भारत का 'शक्तिशाली वार': Rudram-3 मिसाइल से अब दुश्मन की आंखें होंगी बंद!

नई दिल्ली। भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को और भी अधिक धारदार बनाते हुए Rudram-3 मिसाइल तैयार कर लिया हैं। यह मिसाइल दुश्मन की रडार और संचार प्रणालियों को जड़ से खत्म करने में सक्षम है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल भारत के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के क्षेत्र में बड़ी छलांग साबित होगी और चीन-पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों की रणनीति को पूरी तरह ध्वस्त करने की ताकत रखती है।

क्या है Rudram-3?

Rudram-3, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई एक अत्याधुनिक एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे विशेष रूप से शत्रु के रडार स्टेशन, संचार टावर, और एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है और इसे लड़ाकू विमानों जैसे Su-30MKI से लॉन्च किया जा सकता है।

दुश्मन की ‘आंखें’ होंगी बंद

Rudram-3 की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह दुश्मन के रडार और निगरानी प्रणालियों को पहले चिन्हित करती है, फिर उन्हें सटीकता के साथ तबाह कर देती है। इसका मतलब है कि युद्ध के दौरान दुश्मन की सबसे बड़ी ताकत – उसकी आंख और कान – यानि रडार और कम्युनिकेशन सिस्टम, पूरी तरह से बंद हो जाएंगे।

रेंज और क्षमता

इस मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 550 किलोमीटर तक है, जो इसे दूरी से हमला करने वाली अत्याधुनिक हथियार प्रणाली बनाती है। इसमें होमिंग हेड तकनीक है, जिससे यह दुश्मन की रेडियो तरंगों को पकड़कर सीधा वार करती है।

चीन-पाक के लिए खतरे की घंटी

विशेषज्ञ मानते हैं कि Rudram-3 की तैनाती भारत की रणनीतिक बढ़त को और मजबूत कर देगी। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की एयर डिफेंस सिस्टम और युद्ध नियंत्रण प्रणाली को यह मिसाइल बुरी तरह पंगु बना सकती है। युद्ध की स्थिति में यह भारत को पहला और निर्णायक वार करने की बढ़त दे सकती है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम

Rudram-3 न केवल तकनीकी रूप से अत्याधुनिक है, बल्कि यह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। इससे भारत की रक्षा जरूरतों के लिए विदेशी निर्भरता कम होगी और घरेलू रक्षा उद्योग को नई दिशा मिलेगी।

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