उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए एडेड हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों को संशोधित कर दिया है। यह फैसला प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। अब इन स्कूलों में भी सरकारी स्कूलों जैसी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यताएं अनिवार्य होंगी।
बोर्ड ने भेजा था प्रस्ताव, शासन ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में एक प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसमें इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 के तहत चल रही पुरानी प्रणाली को बदलने की सिफारिश की गई थी। बोर्ड का सुझाव था कि टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और पीजीटी (प्रवक्ता) पदों की भर्ती में वही शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए जो राजकीय स्कूलों में लागू है। शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए नई नियमावली लागू कर दी है।
क्या हैं नए नियमों के 5 बड़े बदलाव
1 .बीएड डिग्री अनिवार्य: अब एडेड इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पद (PGT) के लिए बीएड डिग्री अनिवार्य कर दी गई है, जैसा कि राजकीय विद्यालयों में होता है।
2 .कुछ विषयों को मिली छूट: होम साइंस, सिलाई, आर्ट, कॉमर्स और मिलिट्री साइंस जैसे विषयों में बीएड अनिवार्यता से छूट दी गई है।
3 .आर्ट विषय की नई मान्यता: अब टीजीटी आर्ट की भर्ती में बीएफए (बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) जैसी डिग्रियों को मान्यता दी जाएगी। पुराने नियमों में लाहौर के मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की डिग्री भी मान्य थी, जिसे अब हटा दिया गया है।
4 .कंप्यूटर विषय में बदलाव: कंप्यूटर विषय में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अब बीएड अनिवार्य नहीं है, लेकिन बीटेक या बीई जैसी अन्य डिग्री अभी भी जरूरी हैं।
5 .न्यूनतम योग्यता का समरूपीकरण: हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में अब सरकारी स्कूलों जैसी शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी।
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