बता दें की यह नीति केवल वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लागू की गई है और इसमें साफ निर्देश दिए गए हैं कि 15 जून के बाद कोई भी ट्रांसफर नहीं होगा। इसके तहत समूह ‘क’ और ‘ख’ के उन अधिकारियों का तबादला अनिवार्य होगा जिन्होंने अपने सेवाकाल में किसी जनपद में 3 वर्ष और किसी मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
स्थानांतरण की सीमा तय:
सरकार ने विभागीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर की सीमा भी निर्धारित की है। समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकतम 20% अधिकारी ही स्थानांतरित किए जा सकेंगे। जबकि, समूह ‘ग’ और ‘घ’ के अधिकतम 10% कर्मचारी ट्रांसफर की सीमा में आएंगे।
सरकार का कहना है कि इस नीति का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना, प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। अधिकारियों के लंबे समय तक एक ही स्थान पर टिके रहने से जहां कार्यकुशलता पर असर पड़ता है, वहीं विभिन्न हितों का टकराव भी जन्म लेता है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार ट्रांसफर की समयसीमा और नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा।
विभागों को निर्देश:
सभी विभागों को अपने यहां कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार कर संवर्गवार रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है ताकि नियमानुसार समयबद्ध तरीके से तबादले किए जा सकें। 15 मई से 15 जून के बीच ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
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