यूपी में 1 बड़ी खुशखबरी, लीज रेंट घटाने की तैयारी में सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ी योजनाओं का एलान किया है। राज्य सरकार उद्योगों के लिए भूमि को और सस्ती करने के साथ-साथ लीज रेंट में कटौती की तैयारी कर रही है। मंत्रियों ने औद्योगिक विकास और निवेश प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिए हैं।

औद्योगिक भूमि और क्लस्टर नीति

सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में अलग-अलग श्रेणी के उद्योगों के लिए मेरठ के खेल उद्योग की तर्ज पर विशेष क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इसमें स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा औद्योगिक भूखंड आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नीलामी की बजाय लाटरी प्रणाली अपनाने पर विचार किया जा रहा है।

सरल और समान नियम लागू होंगे

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह तय किया गया कि सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में भूखंड उपलब्ध कराने के नियम और शर्तें समान होंगी। आवंटित भूमि का उपयोग केवल उद्योग स्थापना के लिए किया जाएगा, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के भूखंड का आवंटन रद्द किया जाएगा।

प्लग एंड प्ले सुविधा और आधुनिक सुविधाएं

बैठक में सूक्ष्म उद्यमियों के लिए कम किस्तों पर शेड उपलब्ध कराने और प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित करने पर जोर दिया गया। औद्योगिक क्षेत्रों में सामुदायिक केंद्र, फायर स्टेशन, विद्युत उपकेंद्र, डिस्पेंसरी, कैंटीन और पुलिस चौकी जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

लीज रेंट और भूमि शुल्क में कटौती की तैयारी

सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि औद्योगिक भूमि पर लीज रेंट न्यूनतम हो और यदि भूखंड सरकारी भूमि पर हो तो उद्यमियों से केवल विकास शुल्क लिया जाए। किराए के स्थानों पर चल रहे उद्योगों और इकाईयों के विस्तार के लिए भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। निजी भूमि के आवंटन में कुल लागत और विकास शुल्क पर कम से कम 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी।

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