बाढ़ राहत के लिए अग्रिम तैयारी
मुख्य सचिव द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार, इस बार बाढ़ राहत शिविरों में साफ-सफाई, भोजन, चिकित्सा और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए फर्मों के माध्यम से संविदा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। खास बात यह है कि प्री-टेंडरिंग प्रक्रिया 30 मई तक पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे समय पर सभी व्यवस्थाएं मुकम्मल की जा सकें।
ये होंगी प्रमुख जिम्मेदारियां
सफाई कर्मचारी: बाढ़ शरणालयों में 25 व्यक्तियों पर एक शौचालय का मानक तय किया गया है, जिसकी नियमित सफाई के लिए कर्मचारियों की तैनाती अनिवार्य होगी।
भोजन व्यवस्था: सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना—हर चीज का मेन्यू पहले से तय कर दिया गया है। इसे फर्मों के माध्यम से संविदा कर्मचारी उपलब्ध कराएंगे।
लॉजिस्टिक सपोर्ट: टेंट, शौचालय, पेयजल, बिजली, बिस्तर, कपड़े और चिकित्सा जैसी सभी व्यवस्थाएं किराये के संसाधनों से पूरी की जाएंगी।
युवाओं को रोजगार की उम्मीद
आपको बता दें की इस पहल से हजारों युवाओं को संविदा के तहत रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां बाढ़ की आशंका ज्यादा रहती है, वहां स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दिए जाने की बात भी सामने आ रही है।
बाढ़ शरणालयों में व्यवस्था का नया खाका
राज्य सरकार इस बार बाढ़ राहत शिविरों को सिर्फ एक आश्रय स्थल नहीं बल्कि एक सुव्यवस्थित राहत केंद्र के रूप में तैयार कर रही है। यहां नायब तहसीलदार स्तर से नीचे कोई नोडल अधिकारी नहीं होगा, ताकि निर्णय लेने और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने में देरी न हो।
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