व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि की शुरुआत: 14 सितंबर 2025, सुबह 05:04 बजे
तिथि का समापन: 15 सितंबर 2025, देर रात 03:06 बजे
व्रत की तिथि: 14 सितंबर 2025 (अष्टमी तिथि का प्रभाव इस दिन पूर्ण रूप से रहेगा)
व्रत से जुड़ी मुख्य परंपराएं
1. नहाय-खाय (13 सितंबर 2025)
व्रत से एक दिन पहले नहाय-खाय की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन महिलाएं पवित्र स्नान के बाद शुद्ध और सात्विक भोजन करती हैं। यही दिन व्रत की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है।
2. निर्जला उपवास (14 सितंबर 2025)
जितिया व्रत के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं यानी बिना जल ग्रहण किए दिन-रात उपवास करती हैं। यह व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है, लेकिन माताएं इसे संतान की सुरक्षा और समृद्धि के लिए पूरी आस्था से निभाती हैं।
3. पारण (15 सितंबर 2025)
व्रत का पारण यानी उपवास खोलने की प्रक्रिया अगले दिन सूर्योदय के बाद की जाती है। इस दिन महिलाएं स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और फिर व्रत का समापन करती हैं।
व्रत का धार्मिक महत्व
जितिया व्रत को मातृत्व प्रेम और त्याग का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से संतान को लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है।
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