भारत का अब अगला आसमानी शेर: तेजस मार्क-2 की तैयारी!

नई दिल्ली | देश की रक्षा क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देने जा रहा है भारत का अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान — तेजस मार्क-2। ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत विकसित यह फाइटर जेट न केवल भारत की वायुसेना को मजबूती देगा, बल्कि वैश्विक रक्षा बाज़ार में भी देश की उपस्थिति को और सशक्त बनाएगा।

तेजस का नया रूप, नई शक्ति

तेजस मार्क-2, भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस का उन्नत संस्करण है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित इस नए वर्जन में पहले के मुकाबले कई अत्याधुनिक तकनीकी सुधार किए गए हैं। इसका डिज़ाइन और इंजन, दोनों को नई पीढ़ी के युद्ध की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

यह विमान GE-F414 इंजन से लैस है, जो इसे पहले से अधिक शक्तिशाली और तेज बनाता है। तेजस मार्क-2 की अधिकतम गति 2,000 किमी/घंटा से अधिक है, और यह 7,500 किलोग्राम तक हथियार लेकर उड़ान भर सकता है। यह 2026 तक उड़ान भरेगा।

डिज़ाइन और तकनीक में आत्मनिर्भरता की झलक

तेजस मार्क-2 में भारत द्वारा विकसित एडवांस एवियोनिक्स, AESA रडार, इंटरनल वार सिस्टम और आधुनिक कॉकपिट लगाया गया है। यह विमान अब मल्टी-रोल कैपेबिलिटी के साथ तैयार है — यानी यह दुश्मन के ठिकानों पर हमला, हवाई लड़ाई, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और निगरानी — हर मिशन में सक्षम है।

भारतीय वायुसेना की ताकत में क्रांतिकारी इजाफा

भारतीय वायुसेना के अनुसार, तेजस मार्क-2 की पहली स्क्वाड्रन को 2028 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा। यह नया प्लेटफॉर्म पुराने मिराज-2000, जगुआर और मिग-29 जैसे विमानों की जगह लेगा। इससे भारत की वायु रक्षा प्रणाली और अधिक मॉडर्न और आत्मनिर्भर बनेगी।

तेजस मार्क-2 सिर्फ घरेलू जरूरतों तक सीमित नहीं रहेगा। रक्षा मंत्रालय और HAL का लक्ष्य है कि इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पेश किया जाए। पहले ही तेजस के मौजूदा वर्जन को कई देशों ने खरीदने में रुचि दिखाई है, और मार्क-2 की बढ़ी हुई क्षमताएं इसे और भी अधिक आकर्षक विकल्प बनाएंगी।

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