हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक: भविष्य की युद्धशैली
हाइपरसोनिक मिसाइलें वे हथियार हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक की रफ्तार से उड़ान भर सकती हैं। इस अत्यंत तेज गति के कारण ये मिसाइलें वर्तमान मिसाइल प्रणालियों के मुकाबले कहीं अधिक प्रभावी और चुनौतीपूर्ण साबित होती हैं। प्रोजेक्ट विष्णु में विकसित की जा रही मिसाइल, जिसका नाम ET-LDHCM (Extended Trajectory Long Duration Hypersonic Cruise Missile) है, 1500 किमी की दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगी।
स्क्रैमजेट इंजन: मिसाइल की आत्मा
प्रोजेक्ट विष्णु की सबसे बड़ी तकनीकी उपलब्धि है इसका स्क्रैमजेट इंजन (Scramjet Engine), जो मिसाइल को उड़ान के दौरान हवा से सीधे ऑक्सीजन खींचने की क्षमता प्रदान करता है। यह इंजन पारंपरिक रॉकेट इंजनों से अलग होता है, क्योंकि इसे भारी ईंधन और ऑक्सीजन के साथ अलग से कैरी करने की जरूरत नहीं होती, जिससे मिसाइल की गति और दूरी दोनों में वृद्धि होती है।
बहु-प्लेटफार्म तैनाती: युद्धक्षेत्र में लचीला विकल्प
ET-LDHCM को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे जमीन, हवा और समुद्र, तीनों से लॉन्च किया जा सकता है। यह बहु-प्लेटफार्म तैनाती इसे युद्ध क्षेत्र में बेहद लचीला और खतरनाक बनाती है। इससे दुश्मन के लिए इसकी पहचान और मुकाबला करना और भी कठिन हो जाता है।
रणनीतिक महत्व और क्षेत्रीय संतुलन
चीन और पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य साधनों और हाइपरसोनिक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, प्रोजेक्ट विष्णु भारत की रणनीतिक रक्षा क्षमताओं को बहुत मजबूत करेगा। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, जिससे भारत की परमाणु प्रत्युत्तर शक्ति में भी इजाफा होगा। इसके तेज और घातक हमले से भारत को न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा में मदद मिलेगी, बल्कि यह दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य में भी भारत की भूमिका को मजबूती देगा।
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