इस बार क्यों विशेष है गणेश चतुर्थी?
पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त को दोपहर 01:54 बजे से होगा और यह तिथि 27 अगस्त को दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी। चूंकि हिन्दू धर्म में उदयातिथि (सूर्योदय के समय जो तिथि होती है) को मान्यता दी जाती है, इसलिए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शुक्ल योग और भद्रावास योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन शुभ योगों में गणेश पूजन करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
क्या है 'सर्वार्थ सिद्धि योग'?
सर्वार्थ सिद्धि योग को ज्योतिष में अत्यंत शुभ और फलदायक योग माना गया है। इस योग में किए गए पूजा-पाठ, मंत्र-जाप, व्रत और अनुष्ठान का फल कई गुना बढ़ जाता है। विशेषकर गणेश चतुर्थी जैसे पर्व पर इस योग में गणपति पूजन का विशेष महत्व है, क्योंकि भगवान गणेश विघ्नों को हरने वाले और कार्यों को सिद्ध करने वाले देवता माने जाते हैं।
शुभ मुहूर्त व पूजन विधि
गणेश स्थापना के लिए प्रातः काल का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। विधिपूर्वक षोडशोपचार पूजन करें, जिसमें दूर्वा, लाल फूल, मोदक, रोली, अक्षत और धूप-दीप का विशेष महत्व होता है। विशेषकर मोदक, भगवान गणेश का प्रिय भोग माना जाता है। भक्त 10, 11 या 21 दिनों तक घर में गणपति जी की स्थापना कर उन्हें विदाई देते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से फलदायक
गणेश चतुर्थी 2025 पर बनने वाले शुभ योग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और सौभाग्य लाते हैं। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष फलदायी होगा जो अपने जीवन में किसी नए कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं या फिर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment