कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगा, जिनकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है। इसमें शामिल हैं: दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, निर्माण श्रमिक, रिक्शा चालक, खेतिहर मजदूर, सफाई कर्मचारी, दर्जी, मोची, माली, धोबी आदि। इन सभी को सरकार वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देने का प्रयास कर रही है।
कैसे काम करती है योजना?
18 से 40 वर्ष तक के आयु वर्ग के श्रमिक इस योजना में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें हर महीने एक निश्चित राशि का अंशदान करना होता है, जो उनकी उम्र पर निर्भर करता है। यह योगदान ₹55 से ₹200 के बीच होता है। खास बात यह है कि सरकार भी श्रमिक के योगदान के बराबर की राशि जोड़ती है।
एक उदाहरण से समझिए:
अगर कोई श्रमिक 30 वर्ष का है, तो उसे हर महीने ₹100 का अंशदान करना होगा। सरकार भी ₹100 का योगदान जोड़ेगी। इस प्रकार, कुल ₹200 का मासिक निवेश होगा। 60 वर्ष की उम्र में उस व्यक्ति को हर महीने ₹3,000 की पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी, जीवनभर के लिए।
कैसे करें आवेदन?
नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन करें
आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर साथ ले जाएं
अंशदान राशि आपकी उम्र के अनुसार तय की जाएगी
रजिस्ट्रेशन के बाद पेंशन कार्ड और रसीद तुरंत मिल जाएगी
क्यों है यह योजना खास?
भारत जैसे देश में जहां करोड़ों लोग आज भी दो वक्त की रोटी के लिए जूझ रहे हैं, वहां यह योजना केवल आर्थिक मदद नहीं बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकती है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पहली बार इस तरह की दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा देने का प्रयास किया गया है।
0 comments:
Post a Comment