सरकार की इस पहल से किसानों को खेती के लिए अब 5 साल और उससे अधिक अवधि तक के लिए लोन मिल सकेगा, और वह भी बेहद कम ब्याज दर पर। इसके लिए सहकारी ग्राम विकास बैंकों को माध्यम बनाया गया है। योजना में नाबार्ड (NABARD) की मदद से इन बैंकों को 8% ब्याज दर पर फंड मुहैया कराया जाएगा, जबकि किसानों को केवल 3% से 5% की रियायती ब्याज दर पर लोन मिलेगा। सरकार इस अंतर को ब्याज अनुदान के रूप में वहन करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नाबार्ड और सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों की लोन वितरण क्षमता को बढ़ाया जाए और शाखाओं के आधुनिकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
भंडारण क्षमता बढ़ेगी, बनेंगे 100 नए गोदाम
राज्य सरकार कृषि उत्पादों के भंडारण को लेकर भी बड़ी पहल करने जा रही है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अब तक 1060 गोदामों के माध्यम से 1.17 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता विकसित की जा चुकी है। अब वर्ष 2025-26 तक 100 नए गोदामों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इन गोदामों की क्षमता 500 से 1000 मीट्रिक टन के बीच होगी और इनका निर्माण प्रदेश के 16 जिलों में 23 बी-बैक्स केंद्रों पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भंडारण व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा है कि इसके लिए एक प्रभावी नीति बनाई जाए।
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