गंगा नदी के किनारे दीघा से गांधी मैदान तक करीब 7 किमी लंबाई में हरियाली और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जेपी गंगा पथ के दोनों ओर समग्र उद्यान विकसित किया जाएगा। यह परियोजना न केवल पटना को अधिक सुंदर बनाएगी, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी साबित होगी।
7. सभ्यता द्वार से कलेक्टरेट घाट तक विचरण पथ
12.38 करोड़ रुपये की लागत से सभ्यता द्वार से लेकर कलेक्टरेट घाट तक एक सुंदर विचरण पथ का निर्माण किया जाएगा। यह पथ स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण होगा और गंगा किनारे टहलने की संस्कृति को प्रोत्साहित करेगा।
इन सातों घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पटना के संपूर्ण और संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे वह बुनियादी ढांचा हो, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा या स्थानीय कला, हर पहलू को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की गई हैं।
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