राफेल vs F-16 कंपेरिजन: दोनों देशों की ताकत का सच जानिए

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य ताकत की बात हो और लड़ाकू विमानों की चर्चा न हो, ऐसा हो नहीं सकता। भारत के पास है फ्रांस निर्मित राफेल, तो पाकिस्तान भरोसा करता है अमेरिका के F-16 पर। दोनों देश अपने-अपने फाइटर जेट्स को लेकर दावा करते हैं कि उनके पास श्रेष्ठ हथियार हैं, लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेटिंग और तकनीकी डिटेल्स को देखा जाए, तो तस्वीर कुछ और ही बयां करती है।

1. रडार से बचने की क्षमता: अदृश्यता में राफेल आगे

राफेल की सबसे बड़ी ताकत है उसकी अदृश्यता यानी Radar Evasion क्षमता। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने राफेल को इस मामले में 10 में से 9 अंक दिए हैं। यह इसे दुश्मन की नजर से छिपने में बेहद सक्षम बनाता है। वहीं, पाकिस्तान के एफ-16 को इस मामले में 7.8 रेटिंग मिली है, जो इसे कमजोर नहीं, लेकिन राफेल के मुकाबले कमतर जरूर बनाती है।

2. हथियार प्रणाली और मारक क्षमता

दोनों जेट अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय रेटिंग बताती है कि राफेल को हथियारों की क्षमता के लिए 8.6/10, जबकि एफ-16 को 7.9/10 अंक दिए गए हैं। राफेल में Meteor, SCALP जैसी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें लगी हैं, जो हवा में ही दुश्मन के विमान को खत्म कर सकती हैं।

3. चढ़ाई की रफ्तार और गति

राफेल प्रति मिनट 60,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है, जो इसे किसी भी मिशन के लिए तेज रिएक्शन क्षमता प्रदान करता है। जबकि एफ-16 इस मामले में पीछे नहीं है, लेकिन इसकी चढ़ाई दर 50,000 फीट प्रति मिनट है। गति की बात करें तो राफेल की टॉप स्पीड 2,223 किमी/घंटा है, जबकि एफ-16 थोड़ी आगे है, इसकी स्पीड 2,414 किमी/घंटा है।

4. आकार, ताकत और पेलोड क्षमता में कौन भारी?

राफेल का डिजाइन इसे ज्यादा स्थिर और ताकतवर बनाता है। इसके डैनों की लंबाई 10.90 मीटर और कुल लंबाई 15.30 मीटर है, जबकि एफ-16 के डैनों की लंबाई 9.96 मीटर और कुल लंबाई 15.06 मीटर है। भारतीय राफेल का वजन लगभग 10 टन है और यह 24.5 टन तक हथियार लेकर उड़ सकता है। जबकि एफ-16 का वजन लगभग 9.2 टन है और इसकी अधिकतम हथियार ले जाने की क्षमता 21.7 टन है। यानी पेलोड में भी राफेल भारी है।

5. रेंज और जनरेशन का फर्क

यहां एफ-16 को थोड़ी बढ़त मिलती है। इसकी फेरी रेंज 4,220 किमी है, जबकि राफेल की 3,700 किमी है। लेकिन तकनीकी जेनरेशन के मामले में राफेल फिर आगे है। यह एक 4.5 जनरेशन फाइटर जेट है, जबकि एफ-16 अब भी 4th जनरेशन श्रेणी में आता है।

6. परमाणु क्षमता और सेमी-स्टेल्थ डिजाइन

राफेल न केवल सेमी-स्टेल्थ तकनीक से लैस है, बल्कि यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। यह भारत के न्यूक्लियर ट्रायड का अहम हिस्सा बन चुका है। दूसरी ओर, एफ-16 के पाकिस्तानी वेरिएंट में परमाणु हथियार ले जाने की पुष्टि नहीं हुई है, जिससे इसकी सामरिक उपयोगिता कुछ सीमित रह जाती है।

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