भू-मानचित्र की सुरक्षा और पुनः निर्माण की व्यवस्था
राजस्व विभाग ने आदेश जारी किया है कि यदि तहसील स्तर पर भू-मानचित्र उपलब्ध न हो या वे खराब हालत में हों, तो उन्हें नए सिरे से तैयार किया जाएगा और सुरक्षित रखा जाएगा। तहसील, जिला और राजस्व अभिलेखागार के साथ-साथ बंदोबस्त अधिकारी और सहायक अभिलेख अधिकारी के कार्यालयों में नक्शों की खोजबीन कर उन्हें संग्रहित करने का निर्देश दिया गया है। इससे न केवल नक्शे की सुरक्षा होगी बल्कि जरूरत पड़ने पर आसानी से उपलब्ध भी कराए जा सकेंगे।
अगर कहीं भू-मानचित्र नष्ट हो चुके हों या अनुपलब्ध हों, तो उनकी जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके साथ ही ऐसे मामलों में प्रयागराज स्थित निदेशक, मुद्रण एवं लेखन सामग्री कार्यालय से नक्शा प्राप्त करने का प्रयास भी किया जाएगा। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि भू-मानचित्र के अभाव में जमीन मालिकों को परेशानी न हो।
पुश्तैनी जमीन की सटीक जानकारी का लाभ
अगर फिर भी नक्शा उपलब्ध नहीं होता है, तो संबंधित ग्रामों के भू-मानचित्र नए सिरे से तैयार किए जाएंगे। इन नक्शों को सुरक्षित रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर आवेदकों को उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल जमीन मालिकों को अपनी पैतृक संपत्ति की सही और सटीक जानकारी प्राप्त करने में सहायक होगी।
विवादों के समाधान में मददगार
भू-मानचित्र की उपलब्धता से न केवल जमीन की सही पहचान होगी बल्कि जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने में भी मदद मिलेगी। यह कदम खास तौर पर उन लोगों के लिए वरदान साबित होगा जो वर्षों से अपनी जमीन की असली स्थिति जानने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
0 comments:
Post a Comment