8वें वेतन आयोग: 30, 40 और 50 हजार वालों की नई सैलरी?

नई दिल्ली। भारतीय सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग हमेशा एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा होता है। हर बार जब नया वेतन आयोग आता है, तो इसके फिटमेंट फैक्टर को लेकर देशभर में चर्चा होती है। वेतन आयोग की आत्मा यानी ‘फिटमेंट फैक्टर’ वह संख्या है, जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम बेसिक वेतन को ₹7,000 से ₹18,000 तक पहुंचा दिया था।

अब देश के कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आधिकारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें अभी जारी नहीं हुई हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में फिटमेंट फैक्टर के विभिन्न सुझाव सामने आ रहे हैं, जिनकी रेंज 1.92 से लेकर 2.86 तक बताई जा रही है।

अगर हम परंपरागत रुझानों को देखें तो 1.92 का फिटमेंट फैक्टर एक वास्तविक और संभावित आंकड़ा माना जा सकता है। इसी आधार पर यदि 7वें वेतन आयोग के वेतन स्तरों पर 1.92 से गुणा करें, तो सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी संभव है।

8वें वेतन आयोग के अनुमानित वेतन स्तर (फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आधार पर)

Level 5: ₹29,200 → ₹56,064 (1.92 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार)

Level 6: ₹35,400 → ₹67,968 (1.92 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार)

Level 7: ₹44,900 → ₹86,208 (1.92 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार)

Level 8: ₹47,600 → ₹91,392 (1.92 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार)

Level 9: ₹53,100 → ₹1,01,952 (1.92 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार)

इस टेबल से स्पष्ट है कि 7वें वेतन आयोग के अनुसार ₹30,000, ₹40,000 और ₹50,000 के बेसिक वेतन धारक सरकारी कर्मचारी 8वें वेतन आयोग में क्रमशः लगभग ₹56,000, ₹68,000 और ₹1,02,000 तक सैलरी की उम्मीद कर सकते हैं।

फिटमेंट फैक्टर का महत्व

फिटमेंट फैक्टर वह गुणक होता है, जो वेतन आयोग की सिफारिशों की केंद्रीय धुरी होता है। यह फैक्टर न केवल वेतन बढ़ोतरी तय करता है, बल्कि इससे वेतन की ग्रेड और पदोन्नति के पैमाने भी प्रभावित होते हैं। इसलिए सरकार और कर्मचारी दोनों ही इस फैक्टर पर बारीकी से नजर रखते हैं।

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