बेटियों के अधिकारों में क्रांतिकारी बदलाव
1 .जन्म से समान अधिकार: बेटियां भी बेटों की तरह पारिवारिक संपत्ति में समान हिस्सेदार होती हैं।
2 .विवाह का कोई प्रभाव नहीं: बेटियों का विवाह उनके संपत्ति अधिकारों को प्रभावित नहीं करता।
3 .वापस दावा करने का अधिकार: बेटियां पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के लिए कोर्ट में दावा कर सकती हैं।
4 .विरासत का समान अधिकार: बेटियां भी पिता की संपत्ति में समान रूप से हिस्सेदार होती हैं, चाहे पिता का निधन कब हुआ हो।
बिहार सरकार के नए संपत्ति रजिस्ट्री नियम, 2024:
1 .बेटियों की सहमति आवश्यक: यदि कोई बेटी अपनी हिस्सेदारी छोड़ना चाहती है, तो उसे लिखित में सहमति देनी होगी।
2 .सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य: संपत्ति के बंटवारे के समय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहेंगे, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
3 .रजिस्ट्री से पहले बंटवारा: संपत्ति की रजिस्ट्री से पहले पारिवारिक बंटवारा अनिवार्य होगा, जिससे अवैध बिक्री और विवादों की संभावना कम होगी।
4 .पारिवारिक सहमति से बंटवारा: यदि परिवार के अधिकांश सदस्य सहमत हैं, तो बंटवारा किया जा सकता है, भले ही कुछ सदस्य असहमत हों।
बेटों और बेटियों के समान अधिकार
1 .समान हिस्सेदारी: बेटों और बेटियों दोनों को पारिवारिक संपत्ति में समान हिस्सेदारी का अधिकार है।
2 .कानूनी अधिकार: यदि किसी बेटी को उसकी हिस्सेदारी से वंचित किया जाता है, तो वह कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
3 .विवाह का कोई प्रभाव नहीं: बेटी का विवाह उसके संपत्ति अधिकारों को प्रभावित नहीं करता, वह अपनी हिस्सेदारी का दावा कर सकती है।
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