यूपी में गन्ने की खेती करने वाले 'किसानों' के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। हाल ही में हुई भारी बारिश और जलभराव की वजह से गन्ने की फसल पर कीट और रोगों का खतरा बढ़ गया है, लेकिन अब गन्ना विकास विभाग ने इस संकट से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। किसानों की सुविधा के लिए अब खेतों में कीटनाशकों के छिड़काव का काम ड्रोन से किया जा रहा है।

ड्रोन तकनीक से खेती में नया आयाम

विभाग द्वारा राज्य भर में कुल 329 ड्रोन तैनात किए गए हैं। इन ड्रोन की मदद से अब तक 24,218 हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में प्रभावी ढंग से कीटनाशकों का छिड़काव किया जा चुका है। खास बात यह है कि जिन खेतों में जलभराव के कारण मशीन या मजदूरों के माध्यम से दवा का छिड़काव करना संभव नहीं था, वहां ड्रोन ने बड़ी आसानी से काम को अंजाम दिया है।

बढ़ते रोग और कीट - एक गंभीर चिंता

गन्ने की फसल पर इस समय कई तरह के रोग और कीट हमलावर हैं, जिनमें प्रमुख हैं: गन्ने की जड़ सड़ना (Root Rot), सफेद मक्खी, जड़ बेधक, चोटी बेधक, रेड रॉट रोग। इन सभी कीटों और बीमारियों से फसल को भारी नुकसान हो सकता है, यदि समय रहते नियंत्रण न किया जाए।

वैज्ञानिकों की सलाह और मिलों का सहयोग

विशेषज्ञों की टीमों ने किसानों को उचित कीटनाशकों के चयन और उनके छिड़काव की विधि के बारे में जानकारी दी है। इसके अलावा, चीनी मिलों द्वारा 'लाइट ट्रैप मशीनें' भी किसानों को प्रदान की जा रही हैं ताकि कीटों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। विभाग ने अपने सभी उप गन्ना आयुक्तों, जिला गन्ना अधिकारियों और मिल प्रबंधकों को रोजाना खेतों में जाकर किसानों से बातचीत करने और उन्हें तकनीकी सलाह देने के निर्देश दिए हैं।

विभाग ने गन्ना की खेती करने वाले किसानों से की अपील

गन्ना विकास विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें ताकि फसल को कीटों और बीमारियों से बचाया जा सके। इसके साथ ही, जंगली जानवरों से फसल की रक्षा के लिए भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। यदि किसानों को कोई समस्या आती है या उन्हें किसी सलाह की जरूरत होती है, तो वे विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर संपर्क कर सकते हैं।

0 comments:

Post a Comment