फ्यूचर वॉर की तैयारी शुरू: अमेरिका से लेकर भारत तक, 6th जनरेशन जेट्स की रेस तेज़!

नई दिल्ली। दुनिया एक बार फिर हवाई ताकत की नई क्रांति की ओर बढ़ रही है। पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स जैसे F-35 और Su-57 के बाद अब अगली दौड़ छठी पीढ़ी (6th Generation) के फाइटर जेट्स की शुरू हो चुकी है — और इसमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और अब भारत भी पूरी ताकत के साथ उतर चुके हैं।

इन अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को सिर्फ स्पीड या स्टील्थ तक सीमित नहीं रखा गया है। इनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), हाइपरसोनिक गति, डॉगफाइट में बिना पायलट भागीदारी, नेटवर्क वॉरफेयर क्षमता और सेंसर्स फ्यूजन जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को शामिल किया जा रहा है, जो हवाई युद्ध की पूरी परिभाषा बदल देंगे।

अमेरिका: NGAD (Next Generation Air Dominance)

अमेरिका का अगला युद्धक प्रोजेक्ट "NGAD" वायु सेना के लिए तैयार हो रहा है, जिसमें AI-ड्रिवन हथियार प्रणाली, स्वायत्त ड्रोन्स का झुंड और हाई-स्पीड डेटा लिंक जैसी क्षमताएं होंगी। रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका का लक्ष्य है कि वह 2030 के बाद अपनी वायु सेना को 6th जनरेशन प्लेटफॉर्म्स से लैस कर दे।

चीन: गुपचुप तैयारी, लेकिन तेज़ रफ्तार

चीन भी 6th जनरेशन जेट्स प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। माना जा रहा है कि पीएलए (PLA) के लिए तैयार हो रहे इस फाइटर जेट में ड्यूल-पायलट AI कॉम्बैट सपोर्ट, हाइपरसोनिक मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं होंगी। विश्लेषकों के मुताबिक चीन इसे जल्द से जल्द अमेरिका को टक्कर देने के लिए तैनात करना चाहता है।

रूस: भी नई पीढ़ी के जेट्स के लिए तैयार

रूस की सुकोई और मिकोयान कंपनियां मिलकर एक नई जनरेशन का मल्टी-रोल फाइटर विकसित कर रही हैं। इसमें AI-पावर्ड हथियार प्रणाली और बिना पायलट लड़ाकू ड्रोन की टीमिंग पर काम हो रहा है। हालांकि, रूस की अर्थव्यवस्था और यूक्रेन युद्ध के कारण इसकी गति कुछ धीमी मानी जा रही है।

यूरोप: फ्रांस-जर्मनी-ब्रिटेन की त्रिशक्ति

यूरोपीय देश मिलकर "FCAS (Future Combat Air System)" और "Tempest" नामक दो बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। ये जेट्स न केवल आधुनिक होंगे, बल्कि पूरी एक डिजिटल कॉम्बैट इकोसिस्टम के साथ जुड़ेंगे। इनका उद्देश्य है कि ये विमान ड्रोन स्वार्म, सैटेलाइट कम्युनिकेशन और साइबर डिफेंस से लैस हों।

भारत: AMCA के बाद अब भारत की नज़र 6th जनरेशन पर

भारत ने हाल ही में पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर AMCA के विकास को मंज़ूरी दी है। लेकिन इसके साथ ही भारत 6th जनरेशन प्लेटफॉर्म की रूपरेखा पर भी काम शुरू कर चुका है। DRDO और ADA (एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) ने संकेत दिए हैं कि AMCA की आधारभूत टेक्नोलॉजी को भविष्य में 6th जनरेशन लेवल तक अपग्रेड किया जाएगा।

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