यूपी में बिछेगी 425 KM लंबी रेल लाइन, इन जिलों को खुशखबरी!

न्यूज डेस्क। उत्तर प्रदेश में रेल अवसंरचना को मजबूत करने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ चुका है। गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक लगभग 425 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही भविष्य में चौथी लाइन बिछाने की भी पूरी तैयारी चल रही है। यह परियोजना न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि मालगाड़ियों के संचालन को भी सुगम बनाएगी।

घाघरा घाट–बुढ़वल सेक्शन तैयार, जल्द शुरू होगा संचालन

इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना का एक महत्वपूर्ण चरण घाघरा घाट से बुढ़वल तक तीसरी लाइन का निर्माण अब पूरा हो चुका है। इस सेक्शन में घाघरा नदी पर बना नया रेल पुल परियोजना की मुख्य उपलब्धि माना जा रहा है। पाँच दिसंबर को रेल संरक्षा आयुक्त (उत्तर-पूर्व सर्किल) इस नई लाइन का निरीक्षण एवं स्पीड ट्रायल करेंगे। निरीक्षण पूरा होते ही इस मार्ग पर ट्रेनों का नियमित संचालन शुरू होने की उम्मीद है।

तीव्र गति से चल रहा मल्टीट्रैकिंग का काम

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार, पूरी जोन में मल्टीट्रैकिंग का कार्य तेज़ी से जारी है। इसके पूरा होने पर ट्रेन संचालन की क्षमता बढ़ेगी और समयपालन में भी उल्लेखनीय सुधार होगा। छपरा ग्रामीण–छपरा तथा कुसम्ही–डोमिनगढ़ सेक्शनों में तीसरी लाइन पहले ही चालू की जा चुकी है। इसी क्रम में गोंडा–बुढ़वल (61.72 किमी) खंड में भी गोंडा कचहरी से घाघरा घाट तक तीसरी लाइन को चालू किया जा चुका है।

कैसे बदल जाएगी यात्रा?

तीसरी रेल लाइन शुरू होने से यात्रियों को कई फायदे मिलेंगे। ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी, जिससे भीड़ कम होगी। लाइन क्षमता बढ़ने से ट्रेनों की समयपालन क्षमता सुधरेगी। मालगाड़ियों का संचालन तेज होगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। पड़ोसी राज्यों और जिलों के बीच यात्रा और बेहतर व निर्बाध हो जाएगी।

परियोजना की लागत

गोंडा–बुढ़वल तीसरी लाइन परियोजना पर लगभग 1117 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस पूरी परियोजना के पूर्ण होने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण मार्गों पर जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि तीसरी लाइन के बाद चौथी लाइन का काम भी योजना में है, जिससे आने वाले वर्षों में यह पूरा कॉरिडोर देश के सबसे व्यस्त और अत्याधुनिक रेल मार्गों में शामिल हो सकता है।

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